सरकारी कर्मचारियों की सैलरी काटने के मामले में Supreme Court ने सुनाया अहम फैसला, सरकार को फटकार
SC decision on salary deduction : सरकारी कर्मचारियों की सैलरी काटने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाया है, जो पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। कोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए यह स्पष्ट किया कि कर्मचारियों के अधिकारों का उल्लंघन (employees' rights for salary) नहीं किया जा सकता। सरकार के खिलाफ यह फैसला एक नए मोड़ की ओर इशारा कर रहा है, जिससे कर्मचारियों के भविष्य और उनके अधिकारों पर गहरा असर पड़ सकता है।
HR Breaking News - (Salary deduction news)। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती और वसूली को लेकर चिंता व्यक्त की है। अदालत का मानना है कि यह सरकार का एक गंभीर कदम हो सकता है, जो कर्मचारी के लिए नकारात्मक परिणाम ला सकता है।
कर्मचारियों के वेतन (government salary news) में बिना उचित कारण कटौती करना, उन्हें दंडित करने जैसा हो सकता है। कोर्ट ने इस तरह की कार्यवाही के प्रति असहमति जताई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ऐसा कदम कर्मचारियों के अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है। कोर्ट ने इस मामले में सरकार को फटकार लगाते हुए अहम फैसला भी सुनाया है। आइये जानते हैं कोर्ट के इस निर्णय के बारे में खबर में।
सुप्रीम कोर्ट ने वेतन कटौती का आदेश रद्द किया -
सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों के वेतन में कटौती पर कड़ा रुख अपनाया। कोर्ट ने कहा कि किसी भी कर्मचारी का वेतन कम नहीं किया जा सकता और न ही सरकार ऐसा आदेश जारी कर सकती है, जिसमें पहले से तय वेतन में कटौती (salary rules) हो। यह फैसला एक सेवानिवृत्त कर्मचारी (retired employee update) के मामले पर आधारित था, जिसमें राज्य सरकार ने वेतन में कटौती का आदेश दिया था। अदालत ने इस आदेश को 2009 में रद्द कर दिया, यह कहते हुए कि इस तरह का कदम उचित नहीं है। अब राज्य सरकार को इस मामले में फिर से विचार करना होगा।
कोर्ट ने की यह टिप्पणी-
एक सेवानिवृत्त कर्मचारी ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने यह माना था कि कर्मचारी की सैलरी में कटौती की गई थी, जो फरवरी 1999 में सरकारी आदेश (salary deduction rules) के तहत थी। आदेश में कहा गया था कि कर्मचारी को ज्यादा वेतन नहीं मिलना चाहिए था और उन्हें गलत तरीके से अधिक वेतन दिया जा रहा था। इसके बाद, इस मामले को सुप्रीम कोर्ट (SC action on salary deduction) में उठाया गया, जहां कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को गलत करार दिया और उसे रद्द कर दिया।
राज्य सरकार ने सैलरी में कटौती -
इस व्यक्ति को 1966 में बिहार सरकार में एक महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया था। 15 साल तक सेवा देने के बाद उन्हें पदोन्नति मिली, लेकिन 1981 से उन्हें एक निचले पद पर रखा गया। 25 साल बाद, 1991 में उन्हें उच्च पद एसडीओ (SDO post) पर नियुक्त किया गया।
फिर 1999 में राज्य सरकार ने एक आदेश जारी किया, जिसमें उनकी और कुछ अन्य अधिकारियों की सैलरी (government employees salary) को जनवरी 1996 से संशोधित किया गया। इस बदलाव में वेतन में वृद्धि की बजाय कटौती की गई, जिससे कर्मचारी असंतुष्ट हो गए। इसके बाद यह मामला ज्यादा बढ़ गया।
सुप्रीम कोर्ट में कर्मचारी की अपील -
साल 2001 में एक कर्मचारी रिटायर हुआ था। 2009 में उसे राज्य सरकार से एक पत्र मिला, जिसमें बताया गया कि उसकी सैलरी में गलती हुई है और उसे अधिक रकम दी गई है। इसलिए सरकार ने उससे 63,765 रुपये की राशि वापस मांगने की बात की। कर्मचारी ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट (salary deduction decision) में अपील की, लेकिन वहां से उसे कोई राहत नहीं मिली। फिर उसने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट (supreme court news) में उठाया, जहां उसकी सुनवाई हुई।
