सरकार का फैसला : राज्य की किसी भी दुकान या क्लब में, इन लोगों को नहीं मिलेगी शराब
UP सरकार ने शराब को लेकर सख्ती से नियम बना दिए हैं, राज्य में तेज़ी से बढ़ती तस्करी को देखते हुए और शराब की खपत को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है और बताया है की अब से राज्य (alcohol in up) की किसी भी दूकान या क्लब में इन लोगों को शराब नहीं मिलेगी | आइये जानते हैं सरकार का फैसला
HR Breaking News, New Delhi : राज्य में शराब को लेकर सरकार इन दिनों सख्ती से पेश होती नज़र आ रही है और शराब को लेकर सरकार ने सख्ती से निर्देश भी जारी कर दिए हैं | सरकार ने शराब पीने पर पाबंदी नहीं लगाई गई है। लेकिन कुछ खास उम्र के लोगों को अब नहीं मिलेगी शराब, नाही ही उनके सामने परोसी जाएगी शराब, यह सख्त आदेश, उत्तर प्रदेश के आबकारी मंत्री ने कड़े निर्देशों के साथ जारी किया है।
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इसका करण है की छोटी उम्र में शराब पीनमे से कई बार लोग इसके आदि हो जाते हैं और कम उम्र में अगर शराब की लत लग जाए तो आगे जाकर कई तरह की बीमारियां लग जाती है और अगर राज्य के युवा शराब के नशे में रहने लग गए तो राज्य की तरक्की पर काफी असर पड़ेगा | इसके साथ ही शारब की तस्करी में कम उम्र के युवजयदा शामिल होते हैं इसवजह से सरकार ने ये बड़ा फिसला लिया है |
आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने आबकारी विभाग की प्रवर्तन टीमों को हिदायत देते हुए, इस पर नजर रखने को कहा है। आबकारी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने वित्त वर्ष 2023-24 में 50 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का निर्देश दिए हैं।
एक समीक्षा बैठक की गई। इसमें बताया गया कि नवंबर तक 27,340.97 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। यह पिछले साल मिले राजस्व से करीब 10 फीसदी ज्यादा है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में लखनऊ की समिट बिल्डिंग में कम उम्र के बच्चों को शराब परोसे जाने का मामला उठाने को गंभीरता से लेते हुए आबकारी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 21 साल के कम उम्र वालों को बार और मदिरा की दुकानों पर शराब परोसने व देने पर कड़ाई से रोक लगाई जाए।
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सोमवार को विभागीय समीक्षा बैठक में आबकारी मंत्री ने राजस्व वसूली में पिछड़े 11 जिलों के आबकारी अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा है। इनमें महोबा, संभल, हमीरपुर, औरैया, मैनपुरी, इटावा, झांसी, अमेठी, मुरादाबाद, बागपत व कानपुर नगर शामिल हैं।
शिकायतों को गंभीरता से लेने की बात कही
आबकारी मंत्री ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए तय राजस्व लक्ष्य (50 हजार करोड़ रुपये) को प्राप्त करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिया है। मंत्री ने सीमावर्ती जिलों से होने वाली शराब की तस्करी पर पूरी तरह से रोक लगाने के साथ ही ओवर रेटिंग से जुड़ी शिकायतों को गंभीरता से लेने की बात कही।
बैठक में बताया गया कि नवंबर माह तक 27,340.97 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है, जो गतवर्ष 24,958.50 करोड़ रुपये की तुलना में करीब 10 प्रतिशत (2,382.47 करोड़ रुपये) अधिक है।
15 दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश
आबकारी मंत्री ने कानपुर में राजस्व लक्ष्य के सापेक्ष वृद्धि न होने पर उप आबकारी आयुक्त को इसकी समीक्षा करते हुए 15 दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। कहा कि बागपत में हरियाणा की सीमा से लगी दुकानों की नियमित समीक्षा करें, यदि उक्त दुकानों का असर प्रदेश के राजस्व पर पड़ रहा है तो उन्हें स्थानांतरित करने के लिए हरियाणा के अधिकारियों से अनुरोध करें।
इसी प्रकार सहारनपुर के बॉर्डर पर भी दुकानों की नियमित समीक्षा की जाए। उन्होंने तस्करी की रोकथाम के लिए आगरा, मथुरा, गौतमबुद्ध नगर, बागपत, सहारनपुर एवं शामली में चेक पोस्ट स्थापित करने का निर्देश दिया।
इसके अलावा आगरा, मथुरा, लखनऊ हाईवे से बुंदेलखंड हाईवे से मीरजापुर होते हुए सोनभद्र के रास्ते होने वाली शराब की तस्करी पर विशेष निगाह रखी जाए। इस संबंध में जीएसटी एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों का भी सहयोग प्राप्त किया जाए।
उन्होंने कहा कि देवरिया, कुशीनगर, पीलीभीत, बरेली एवं ऐसे अन्य क्षेत्र जहां ओवर रेटिंग की शिकायतें प्राप्त होती हैं, कड़ी कार्रवाई की जाए। किसी भी दशा में जहरीली शराब की बिक्री न होने पाए, इससे सरकार और विभाग दोनों की छवि धूमिल होती है। बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव, आबकारी आयुक्त सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
