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Budget-2023: इस बार बुजुर्गों का रखा जाएगा ख्याल, पेंशनर्स को मिलेगा ये लाभ

बजट आने में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में आम आदमी के साथ-साथ देश के करीब 72 लाख पेंशनर्स को भी सरकार से कई राहत और पेंशन के तौर पर थोड़ी ज्यादा रकम हाथ में आने की उम्मीद है, ताकि बढ़ती महंगाई के दिनों में खर्च चलाए जा सकें. आइये जानते है इसके बारे में विस्तार से.
 
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Budget-2023: इस बार बुजुर्गों का रखा जाएगा ख्याल, पेंशनर्स को मिलेगा ये लाभ 

HR Breaking News (ब्यूरो) : हालांकि ऊंची पेंशन के लिए हाल में सुप्रीम कोर्ट ने EPFO को आदेश दिया है, पर अभी भी इस सेगमेंट में काफी कुछ किया जाना बाकी है. प्रोविडेंड फंड पेंशन स्कीम (Provident Fund Pension Scheme) की प्रोसेस को आसान बनाया जाना है.


सुप्रीम कोर्ट ने करीब दो महीने पहले लोगों को ऊंची पेंशन पाने का हकदार मानते हुए, इस आइडिया को सैद्धांतिक अनुमति दे दी. इसे लेकर ईपीएफओ ने दिसंबर में कुछ नियम भी तय किए हैं. लेकिन इन नियमों ने आम पेंशनर्स के लिए एक नया सिरदर्द ही पैदा किया है, क्योंकि ये सर्कुलर पेंशनर्स के एक हिस्से को ही टारगेट करता है, और उनके लिए भी कई तरह की शर्तें हैं.

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2005 से चल रहा है मामला


ऊंची पेंशन दिए जाने का ये मामला 2005 की शुरुआत से चल रहा है तब हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के कुछ कर्मचारियों ने रिटायरमेंट के बाद ज्यादा पेंशन देने की मांग रखी. इस पर चली लंबी कानूनी लड़ाई अक्टूबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट पहुंची.

इस बीच में केंद्र सरकार ने EPS से जुड़े नियमों में कुछ बदलाव किए. कट टू शॉर्ट, इन तमाम उतार चढ़ाव के बाद आखिरकार नवंबर 2022 में ये मामला सुलझा और सुप्रीम कोर्ट ने ईपीएफओ को ऊंची पेंशन पाने के नियम बनाने को कहा. दिंसबर के अंत में इन नियमों को लेकर ईपीएफओ ने एक सर्कुलर भी जारी किया है.

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ईपीएफओ के नियम परेशान करने वाले


ईपीएफओ ने ऊंची पेंशन पाने से जुड़े जो नियम बनाए हैं, वो असल में बहुत कम पेंशनर्स को लाभ पहुंचाने वाले हैं. ईपीएफओ ने इसके लिए तीन शर्त तय की हैं जिनमें ऊंचे वेतन या एक्चुअल वेज पर पेमेंट का कंट्रीब्यूशन, नौकरी के दौरान ज्वॉइंट ऑप्शन का इस्तेमाल और ईपीएफओ द्वारा ऊंची पेंशन देने से इनकार शामिल है.


ईपीएफओ के सर्कुलर का फायदा नहीं


पेंशनर्स के एक धड़े का कहना है कि दिसंबर 2004 के बाद लगभग 12 साल तक ईपीएफओ की और से नौकरी के दौरान ऊंची पेंशन पाने की इन शर्तों का पालन ही नहीं करने दिया गया. ऐसे में ज्वॉइंट ऑप्शन को शर्त बनाकर रखना सही नहीं लगता. द हिंदू बिजनेस लाइन की खबर के मुताबिक इस तरह से एक बड़ी संख्या में पेंशनर्स को ऊंची पेंशन पाने से बाहर कर दिया गया है.

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वहीं 1 सिंतबर 2014 के बाद रिटायर होने वाले यानी इस दिन के बाद 58 साल की उम्र पाने वाले लोग इस दायरे से बाहर रखे गए हैं. उन्हें भी इसके लाभ को लेकर संशय बना हुआ है. उम्मीद है कि EPFO आने वाले दिनों में इन नियमों को साफ-साफ समझाने वाला एक और सर्कुलर जारी कर सकता है.


बजट में बदलेंगे पेंशन नियम ?


मौजूदा वक्त में पेंशन और पेंशनर्स का मुद्दा राजनीतिक रूप ले चुका है. कांग्रेस की कई राज्य सरकारों ने अपने राज्यों में ओल्ड पेंशन स्कीम लॉन्च भी कर दी है. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि बजट में सरकार पेंशन नियमों को आसान बनाने का काम कर सकती है, क्योंकि 2024 के आम चुनाव से पहले यह सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है.