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Hindenburg Report : टॉप-10 अरबपतियों की लिस्ट से बाहर हुए गौतम अडानी, कुछ ही दिन में गंवा सी 35 अर्ब डॉलर की सम्पत्ति

कुछ दिन पहले हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पेश होते ही गतम अडानी को तगड़ा झटका लगा, अडानी ग्रुप के शेयर्स ज़मीन पर आ गिरे।  जिससे अडानी को तगड़ा नुक्सान हुआ।  अब अडानी दुनिया के टॉप 10 अरबपतियों की लिस्ट से बाहर हो गए हैं।  

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Hindenburg Report

HR Breaking News, New Delhi : कहां इस साल गौतम अडानी को दुनिया के सबसे बड़े रईस बनने की उम्मीद थी और अब वह टॉप-10 लिस्ट से ही बाहर हो गए। अमेरिकी इनवेस्टमेंट रिसर्च फर्म और शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के स्टॉक्स ऐसे गिरे कि गौतम अडानी को ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के टॉप-10 अरबपतियों की लिस्ट में चौथे नंबर से 11वें पर लाकर पटक दिया। इस साल अडानी की संपत्ति 36.1 अरब डॉलर कम होकर 84.21 अरब डॉलर रह गई है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स में अडानी अब कार्लोस स्लिम से भी पिछड़कर 11वें नंबर पर आ गए हैं। उनके पीछे 12वें स्थान पर अंबानी हैं। इनकी संपत्ति 82.2 अरब डॉलर है। 9वें स्थान पर सर्गी ब्रिन हैं। इनकी संपत्ति 86.4 अरब डॉलर है। 

बता दें पिछले साल दुनिया के टॉप-10 अमीरों की लिस्ट में केवल मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की दौलत बढ़ी थी। अडानी उस साल कमाई में भी नंबर वन रहे। इस साल मुकेश अंबानी ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के टॉप-10 अरबपतियों की बाहर होकर 12वें स्थान पर आ गए हैं। 
इस साल दौलत गंवाने के मामले में दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में पहले नंबर पर अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी हैं, जिन्होंने अब तक 36.1 अरब डॉलर गंवाए हैं। इनके बाद रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी हैं। अंबानी इस साल अब तक 4.96 अरब डॉलर गंवा चुके हैं। तीसरे नंबर पर डीमार्ट के राधाकृष्ण दमानी हैं। इन्होंने 2.1 अरब डॉलर गंवाया है।

शक पैदा कर रही हिंडनबर्ग की शॉर्ट पोजिशन
दरअसल, हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट के साथ खुलासा किया था कि उसने अडानी ग्रुप के शेयरों में शॉर्ट पोजिशन ले रखी है। अमेरिकी इनवेस्टमेंट फर्म के डिस्क्लेमर के मुताबिक ही हिंडनबर्ग एक मंदड़िया है यानी शॉर्ट सेलिंग का धंधा करता है। वह बाजार की गिरावट का फायदा उठाता है। यानी वह बेच पहले देता है और जब स्टॉक के दाम गिर जाते हैं तो वह बाद में खरीद लेता है। उसका यही इतिहास इस रिपोर्ट पर लोगों को थोड़ा शक पैदा कर रहा है। कंपनी ने खुद बताया है कि अडानी ग्रुप की कंपनियों में उसने शॉर्ट पोजिशन ले रखी है। जाहिर सी बात है कि अडानी ग्रुप के शेयर गिरेंगे तो हिंडनबर्ग को फायदा होगा। यानी साफ-साफ कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट का मामला है। शेयर बाजार के कुछ जानकारों का मानना है कि क्योंकि इस रिपोर्ट की वजह से अडानी समूह की कंपनियों के शेयर गिर रहे हैं, जिसका हिंडनबर्ग को सीधे-सीधे फायदा होना है।