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Indian Railways Fact: भारतीय रेलवे का पहला स्टेशन, पहली ट्रेन, पहला ट्रेक, इतिहास जानकर चौंक जाएंगे आप

ट्रेन में सफर तो आपने भी किया ही होगा। लेकिन क्या आप भारतीय रेलवे के पहले स्टेशन, पहली ट्रेन या पहला ट्रेक के बारे में जानते है। भारतीय रेलवे का ये इतिहास दरअसल चौंका देना वाला है। आइए नीचे खबर में विस्तार से जानते है रेलवे के इस इतिहास के बारे में। 

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HR Breaking News, Digital Desk- भारतीय रेलवे यात्र‍ियों की सुव‍िधाओं के मामले पर द‍िन पर द‍िन काम क‍िया जा रहा है. यह दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है. इसी कारण लोग लंबी दूरी की यात्रा करने के ल‍िए ट्रेन से ही सफर करने को प्राथम‍िकता देते हैं. भारतीय रेलवे से हर द‍िन ढाई करोड़ से ज्‍यादा लोग सफर करते हैं. भारतीय रेलवे की शुरुआत मई 1845 में हुई थी. आइए जानते हैं रेलवे से जुड़े कुछ रोचक तथ्‍य.


मुंबई के बोरी बंदर में भारत का पहला रेलवे स्टेशन है. देश की पहली ट्रेन 1853 में बोरी बंदर से ठाणे तक चलाई गई थी. इसी स्टेशन को 1888 में विक्टोरिया टर्मिनस के रूप में व‍िकस‍ित क‍िया गया.


सबसे बड़े रेलवे जंक्शन की बात करें तो मथुरा का नाम आता है. मथुरा जंक्‍शन से 7 रेलवे मार्ग निकलते हैं. मथुरा में देश के सभी प्रमुख शहरों से कनेक्टिविटी के साथ 10 प्लेटफॉर्म भी हैं.


देश के पहले रेलवे ट्रैक का न‍िर्माण 21 अगस्त 1847 को क‍िया गया था. इस ट्रैक की लंबाई 56 किमी था. यह जेम्स जॉन बर्कले इस रेलवे ट्रैक का न‍िर्माण करने वाले चीफ इंजीन‍ियर थे. 1853 में इसी ट्रैक पर पहली यात्री ट्रेन को दौड़ाया गया था.


डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी तक जाने वाली विवेक एक्सप्रेस करीब 4,286 किमी की दूरी तय करती है. इस दूरी को तय करने में ट्रेन को 82 घंटे 30 मिनट का समय लगता है. इस दूरी को तय करने में यह ट्रेन 57 स्टेशन पर रुकती है. यह देश का सबसे लंबा रेलवे रूट है.

भारत की पहली ट्रेन ने 1837 में रेड ह‍िल्‍स से चिंताद्रिपेट पुल तक 25 किमी की दूरी तय की थी. इस ट्रेन के न‍िर्माण का श्रेय सर आर्थर कॉटन को दिया गया था. हालांक‍ि पब्लिक परिवहन के लिए देश में पहली ट्रेन का उपयोग 16 अप्रैल 1853 को बोरी बंदर (मुंबई) और ठाणे के बीच क‍िया गया था. इस ट्रेन में पहली बार 400 यात्री सवार हुए थे. उस समय इस द‍िन को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया.