Train: 180 किमी की स्पीड से दौड़कर इस ट्रेन ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, लोग बोले- बुलेट ट्रेन तो नहीं!
HR Breaking News, New Delhi: रेलवे आए दिन विकास के नित नए आयाम स्थापित कर रहा है. रेलवे जहां यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाओं के देने के बारे में काम कर रहा है. वहीं इनफ्रास्टक्चर के क्षेत्र में भी काम कर रहा है. इस कड़ी रेलवे ने देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत का ट्रायल किया. आपको बता दें इस ट्रेन की स्पीड 200 किलोमीटर प्रतिघंटा है. भारतीय रेलवे का भविष्य कही जाने वाली वंदे भारत ने एक ट्रायल रन के दौरान 180 किमी प्रति घंटे की गति सीमा को तोड़ दिया. यह रेलवे के लिए एक नई कामयाबी है. वीडियो शेयर करते हुए अश्विनी वैष्णव ने ट्विटर पर लिखा, "आत्मनिर्भर भारत की रफ़्तार…"
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दोनों तरफ होते हैं ड्राइवर केबिन
वंदे भारत ट्रेन को शताब्दी के विकल्प के तौर पर लाया जा रहा है. इस ट्रेन की क्षमता 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार की है. हालांकि, इसके लिए अनुकूल ट्रैक और ग्रीन सिग्नल की अत्यंत आवश्यकता होती है. नई वंदे भारत में 16 कोचों के साथ शताब्दी एक्सप्रेस के समान यात्री ले जाने की क्षमता होगी. इसमें दोनों सिरों पर ड्राइवर केबिन हैं. वंदे भारत एक्सप्रेस पूरी तरह से वातानुकूलित ट्रेन है. रेलवे इस ट्रेन से यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित यात्रा प्रदान करने का दावा करता है.
अहमदाबाद और मुंबई के बीच चल सकती है नई वंदे भारत
इस ट्रेन के दूसरे चरण का ट्रायल रन कोटा-नागदा सेक्शन पर शुरू हुआ. रेलवे के मुताबिक, ट्रायल रन पूरा होने के बाद इसकी रिपोर्ट रेलवे सेफ्टी कमिश्नर को भेजी जाएगी. सुरक्षा आयुक्त से हरी झंडी मिलने के बाद नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन दूसरे नए रूट पर चलने लगेगी. बताया जा रहा है कि नई ट्रेन अहमदाबाद और मुंबई के बीच चलाई जा सकती है. नई ट्रेनों में यात्रा को सुरक्षित और अधिक आरामदायक बनाने के लिए ऑटोमेटिक फायर सेंसर, सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस सिस्टम लगे होंगे. इन ट्रेनों की अधिकतम गति 200 किमी/घंटा तक है. ICF ने अगस्त 2023 तक 75 वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण का लक्ष्य रखा है.
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नई ट्रेनों में 'कवच' तकनीक लगाई जा रही
पिछली ट्रेनों की तुलना में हल्के डिब्बे होने के कारण नई ट्रेनों में यात्रा करना अधिक आरामदायक होगा. कोच स्टेनलेस स्टील के बने हैं. वजन कम होने के कारण यात्री तेज रफ्तार में भी ज्यादा सहज महसूस करेंगे. इसके अलावा, इस नई ट्रेन में पायलट द्वारा संचालित ऑटोमेटिक गेट हैं. इसकी खिड़कियां चौड़ी हैं. सामान रखने के लिए भी जगह ज्यादा है. इस ट्रेन का ज्यादातर हिस्सा 'मेड इन इंडिया' है. यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी नई ट्रेनों में 'कवच' तकनीक लगाई जा रही है, ताकि एक ही ट्रैक पर दूसरे ट्रेन के आने की स्थिति में ऑटोमेटिब ब्रेक लगाया जा सके. आपको बता दें कि देश में अभी दो रूटों पर वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं.