GMRL के हवाले होगी रैपिड मेट्रो, पूरा प्लान हुआ तैयार
GMRL News : देशभर में इन दिनों अब कई राज्यों में मेट्रो की सुविधा दी जा रही है। मेट्रो से यात्रियों का सफर काफी आसान हो जाता र्है। अब हाल ही में रैपिड मेट्रो को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। अपडेट के मुताबिक अब रैपिड मेट्रो (Rapid metro) को GMRL के हवाले किया जा रहा है। इस ट्रांस्फर के प्रोसेस को लेकर पूरा प्लान तैयार किया जा चुका है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
HR Breaking News : (GMRL News) अब रैपिड मेट्रो को हस्तांतरण करने को लेकर कवायद चल रही है। बताया जा रहा है कि रैपिड मेट्रो को अब जल्द ही GMRL के हवाले किया जाने वाला है। इस रैपिड रेल के हस्तांतरण (rapid rail transfer plan) को लेकर पूरा प्लान तैयार हो चुका है और इसका प्रोसेस भी शुरू हो चुका है। आइए खबर के माध्यम से जानते हैं रैपिड मेट्रो से जुड़े अपडेट के बारे में।
DMRC और GMRL मिलकर करेंगे काम
दरअसल, आपको बता दें कि हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन लिमिटेड (Rapid Transport Corporation Limited) ने गुरुग्राम रैपिड मेट्रो को जीएमआरएल को सौंपने के प्रोसेस का काम शुरू कर दिया है। जब तक पूरी जिम्मेदारी सौंप नहीं देते हैं, तब तक डीएमआरसी और जीएमआरएल मिलकर इसका काम करेंगे। अप्रैल से जुलाई 2025 तक 62.49 लाख यात्रियों ने रैपिड मेट्रो का यूज किया, जिससे राजस्व में बढ़ौतरी हुई। दिल्ली-रोहतक और गुरुग्राम-नोएडा कॉरिडोर पर काम चल रहा है।
हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन लिमिटेड (HMRTC) ने गुरुग्राम रैपिड मेट्रो (Gurugram Metro Rail Limited) को दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (DMRC) से गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (GMRL) को ट्रांस्फर करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है।
अभी कौन करेगा रैपिड मेट्रो का रखरखाव
जब तक गुरुग्राम रैपिड मेट्रो का पूरा जिम्मा (responsibility of Gurugram Rapid Metro) जीएमआरएल को नहीं सौंप दिया जाता, तब तक इसका संचालन और रखरखाव डीएमआरसी और जीएमआरएल द्वारा संयुक्त रूप से किया जाने वाला है। वहीं, हस्तांतरण को बेहतर बनाने के लिए संयुक्त समितियों का गठन किया गया है।
इसके लिए संदर्भ की शर्तें (Term of reference) तय हो गई हैं और इसके लिए एक व्यापक कार्यप्रणाली और निश्चित समय-सीमा को भी आखिरी रूप दिया जा रहा है, ताकि संचालन का हस्तांतरण सुचारू हो सकें और यात्रियों की सेवाओं में कोई परेशानी नहीं होगी।
62वीं बोर्ड बैठक में हुई बातचीत
बीते सोमवार को चंडीगढ़ में हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (Haryana Mass Rapid Transport Corporation) की 62वीं बोर्ड बैठक में हस्तांतरण को लेकर बातचीत की गई। इस बैठक की अध्यक्षता कारपोरेशन के चेयरमैन व प्रदेश के मुख्य सचिव ने की।
इस बैठक में गुरुग्राम रैपिड मेट्रो (Gurugram Rapid Metro) ने अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच बेहतर प्रदर्शन रिकॉर्ड किया। इस अवधि में कुल 62।49 लाख यात्रियों ने मेट्रो सेवा का यूज किया, जो साल 2024 की समान अवधि की तुलना में 13.59 प्रतिशत की बढ़ौतरी को दिखाता है। किराया राजस्व में भी 11।87 प्रतिशत की उल्लेखनीय बढ़ौतरी रिकॉर्ड की गई, जो इस प्रणाली की कुशलता और विश्वसनीयता के प्रति लोगों के भरोसे को दिखाता है।
इनकम में हुई उल्लेखनिय वृद्धि
एचएमआरटीसी के प्रबंध का कहना है कि बेहतर परिचालन दक्षता के चलते कारपोरेशन ने परिचालन व्यय में 6।33 प्रतिशत की कमी रिकॉर्ड की है, जिससे वित्तीय स्थिति और संतुलित हुई है। एचएमआरटीसी ने गैर-किराया स्रोतों (non-rental sources) से भी इनकम में बढ़ौतरी दर्ज की है। वहीं, दूसरी ओर किराये, विपणन और विज्ञापन अधिकारों से होने वाली आय अप्रैल से जुलाई 2025 के दौरान 21.11 करोड़ रुपये तक आ गई है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 15.56 करोड़ रुपये तक हो गई थी।
रैपिड रेल परियोजनाओं की प्रगति
उम्मीद है कि सिर्फ मेट्रो वायाडक्ट और पिलर्स पर 22 विज्ञापन स्थलों की सफल ई-नीलामी से ही 58.34 करोड़ रुपये के वार्षिक राजस्व है। बता दें कि जिसमें से एचएमआरटीसी का हिस्सा 35 करोड़ रुपये से ज्यादा होगा और बैठक में क्षेत्र में चल रही कई जरूरी मेट्रो और रैपिड रेल परियोजनाओं (rapid rail projects) की प्रगति की छानबीन की गई।
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) की ओर से प्रस्तावित दिल्ली (मुनीरका)-रोहतक नमो भारत कॉरिडोरकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (Detailed Project Report) पर काम की शुरुआत कर दी गई है। यह महत्वाकांक्षी कॉरिडोर दिल्ली आइजीआइ टर्मिनल 1, 2 और 3, यशोभूमि, नजफगढ़, बहादुरगढ़ और रोहतक को आपस में कनेक्ट कर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
डीपीआर पर शुरू हुआ काम
वहीं, गुरुग्राम-फरीदाबाद-नोएडा/ग्रेटर नोएडा नमो भारत कॉरिडोर के डीपीआर (DPR of Namo Bharat Corridor) पर काम शुरू हो गया है। दिल्ली-पानीपत-करनाल नमो भारत कॉरिडोर पर भी तेजी से काम किया जा रहा है। इस समय में इसकी संशोधित डीपीआर केंद्रीय शहरी कार्य मंत्रालय के पास विचाराधीन है। वैसे तो इसके शुरुआती तौर पर दिसंबर 2020 में 103।02 किमी और 17 स्टेशनों के साथ मंजूर हुए इस प्रोजेक्ट को अब 136।30 किमी और 21 स्टेशनों को तय किया गया है।
प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत
संशोधित डीपीआर के मुताबिक इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत (Estimated cost of the project) 33,051.15 करोड़ रुपये के आस-पास आ सकती है, जिसमें हरियाणा का हिस्सा तकरीबन 7,472.11 करोड़ रुपये होगा। यह प्रोजेक्ट प्रदेश के लिए बेहतर वित्तीय और आर्थिक लाभ सुनिश्चित करने वाला है। बैठक में परिवहन विभाग के अलावा मुख्य सचिव राजा शेखर वुंडरू, नगर एवं ग्राम आयोजना और शहरी संपदा विभाग के अलावा मुख्य सचिव, वित्त विभाग के आयुक्त एवं सचिव आदि भी मौजूद रहे हैं।
