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Vastu Tips: इस दिशा में भूलकर भी न सोएं शादीशुदा महिलाएं, जानिए वजह

वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर-पश्चिम (North west) दिशा हमें दीर्घायु, स्वास्थ्य एवं शक्ति प्रदान करती है. यह दिशा व्यवहार में परिवर्तन की सूचक है. आइए जानते हैं उत्तर-पश्चिम दिशा से जुड़ी खास बातें.
 
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HR Breaking News, Digital Desk- वास्तु शास्त्र (Vastu Shashtra) के अनुसार घर की सभी दिशाएं महत्‍वपूर्ण मानी जाती हैं. पश्चिम एवं उत्तर के मध्य में स्थित उत्तर-पश्चिम दिशा वायव्य कहलाती है. उत्तर-पश्चिम (North west) दिशा हमें दीर्घायु, स्वास्थ्य एवं शक्ति प्रदान करती है. यह दिशा व्यवहार में परिवर्तन की सूचक है. 


यदि उत्तर-पश्चिम दिशा खराब हो तो मित्र शत्रु बन जाते हैं. इसके साथ ही ऊर्जा खत्म हो जाती है. आयु क्षीण होती है. जातक के अच्छे व्यवहार में परिवर्तन हो जाता है और घमंड की मात्रा भी बढ़ जाती है. आइए जानते हैं उत्तर-पश्चिम दिशा से जुड़ी खास बातें.

1.  यदि आपके घर में नौकर है तो उसका कमरा उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए.

2.  घर के वायव्य कोण में विवाहित महिलाओं को नहीं सोना चाहिए. इस  दिशा में सोने से वो अलग घर बसाने का सपना देखने लगती हैं. 
3. वहीं, उत्तर-पश्चिम दिशा में कुवांरी कन्याओं को सोना चाहिए, इससे विवाह का योग मजबूत होता है. 


4. शौचालय के लिए वायव्य कोण या दक्षिण दिशा के मध्य का स्थान भी उपयुक्त है. शौचालय में सीट इस प्रकार हो कि उस पर बैठते समय आपका मुख दक्षिण या उत्तर की ओर होना चाहिए. 
5. बच्चों की पढ़ाई के लिए उनकी स्टडी टेबल, चेयर आदि ईशान, उत्तर या उत्तर वायव्य कोण में ही रखना जरूरी होता है. जबकि बुक्स की अलमारी पश्चिम या दक्षिण  दिशा में रखनी शुभ होती है.

6. ध्यान रहे कि टेबल लैंप हमेशा टेबल के दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए. 
7. उत्तर-पश्चिम दिशा में दोष के लिए एक छोटा फव्वारा या मछली घर (aquarium) स्थापित करना चाहिए. जिसमें आठ सुनहरी मछलियां व एक काली मछली हो.