UP News : विदेशों की तर्ज पर डेवलेप होंगे उत्तर प्रदेश के 5 शहर, मिलेंगी या खास सुविधाएं
HR Breaking News, Digital Desk- (UP News) उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘विकसित उत्तर प्रदेश 2047’ के दृष्टिकोण के तहत राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने की एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई है. इसके अंतर्गत, लखनऊ (lucknow), कानपुर (kanpur), वाराणसी, प्रयागराज और आगरा जैसे पांच शहरों को विश्वस्तरीय शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा. इनमें से लखनऊ और कानपुर को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हब के रूप में स्थापित किया जाएगा.
इस योजना में 2030 तक शहरीकरण को 35% तक बढ़ाने, 2047 तक हर जिले को एक्सप्रेसवे से जोड़ने, और राज्य को 6 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है. यह योजना प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
नियोजन विभाग (planning department) ने सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ के लक्ष्यों पर काम शुरू कर दिया है. इसके तहत पांच शहरों को वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा. इन शहरों को पीने का साफ पानी, 24 घंटे बिजली, पक्के मकान, मॉडर्न पब्लिक ट्रांसपोर्ट, मेट्रो और लाइट मेट्रो जैसी सुविधाओं से लैस किया जाएगा. खास तौर पर लखनऊ और कानपुर को AI सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है, जो तकनीकी नवाचार और आर्थिक प्रगति (Technological innovation and economic progress) का केंद्र बनेंगे.
तीन रीजनल इकॉनमिक जोन-
उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए एक विशेष रणनीति तैयार की है. इसका उद्देश्य 2030 तक राज्य के शहरीकरण को 35% तक बढ़ाना है. इसके लिए, तीन रीजनल इकोनॉमिक जोन (Regional Economic Zone) स्थापित किए जाएंगे, और वाराणसी और विंध्य क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय योजना जल्द ही लागू की जाएगी. ये जोन आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देंगे. इसके अलावा, प्रत्येक जिले में एक औद्योगिक नोड स्थापित करने की योजना है, जिससे स्थानीय स्तर पर उद्योग और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी में क्रांति-
उत्तर प्रदेश पहले से ही देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे नेटवर्क रखता है. सरकार ने 2047 तक हर जिले को एक्सप्रेसवे से जोड़ने का लक्ष्य रखा है. ताकि बेहतर कनेक्टिविटी के जरिए आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके. इस दिशा में एक अहम कदम के रूप में, मेरठ से प्रयागराज (Meerut to Prayagraj) को जोड़ने वाला गंगा एक्सप्रेसवे जल्द शुरू होने वाला है. यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़कर व्यापार और आवागमन को सुगम बनाएगा. इसके अलावा एयरपोर्ट, मेट्रो और रैपिड ट्रेन जैसी सुविधाएं भी इन शहरों को और आधुनिक बनाएंगी.
इस विजन डॉक्यूमेंट में पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता (Priority) दी गई है. इस समय राज्य में 10 प्रतिशत ट्री कवर हैं, जिन्हें 2030 तक 13 से 14 प्रतिशत तक बढ़ाने का टारगेट है. इसके लिए वृक्षारोपण और वन संरक्षण की योजनाओं को रफ्तार दी जाएगी. यह कदम न सिर्फ पर्यावरण संतुलन को बनाए रखेगा. बल्कि, राज्यों को और ज्यादा हरित और साफ बनाएगा.
सुविधाओं पर खास होगा खास जोर-
इसके साथ सुविधाओं पर खास भी जोर दिया जाएगा, जिनमें स्वच्छ पेयजल और 24 घंटे बिजली की सुविधा होगी. हर घर तक स्वच्छ पानी और निर्बाध बिजली आपूर्ति (uninterrupted power supply) सुनिश्चित की जाएगी. सभी नागरिकों के लिए पक्के मकान उपलब्ध कराए जाएंगे. मेट्रो, लाइट मेट्रो, और रैपिड ट्रेन (rapid train) जैसी सुविधाएं शहरों को आधुनिक बनाएंगी. ये शहर वैश्विक शहरों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे. बेहतर कनेक्टिविटी के लिए एक्सप्रेसवे और हवाई अड्डों का विस्तार किया जाएगा.
योगी सरकार (Yogi Government) का यह विजन न सिर्फ उत्तर प्रदेश को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाएगा, बल्कि नागरिकों के जीवन स्तर को भी ऊंचा उठाएगा. लखनऊ (Lucknow) और कानपुर (Kanpur) को एआई हब के रूप में विकसित करने से टेक्नॉलोजी को बढ़ावा मिलेगा, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) जैसे बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्ट्स से प्रदेश की कनेक्टिविटी में क्रांति आएगी और औद्योगिक नोड्स स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे.
‘विकसित उत्तर प्रदेश 2047’ विजन-
उत्तर प्रदेश सरकार का ‘विकसित उत्तर प्रदेश 2047’ विजन राज्य को एक वैश्विक आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र (Global Economic and Cultural Center) बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस योजना के तहत, प्रदेश में पांच विश्वस्तरीय शहरों, एआई हब, गंगा एक्सप्रेसवे और हरित पर्यावरण पर जोर दिया गया है. इसका लक्ष्य 2047 तक उत्तर प्रदेश को एक समृद्ध और विकसित राज्य बनाना है, जहां आर्थिक प्रगति के साथ-साथ नागरिकों के लिए 'ईज ऑफ लिविंग' भी सुनिश्चित हो सके.
