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LIC ने बढ़ाई सरकार की टेंशन, निवेशकों को राहत के लिए सरकार उठाएगी ये कदम

LIC share price: लिस्टेड होने के बाद से ही एलआईसी का शेयर इश्यू प्राइस से निचले स्तर पर बना हुआ है. यह इस दौरान 708.70 रुपये प्रति शेयर के निचले स्तर और 920 रुपये प्रति शेयर के ऊंचे स्तर तक गया।
 
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HR Breaking News : नई दिल्ली : LIC share price: सरकार की ओर से बड़े उत्साह के साथ LIC का आईपीओ लॉन्च किया गया था लेकिन इसके शेयर में लगातार हो रही गिरावट से सरकार काफी परेशान है।
 लेकिन सरकार की ओर से इस गिरावट को अस्थायी बताया गया है. सरकार ने कहा कि बीमा कंपनी मैनेजमेंट इन पहलुओं को देखेगा और शेयर होल्डर्स की वैल्यू में इजाफा करेगा.भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का शेयर 17 मई को 872 रुपये प्रति शेयर पर सूचीबद्ध हुआ था. सरकार ने LIC के शेयर का इश्यू प्राइस 949 रुपये प्रति शेयर तय किया था. इससे पहले उसके आईपीओ को करीब तीन गुना चंदा मिला था।

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शेयर होल्डर्स के लिए होगा ये फैसला


लिस्टेड होने के बाद से ही एलआईसी का शेयर इश्यू प्राइस से निचले स्तर पर बना हुआ है. यह इस दौरान 708.70 रुपये प्रति शेयर के निचले स्तर और 920 रुपये प्रति शेयर के ऊंचे स्तर तक गया. निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा, ‘हम एलआईसी के शेयर मूल्य में आई गिरावट को लेकर बहुत चिंतित हैं, यह गिरावट अस्थायी है. लोगों को एलआईसी की मूलभूत बातों को समझने में वक्त लगेगा. एलआईसी का मैनेजमेंट इन सभी पहलुओं को देखेगा और शेयर होल्डर्स के लिए मूल्य बढ़ाएगा.’

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709.70 रुपए पर बंद हुए एलआईसी का शेयर


एलआईसी का शेयर शुक्रवार को बीएसई पर 709.70 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ. बीमा कंपनी के शेयर में बढ़त की संभावना के बारे में एक अधिकारी ने कहा कि मार्च के आखिर में रहे अंतर्निहित मूल्य से बीमा कंपनी की बेहतर तस्वीर सामने आएगी. उन्होंने कहा, ‘जून के अंत तक एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य संबंधी नई जानकारी मिलेगी.’

निवेशकों को हुआ भारी नुकसान


सेबी के पास जमा दस्तावेजों के मुताबिक सितंबर 2021 के आखिर में एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य 5.39 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा था. अधिकारी ने कहा, ‘मार्केट को मार्च का अंतर्निहित मूल्य पता नहीं चल पाया है इसलिए अटकलों का बाजार गर्म है. बीमा कंपनियों की भावी वृद्धि की रेट का पता इसी मूल्य से चल सकता है.’

लिस्टेड होने के बाद से LIC का मार्केट कैप 6 लाख करोड़ से घटकर 4.48 लाख करोड़ रुपये रह गया है. पिछले करीब एक महीने में एलआईसी के निवेशकों को करीब 1.52 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।