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UP New Expressway : यूपी में 249 किलोमीटर के नए एक्सप्रेसवे को मंजूरी, 15000 करोड़ होंगे खर्च, जल्द होगा भूमि अधिग्रहण

Expressway in UP :यूपी में लगातार नए नए एक्सप्रेसवे और हाईवे का निर्माण हो रहा है। अब यूपी में 249 किलोमीटर के नए एक्सप्रेसवे को मंजूरी दे दी है। इसके लिए सरकार (Goverment latest update) पर 15000 करोड़ रुपये का भार आने वाला है। वहीं इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रकिया को भी जल्द ही शुरू किया जाने वाला है। खबर में जानिये यूपी में बनाए जाने वाले इस नए एक्सप्रेसवे के बारे में पूरी जानकारी। 

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UP New Expressway : यूपी में 249 किलोमीटर के नए एक्सप्रेसवे को मंजूरी, 15000 करोड़ होंगे खर्च, जल्द होगा भूमि अधिग्रहण

HR Breaking News (New Expressway)। लगातार बढ़ रही आबादी के बीच यूपी में लगातार नए-नए एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है। हाल ही में योगी सरकार ने यूपी में एक और नए एक्सप्रेसवे की सौगात दी है। यह एक्सप्रेसवे (Expressway in UP) 249 किलोमीटर लंबा रहने वाला है।

 

 

वहीं इस एक्सप्रेसवे को बनाने में 15000 करोड रुपए की लागत आने वाली है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण (Land acquisition in UP) का प्रोसेस भी जल्द ही शुरू किया जाने वाला है। आईए जानते हैं इस एक्सप्रेसवे के बारे में पूरी जानकारी। 

 


विकास को मिलेगी रफ्तार


बुंदेलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास (Chitrakoot Prayagraj Varanasi Road) की रफ्तार को नया आयाम देने वाली एक बड़ी परियोजना पर काम तेजी पकड़ने वाला है। इकी वजह से चित्रकूट से प्रयागराज होते हुए वाराणसी तक 6-लेन हाईस्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाने की प्लानिंग की जा रही है।

 

इस 249 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर (Merto Corridor in UP) पर करीब रुपये 15,000 करोड़ की लागत आएगी। इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रकिया को भी शुरु होने वाली है।


तीन महीने में शुरू सर्वे
 

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए भोपाल की कंपनी AICONS Engineers Pvt. Ltd. को सर्वे का जिम्मा सौंपा जाने वाला है। कंपनी अगले तीन महीनों में सर्वे कार्य शुरू कर देने वाली है। यह ग्रीनफील्ड कॉरिडोर (Greenfield Corridor In UP) चित्रकूट, प्रयागराज और वाराणसी को सीधे जोड़ने वाला है। इसकी वजह से यात्रियों और माल परिवहन दोनों को ही बड़ा लाभ मिलने वाला है।


समय की बचत और जाम से मिलेगा छुटकारा


फिलहाल चित्रकूट से प्रयागराज होते हुए वाराणसी जाने में घंटों का समय और जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है। नए हाईस्पीड कॉरिडोर (New high-speed corridors) के बन जाने से यात्रा का समय काफी कम होने वाला है। 6-लेन की चौड़ी सड़क तेज रफ्तार यातायात के लिए तैयार होन वाली है। इसकी वजह से बड़े वाहनों की आवाजाही सुगम हो जाएगी।


आर्थिक विकास को मिलेगी रफ्तार 


एक्सप्रेसवे की इस नई परियोजना बनने की वजह से सिर्फ परिवहन सुविधा तक सीमित नहीं रहने वाली है। बल्कि बुंदेलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश (UP News) के आर्थिक विकास के लिए भी गेम चेंजर के रुप में सोने आने वाला है।

इसकी वजह से यहां पर रोजगार के भी नए नए मौके बनने वाले हैं। नए कॉरिडोर के बनने से औद्योगिक क्षेत्रों तक तेजी से पहुंच बनाई जा सकती है। हालांकि कृषि उत्पादों (Expressway In UP) को बाजार तक लाने में आसानी होगी और पर्यटन स्थलों का आकर्षण भी बढ़ने वाला है।


 

चित्रकूट और वाराणसी के धार्मिक महत्व को मिलेगी रफ्तार


चित्रकूट और वाराणसी दोनों ही धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रहने वाले हैं। चित्रकूट को रामायण काल से जुड़ा माना जाता है। हालांकि, वाराणसी विश्व के सबसे प्राचीन तीर्थों में से एक रहने वाला है। प्रयागराज (Prayagraj Expressway) का संगम क्षेत्र पहले ही धार्मिक पर्यटन का केंद्र रहने वाला है। तीनों स्थलों को जोड़ने वाले इस हाई स्पीड कॉरिडोर से तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को विशेष सुविधा मिलने वाली है।


परियोजना की ये हैं  मुख्य विशेषताएं

  • लंबाई: 249 किलोमीटर
  • लागत: लगभग 15,000 करोड़ रुपये
  • लेन: 6-लेन हाईस्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर
  • वर्तमान स्थिति: डिज़ाइन पास, पहली किस्त 10.37 करोड़ रुपये जारी
  • सर्वे एजेंसी: AICONS Engineers Pvt. Ltd., भोपाल

स्थानीय लोगों और व्यापारियों की संभावना


परियोजना को लेकर स्थानीय व्यापारियों, परिवहन व्यवसायियों और आम नागरिकों में उत्साह बढ़ता चला जा रहा ह।  उनका मानना है कि सड़क (New Expressway in UP) के निर्माण से माल ढुलाई तेज होने वाली है और लागत भी कम होने वाली है। रोजगार के नए अवसर पैदा होने वाले हैं। इसके अलावा आसपास के इलाकों में विकास की गति तेज होने वाली है।


सरकारी स्तर पर होगी निगरानी
 

परियोजना को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के स्तर पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कॉरिडोर (Expressway Corridor) को तय समय सीमा के भीतर पूरा करने की प्लानिंग की जा रही है ताकि जनता को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके।