Noida वालों को झटका, इस एलिवेटेड पुल को लेकर फंस गया पेंच
elevated bridge : हाल ही में नोएडा वालों के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है।अब नोएडा वालों को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल पछले काफी समय से यहां पर एक ऐलिवेटेड पुल को लेकर चर्चाएं हो रही थी। हालांकि अब सरकार ने इसको पूरी तरह से इंकार (elevated bridge Perposal Censil) कर दिया गया है। इसकी वज से यूपी के लोगों को लाभ होगा या नुकसान इस बारे में हम आपको इस खबर के मध्यम से बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इस बारे में पूरी डिटेल।
HR Breaking News (UP News)। यूपी में लगातार नए नए एक्सप्रेसवे और एलिवेडिट पूल का निर्माण किया जा रहा है। अब यहां पर एक और एलिवेडिट पूल को बनाया जाने का प्रस्तव रखा गया था। हाल ही में सरकार (UP Goverment Update) ने इसको मंजूरी को खारिज कर दिया है। सरकार के इस फैसले को नामंजूर कर दिया है। ऐसे में आज हम आपको इस खबर के माध्यम से इस बारे में जानकारी देने जा रहे हैं कि सरकार ने इस फैसले को क्यों कैंसिल किया है। खबर में जानिये पूरी जानकारी।
एलिवेटेड रोड का सपना नहीं होगा पूरा
यमुना पुश्ता पर छह लेन का एलिवेटेड रोड (elevated road in UP) का सपना देखा जा रहा है। इसकी वजह से लोगों को एक तगड़ा झटका लगा है। अब युमना पुश्ता पर एलिवेटेड रोड को नहीं बनाया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण की युमना तटबंध पर एलिवेटेड रोड बनाने की प्लानिंग को सिंचाई विभाग द्वारा खारिज कर दिया गया है। विभाग (irrigation department) का मानना है कि सुरक्षा और तकनीकी कारणों की वजह से तटबंध के ऊपर इस प्रकार का निर्माण संभव नहीं रहने वाला है।
सिंचाई विभाग ने NOC देने से किया इंकार
यमुना पुश्ता पर छह लेन का एलिवेटेड एक्सप्रेसवे जेवर एयरपोर्ट (Expressway Jewar Airport) के संचालन के बाद नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर बढ़ते ट्रैफिक को कम करने के लिए प्रस्ताव कर दिया गया था। हालांकि, अब यह योजना अटक गई है क्योंकि सिंचाई विभाग ने NOC देने से इनकार कर दिया है। सिंचाई विभाग द्वारा NOC देने से इनकार के बाद अब नोएडा पुश्ता पर एलिवेटेड पुल (elevated bridge in UP) का सपना तो अब बिल्कुल भी पूरा नहीं होने वाला है।
इस वजह से केंसिल हुआ प्रोजेक्ट
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता ने शासन को सूचित किया कि यमुना तटबंध क्षेत्र (Yamuna Embankment Area) नोएडा की बाढ़ सुरक्षा के लिए काफी ज्यादा जरूरी रहने वाली है। अगर एलिवेटेड पुल के लिए पिलर तटबंध के नीचे तक बनाए जाते हैं, तो इस स्थिति में तटबंध की संरचना कमजोर हो सकती है और भविष्य में जल रिसाव (UP News) की उम्मीद बन सकती है। सिर्फ इतना ही नहीं, यमुना का जल स्तर बढ़ने पर आबादी में पानी घुस सकता है। इस वजह से सिर्फ यमुना तटबंध पर एलिवेटेड एक्सप्रेसवे बनाने को लेकर आपत्ति जाहिर की गई है।
NGT से मंजूरी लेना है जरूरी
हालांकि, विभाग ने यह विकल्प को भी सामने रखा है और बताया है कि अगर एलिवेटेड एक्सप्रेसवे (Elevated Expressway in UP) बनाना ही है तो तटबंध से अलग, डूब क्षेत्र में या फिर तटबंध के आगे-पीछे पिलर आधारित संरचना को खड़ी करके की जा सकती है। इस वजह से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) से मंजूरी लेनी काफी ज्यादा जरूरी है।
NHAI से की निर्माण की मांग
जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह और सांसद डॉ. महेश शर्मा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ये मांग की थी कि इस नए एक्सप्रेसवे का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा कराया जाने वाला है। इसके लिए तटबंध मार्ग को NHAI (NHAI Latest Update) घोषित करना काफी ज्यादा जरूरी था, हालांकि सिंचाई विभाग द्वारा NOC न मिलने से ये प्रक्रिया फिलहाल ठप पड़ गई है।
नई कार्ययोजना की हुई तैयारी
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने बताया कि अब परियोजना को नए सिरे से डिजाइन किया जाने वाला है। तकनीकी अध्ययन और अन्य विभागों से समन्वय के बाद ही अंतिम कार्ययोजना तैयार की जाने वाली है। जेवर विधायक (Jewar MLA) धीरेंद्र सिंह ने बताया कि इस विषय पर ठोस पैरवी की जाने वाली है। इसको जल्द ही समाधान निकालकर एक्सप्रेसवे निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाया जाने वाला है।
