home page

बढ़ती EMI से कब मिलेगी राहत, RBI गर्वनर ने दिया जवाब

EMI - मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए आरबीआई ने पिछले एक साल में नीतिगत ब्याज दर में कई बार बढ़ोतरी करते हुए 6.5 प्रतिशत तक पहुंचा दिया...

 | 
बढ़ती EMI से कब मिलेगी राहत, RBI गर्वनर ने दिया जवाब

HR Breaking News, Digital Desk- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति के घटकर 4.7 प्रतिशत पर आ जाने को बेहद संतोषजनक बताया. उन्होंने कहा कि इससे मौद्रिक नीति की दिशा सही होने का भरोसा पैदा होता है.

राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल महीने में खाद्य उत्पादों के दाम घटने से खुदरा मुद्रास्फीति 18 महीनों के निचले स्तर 4.7 प्रतिशत पर आ गई. यह अक्टूबर 2021 के बाद इसका सबसे निचला स्तर है. उस समय यह 4.48 प्रतिशत रही थी.

दास ने मुद्रास्फीति आंकड़े पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह बेहद संतोषजनक है. इससे भरोसा पैदा होता है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति सही रास्ते पर है.” सरकार ने आरबीआई को यह जिम्मेदारी दी हुई है कि मुद्रास्फीति को 4 फीसदी तक सीमित रखा जाए. इसमें 2 फीसदी की घटत बढ़त हो सकती है. यानी महंगाई दर 2 से 6 फीसदी के अंदर रहना चाहिए.

ब्याज दरों में राहत?
मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए आरबीआई ने पिछले एक साल में नीतिगत ब्याज दर में कई बार बढ़ोतरी करते हुए 6.5 प्रतिशत तक पहुंचा दिया. हालांकि, अप्रैल में हुई पिछली मौद्रिक समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने रेपो दर में बढ़ोतरी नहीं की थी. दास से जब यह पूछा गया कि मुद्रास्फीति के 4.7 प्रतिशत पर आने से क्या आरबीआई ब्याज दर को लेकर अपना नीतिगत रुख बदलेगा तो उन्होंने कोई सीधा जवाब न देते हुए कहा कि आठ जून को अगली समीक्षा बैठक के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा.

जीडीपी का क्या हाल?
बहरहाल आरबीआई गवर्नर ने यह भरोसा जताया कि केंद्रीय बैंक को चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने की पूरी उम्मीद और भरोसा है. उन्होंने कहा कि भारत अगर 6.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि करता है तो वह वैश्विक वृद्धि में 15 प्रतिशत अंशदान करेगा.

नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की किताब ‘मेड इन इंडिया’ के विमोचन कार्यक्रम में दास ने कहा कि निजी निवेश में भी तेजी देखी जा रही है. इसके लिए उन्होंने खास तौर पर इस्पात, सीमेंट एवं पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों का उदाहरण दिया.