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Bank of Baroda : इस बैंक ने तोड़ दिया ग्राहकों का दिल, Loan पर ब्याज बढ़ा कर ग्राहकों को कर दिया परेशान

RBI ने कुछ समय पहले Interest में वृद्धि करने की बात कह तो अब उसके चलते इस बैंक ने ग्राहकों को तगड़ा झटका दे दिया है क्योंकि इस बैंक ने Loan के ब्याज में बढ़ोतरी करके लोगों को परेशानी में डाल दिया है।  कितना बढ़ाया है ब्याज, आइये जानते हैं।  
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HR Breaking News , New Delhi : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से 35 बेसिस प्वाइंट रेपो रेट (RBI Repo Rate) में बढ़ोतरी के बाद कई बैंकों ने अपने होम लोन समेत सभी तरह के लोन के ब्याज दर में बढ़ोतरी की है. अब इसी क्रम में बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) ने अपने एमसीएलआर में बढ़ोतरी की है. इसका मतलब है कि मार्जिन कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) बढ़ जाएंगे. 

बैंक की ओर से यह बढ़ोतरी 25 से 30 बेसिस प्वाइंट सभी टेन्योर के लिए किया गया है. बैंक की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, यह लोन रेट 12 दिसंबर से प्रभावी माना जाएगा. हालांकि अगर आपने पहले से कोई लोन लिया है तो उसपर यह बढ़ोतरी नहीं लागू होगी. नया लोन लेने या आवेदन में बदलाव करने के बाद ही नए रेट, उसपर प्रभावी होंगे. 

 

 

लोन पर कितनी हुई बढ़ोतरी 
इस नए बढ़ोतरी के बाद अब बैंक ऑफ बड़ौदा ओवरनाइट टेन्योर के लिए 7.25 प्रतिशत के बजाय 7.5 फीसदी का ब्याज वसूल करेगा. वहीं, एक महीने के टेन्योर के लिए ब्याज 7.70 फीसदी से बढ़ाकर 7.95 प्रतिशत तक कर दिया गया है. इसके अलावा, तीन महीने के टेन्योर पर एमसीएलआर 7.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.05 प्रतिशत कर दिया गया है. 

6 महीने के टेन्योर की बात करें तो एमसीएलआर 7.90 फीसदी से बढ़ाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि एक साल टेन्योर पर लोन का ब्याज 8.05 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.3 प्रतिशत हुआ है. 

MCLR क्या होता है?
MCLR या मार्जिन कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेडिंग रेट एक मिनिमम ब्याज है, जिसपर बैंक एक ग्राहक को लोन देते हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से इसे 2016 में पेश किया गया था. यह प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी ब्याज दर पर लोन देने के लिए बैंकों के लिए एक आंतरिक ब्याज दर है, जिससे कम ब्याज में कोई भी बैंक लोन नहीं दे सकता है. 

MCLR बढ़ने से लोन की ईएमआई पर क्या होगा असर 
अगर कोई बैंक एमसीएलआर में बढ़ोतरी करेगा, तो इसका मतलब है कि लोन के ब्याज दर में बढ़ोतरी होगी और लोन लेने पर आपकी ईएमआई भी बढ़ जाएगी. यानी कि हर महीने ज्यादा ईएमआई देना होगा.