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Windfall Tax : डीजल की कीमतों पर पड़ेगा असर, सरकार ने बढ़ा दिया है विंडफॉल टैक्स

हाल ही में सरकार ने डीजल को लेकर ये फैसला किया है के इसपर Windfall Tax बढ़ाया जा रहा है। विंडफॉल टैक्स बढ़ाने से क्या डीजल की कीमतें घटेगी या बढ़ेगी आइये जानते हैं 
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HR Breaking News, New Delhi : सरकार ने डीजल और विमान ईंधन ATF के निर्यात पर लगने वाले Windfall Tax में बढ़ोतरी करने का शनिवार को ऐलान किया. इसके अलावा घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर भी टैक्स को बढ़ा दिया गया है. वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में इस दर में बढ़ोतरी की जानकारी दी. अब डीजल के निर्यात पर लगने वाला Windfall Tax 12 रुपये प्रति लीटर हो गया है. जबकि, ATF पर अब 3.50 रुपये प्रति लीटर कर लगेगा.

वहीं, घरेलू स्तर पर निकाले गए कच्चे तेल पर शुल्क को 3,000 रुपये तक बढ़ाकर 11,000 रुपये प्रति टन करने की घोषणा की गई. नई दरें रविवार से लागू हो जाएंगी.

इससे पहले हुई थी कटौती


इसके पहले लगातार दो पखवाड़ों में विंडफॉल टैक्स में कटौती की गई थी. लेकिन, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में हाल में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए इस बार कच्चे तेल, डीजल और एटीएफ पर शुल्क बढ़ाने का फैसला किया गया. इस अधिसूचना के मुताबिक, सातवीं समीक्षा में डीजल के निर्यात पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स को 6.5 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये प्रति लीटर करने का फैसला किया गया है. वहीं ATF निर्यात पर लगने वाले इस कर को शून्य से बढ़ाकर 3.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया.

निजी रिफाइनरी कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी देश से डीजल और एटीएफ के प्रमुख निर्यातकों में शामिल हैं. जबकि सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी और निजी क्षेत्र की वेदांता लिमिटेड घरेलू स्तर पर कच्चे तेल का उत्पादन करती हैं. पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स सबसे पहले एक जुलाई 2022 को लगाया गया था. लेकिन उसके बाद कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट होने पर इसमें कटौती की गई थी.

क्यों लगाया गया था Windfall Tax?


आपको बता दें कि विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाया जाता है, जिन्हें किसी खास तरह की परिस्थितियों में तत्काल काफी लाभ होता है. भारत की तेल कंपनियां इसका अच्छा उदाहरण हैं. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया. इससे तेल कंपनियों को काफी फायदा मिला था. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण तेल कंपनियां भारी मुनाफा काट रही थीं, इसलिए उन पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया है. इससे सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंच रही है. जिससे सरकार को अच्छी कमाई हो रही है.