Bank Privatisation : सरकारी बैंक बहुत जल्द हो जायेंगे प्राइवेट, बदलने जा रहे है नियम
HR Breaking News, New Delhi : Central Government तेजी से देश के सरकारी बैंकों का निजीकरण कर रही है. इस कड़ी में अगले साल तक एक और सरकारी बैंक का प्राइवेटाइजेशन होने जा रहा है. देश की बैंकिंग व्यवस्था में सुधार करने के लिए सरकार की ओर से कई बड़े फैसले लिए जा रहे हैं. बता दें सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) को उम्मीद है कि IDBI बैंक का निजीकरण होने तक उसमें किए गए 21,624 करोड़ रुपये के निवेश की वसूली हो जाएगी. एक अधिकारी ने यह बात कही.
IDBI के शेयरों में दिख रही है तेजी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एलआईसी को यह उम्मीद इसलिए है, क्योंकि आईडीबीआई के शेयरों (IDBI Share Price) में एक बार फिर तेजी देखने को मिल रही है.
35 रुपये से बढ़कर 45 रुपये पहुंचा शेयर
अधिकारी ने कहा कि पिछले साल मई में आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से शेयर की कीमत 35 रुपये प्रति शेयर से बढ़कर 45 रुपये प्रति शेयर हो गई है.
सरकार के पास है 45.8 फीसदी हिस्सेदारी
उन्होंने कहा है कि हमें IDBI बैंक के शेयरों में और तेजी की उम्मीद है. कीमत, उस स्तर तक पहुंच सकती है, जिस पर LIC ने 2019 में इसमें हिस्सेदारी खरीदी थी. IDBI Bank में सरकार और जीवन बीमा निगम (LIC) की संयुक्त रूप से 94.72 फीसदी हिस्सेदारी है. इसमें LIC की हिस्सेदारी 49.24 फीसदी है, जबकि बाकी 45.48 फीसदी हिस्सेदारी सरकार के पास है. सार्वजनिक शेयरधारकों की हिस्सेदारी 5.28 फीसदी है.
LIC ने 61 रुपये प्रति शेयर पर खरीदी थी हिस्सेदारी
LIC ने 2019 में 61 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत पर 21,624 करोड़ रुपये में IDBI बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. दिसंबर 2020 में एक QIP निर्गम के बाद LIC की हिस्सेदारी घटकर 49 फीसदी रह गई थी.
बजट में हुई थी घोषणा
अधिकारी ने कहा है कि IDBI बैंक का निजीकरण सरकार और LIC दोनों के लिए फायदे का सौदा होगा. IDBI बैंक के निजीकरण की घोषणा 2021-22 के आम बजट में की गई थी. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऐलान किया था.