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मुंबई की तर्ज पर डेवलेप होंगे हरियाणा के तीन शहर, उपलब्ध होगी हर सुविधा

Three cities developed as export hub : हरियाणा के तीन शहरों को निर्यात के हब के तौर पर चिह्नित किया गया है। इन शहरों में केंद्र सरकार की ओर से डेवलेपमेंट कराया जाएगा। इन शहरों के डेवलेप होने से यहां रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

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Three cities developed as export hub : मुंबई की तर्ज पर बनाए जाएंगे हरियाणा के ये तीन शहर

HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)। केंद्र सरकार (Central government) ने निर्यात  (export) को प्रोत्साहित करने के लिए देश के 75 जिलों का चयन किया है। औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Area) में विशेष पहचान वाले इन जिलों में 3 हरियाणा के हैं जिनमें औद्यौगिक गतिविधियों को विशेष प्रोत्साहन (incentive) दिया जाने वाला है। 

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फरीदाबाद (Faridabad) को वाहनों के उपकरण और इंजीनियरिंग सामान (engineering goods), पानीपत को हस्त निर्मित कारपेट (hand made carpet of panipat) और कपड़ा तथा गुरुग्राम को इंजीनियरिंग सामान (engineering goods to gurugram) और सेवा क्षेत्र (bpo) में निर्यात हब के रूप में तैयार करने के लिए पूरी योजना तैयार हो गई है।

इन अन्य शहरों का हुआ चयन


विदेश व्यापार महानिदेशालय (directorate general of foreign trade) ने निर्यात हब (export hub) बनाने के लिए जिन औद्योगिक जिलों को इसमें शामिल किया है। इनमें हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ (Chandigarh) के साथ ही पड़ोसी राज्य  शिमला और सोलन, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कानपुर, वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर, भदोही (Bhadohi),  और मुरादाबाद, उत्तराखंड के देहरादून और हरिद्वार तथा पंजाब के जलंधर, लुधियाना और साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली) को शामिल किया गया है।

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लगेंगे नए उद्योग


विदेश व्यापार महानिदेशालय ने चयनित जिलों को औद्योगिक विशेषताओं (industrial characteristics) के आधार पर निर्यात हब (export hub) बनाने की रणनीति बनाई है। गुरुग्राम, फरीदाबाद और पानीपत (Gurugram, Faridabad and Panipat) हरियाणा के पुराने औद्योगिक शहर हैं जहां निर्यात की अपार संभावनाएं दिखती हैं। हरियाणा सरकार की मदद से न केवल बड़े उद्योगों, बल्कि स्थानीय लघु एवं कुटीर उद्योगों (local small and cottage industries) को विशेष प्रोत्साहन पैकेज देकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए इन्हें तैयार किया जाएगा।

अधिकारियों को सख्त निर्देश


केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल (Engineering Export Promotion Council) के रीजनल डायरेक्टर राकेश कुमार ने बताया कि चयनित जिलों को निर्यात हब के रूप में तैयार करने के लिए Central government  के स्पष्ट निर्देश हैं कि उन्हें नतीजे चाहिए। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर अफसरों की जवाबदेही तय कर दी है। उद्योगों के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार मिलकर क्लस्टर (cluster) बनाकर विभिन्न तरह की सुविधाएं मुहैया करवाएगी।

स्थानीय व्यापारियों को भी होगा फायदा


सूक्ष्म, लघु एवं कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही प्रदेश सरकार ने अब वन डिस्ट्रिक-वन प्रोडक्ट योजना (One District-One Product Scheme) से आगे बढ़ते हुए ब्लाक स्तर पर ‘वन ब्लाक-वन प्रोडक्ट’ योजना को सिरे चढ़ाना शुरू कर दिय। इससे छोटे उद्योगों को लाभ मिलेगा। सभी खंडों में 50-50 एकड़ के औद्योगिक क्लस्टर बनाए जाएंगे (Industrial clusters will be created) जिससे स्थानीय लघु उद्योगों को नई पहचान मिलेगी। औद्योगिक क्लस्टर में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए सुविधाओं से लैस वन स्टाप सेंटर होगा यहां पैकेजिंग, शिपिंग आदि की सुविधाएं होंगी। इस तरह छोटे उद्यमी गांव में बनने वाले अपने उत्पादों को आसानी से विदेश में बेच सकेंगे और अच्छी खासी कमाई कर सकेंगे।