UP के इन ज़िलों धारा 144 हुई लागू , CM Yogi Adityanath ने दिए ये निर्देश
यूपी के इन ज़िलों में आज धारा 144 को लागू कर दिया गया है जिससे इन ज़िलों में अब पुलिस बल तैनात कर दिया गया है जिससे इलाके में किसी तरह की कोई अनैतिक घटना न हो पाए। इस धारा 144 को लेकर हाल ही में UP के CM yogi adityanath ने भी ये निर्देश दे दिए है । क्या है धारा 144 लगाने का कारण, आइये नीचे खबर में विस्तार से जानते है
HR Breaking News, New Delhi : साल 2005 से जेल में बंद मुख्तार अंसारी (mukhtar ansari) की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गयी है और इसके बाद मऊ में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। बांदा में भी पुलिस कड़ी नजर रख रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) अपने घर पर अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। मीटिंग में डीजीपी प्रशांत कुमार, एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश भी मौजूद हैं। मुख्यमंत्री (yogi adityanath) आवास से घटनाक्रम पर पैनी नजर रखी जा रही है। सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रदेश में कोई अप्रिय घटना न होने पाए।
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यूपी में धारा 144 लागू की गई
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने कहा कि मुख्तार अंसारी (mukhtar ansari) की मौत के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बांदा, मऊ, गाजीपुर और वाराणसी जिलों में पुलिस कर्मियों की विशेष तैनाती है।
अस्पताल ने मुख्तार के मरने की पुष्टि की
बता दें कि माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की बृहस्पतिवार को बांदा मेडिकल कॉलेज में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। तबीयत बिगड़ने के बाद अंसारी को जिला जेल से अस्पताल लाया गया था। बांदा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सुनील कौशल ने फोन पर बताया, ''मेडिकल कॉलेज में दिल का दौरा पड़ने से अंसारी की मौत हो गई।
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2005 से जेल में बंद था मुख्तार अंसारी
बता दें कि मुख्तार (mukhtar ansari) को मंगलवार को पेट दर्द की शिकायत के बाद उन्हें करीब 14 घंटे तक अस्पताल में भर्ती रखा गया था। 63 वर्षीय अंसारी मऊ सदर सीट से पांच बार पूर्व विधायक थे और 2005 से यूपी और पंजाब में सलाखों के पीछे थे। उनके खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे। उन्हें सितंबर 2022 से आठ मामलों में उत्तर प्रदेश की विभिन्न अदालतों द्वारा सजा सुनाई गई थी और वह बांदा जेल में बंद थे। उनका नाम पिछले साल उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जारी 66 गैंगस्टरों की सूची में था।
