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सरकार समझती है मिडल क्लास वालों की मुश्किलें, इसलिए Budget 2023 में उनके लिए है बहुत कुछ खास : Nirmala Sitharaman

देश की आधी से ज्यादा आबादी मिडल क्लास है और सरकार मिडल क्लास लोगों के लिए अक्सर नए नए बदलाव करती रहती है।  देश की वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने हाल ही में एलान किया है के Budget 2023 में मिडल क्लास वालों के लिए होने जा रहे हैं ये खास एलान 

 
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Nirmala Sitharaman on budget

HR Breaking News, New Delhi : आम बजट पेश होने में अब सिर्फ 15 दिन बाकी हैं. ऐसे में हर सेक्‍टर सरकार से अपने लिए उम्‍मीद लेकर बैठा हुआ है. वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार के दिन कहा है कि वे मिडिल क्‍लास के लोगों की दिक्‍कतें समझती हैं. उन्‍होंने याद दिलाया कि वर्तमान सरकार ने मध्यम वर्ग पर कोई नया टैक्‍स नहीं लगाया है. उन्‍होंंने बताया कि हमारी सरकार ने 5 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्‍त कर रखा है. उन्‍होंने कहा कि हमारी सरकार ने पूंजीगत खर्च को बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. इससे इकोनॉमी पर सकारात्‍मक असर देखने को मिला है. आइए जानते हैं वित्‍त मंत्री ने मिडिल क्‍लास के लिए क्‍या कहा? 

सीतारमण ने मिडिल क्लास को दिया भरोसा
वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि सरकार ने व्‍यापार को आसान बनाने और उसे बढ़ावा देने के लिए 100 स्मार्ट सिटी और 27 शहरों में मेट्रो रेल नेटवर्क बनाने जैसे उपाय‍ किए हैं. उन्‍होंने मिडिल क्‍लास के लोगों को भी भरोसा दिया है कि सरकार मध्यम वर्ग के लिए और ज्‍यादा उपाय कर सकती है क्योंकि दिनोंदिन ये तबका बढ़ता जा रहा है. उनका कहना है कि ''मैं उन लोगों की समस्याओं को अच्छी तरह से समझती हूं. हमारी सरकार ने मिडिल क्‍लास के लोगों के लिए बहुत कुछ किया है और हम आगे भी ये काम जारी रखेंगे.  

इस साल खर्च कर दिए 7.5 लाख करोड़ रुपये 
 
वित्‍त मंत्री ने कहा है कि हमारी सरकार साल 2020 से ही हर बजट में पूंजीगत व्यय को बढ़ाने पर जोर दे रही है. उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष यानी 2022 23 में पूंजीगत खर्च को बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है क्योंकि ऐसा करने से देश की अर्थव्यवस्था में सुधार देखने को मिल रहा है. 

ऐसे हुआ NPA कम 
निर्मला सीतारमण ने बताया कि हमारी सरकार बैंकिंग सेक्‍टर के लिए 4R पर काम कर रही है यानी   मान्यता, पुनर्पूंजीकरण, संकल्प और सुधार. इस रणनीति से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, जिसे आम बोल चाल की भाषा में सरकारी बैंक कहा जाता है, इनमें गैर निष्पादित आस्तियों (NPA) कम हुआ है.