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New Labor Law : नए श्रम कानूनों के तहत कर्मचारियों की बढ़ेगी इन हैंड सैलरी, हफ्ते में तीन दिन होगी छुट्टी

नए श्रम कानूनों के तहत कर्मचारियों की इन हैंड सैलरी बढ़ जाएगी. नए श्रम कानून लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी पर क्या असर होगा और किस तरह सैलरी स्ट्रक्चर बदलेगा. इसकी पूरी जानकारी जानने के लिए खबर को पूरा पढ़े. 
 
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HR Breaking News, Digital Desk- नए श्रम कानून के लागू होने के बाद आपकी इन हैंड सैलरी घटेगी नहीं बल्कि बढ़ जाएगी. अभी आप सुनते आए होंगे कि नए श्रम कानून के लागू होने के बाद सैलरी स्ट्रक्चर में आपकी इन हैंड सैलरी कम हो जाएगी. क्योंकि बेसिक सैलरी 50% हो जाएगी. इससे रिटायरमेंट फंड में ज्यादा पैसा कटेगा. भत्तों (Allowances) की मोटी रकम कम हो जाएगी.

लेकिन हम आपको यहां बता रहे हैं कि नया सैलरी स्ट्रक्चर आने पर भी आपकी इन हैंड सैलरी कम नहीं होगी बल्कि बढ़ जाएगी. नए श्रम कानून लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी पर क्या असर होगा और किस तरह सैलरी स्ट्रक्चर बदलेगा. हालांकि, औपचारिक ऐलान होना बाकी है. लेकिन, अभी कयास लगाए जाए रहे हैं कि आने वाले महीनों में इसे लागू किया जा सकता है.

50 प्रतिशत हो जाएगी बेसिक सैलरी-

बता दें कि सरकार ने 29 श्रम कानूनों (Labour law) को जोड़कर 4 कोड्स (New Labour Codes) तैयार किए हैं. नए कानून के प्रावधानों के मुताबिक कंपनियां अपने कर्मचारियों को जो सैलरी देंगी, उसमें बेसिक सैलरी का हिस्सा कुल सैलरी (CTC) के 50% होगा. मतलब पहले जो बेसिक सैलरी 30-35 फीसदी होती थी, उसमें सीधे तौर 15 फीसदी का इजाफा हो जाएगा और बाकी 50 फीसदी रीइंबर्समेंट-अलाउंस वाला पार्ट रहेगा.

मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर में क्या है?

मान लीजिए कि आपकी मंथली सैलरी 1.5 लाख रुपए यानी 18 लाख रुपए का सालाना पैकेज है. मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर में बेसिक सैलरी CTC का 32% होती है. इस लिहाज से 1.50 लाख की मंथली CTC में बेसिक सैलरी 48,000 रुपए होगी. फिर 50 प्रतिशत यानी 24,000 रुपए HRA तो NPS में बेसिक (48,000 रुपए) का 10% यानी, 4,800 रुपए जाएगा.

बेसिक सैलरी का 12% प्रॉविडेंट फंड (PF) में जाता है तो 5,760 रुपए हर महीने EPF में जाएंगे. इस तरह आपकी मंथली 1.50 लाख रुपए की CTC में 82,560 रुपए हो गए. मतलब है कि बाकी 67,440 रुपए अन्य मदों के जरिए दिए जा रहे हैं. इनमें स्पेशल अलाउंस, फ्यूल एंड ट्रांसपोर्ट, फोन, अखबार और किताबें, सालाना बोनस में मासिक हिस्सेदारी, ग्रेच्युटी जैसे कंपोनेंट शामिल होते हैं.


कितना बनता है टैक्स, कितनी मिलती है हाथ में सैलरी और कितनी है रिटायरमेंट सेविंग्स?

आपकी कुल CTC में से 1.10 लाख रुपए टैक्स बनेगा. मतलब CTC का 6.14 फीसदी टैक्स. टेक होम सैलरी- 1.14 लाख रुपए, CTC का 76.1 फीसदी. रिटायरमेंट सेविंग्स- 1.96 लाख रुपए, CTC का कुल 10.9 फीसदी.

HRA में मिलेगी कम टैक्स छूट-

नए नियम के मुताबिक, मान लीजिए सालाना बेसिक सैलरी 9 लाख रुपए है तो HRA – 4,50,000 रुपए हो जाएगा. लेकिन, आपको 2,42,400 रुपए पर ही टैक्स छूट मिलेगी. मतलब 2,07,600 रुपए पर टैक्स देना होगा. पहले आपको HRA के मद में मिल रहे सिर्फ 45,600 रुपए पर टैक्स देना होता था.

नए सैलरी स्ट्रक्चर में HRA पर टैक्स में भारी बढ़ोतरी होने जा रही है. अगर आप एनुअल CTC पर टैक्स की तुलना करेंगे तो अभी आपको 1.10 लाख (कुल CTC का 6.1%) टैक्स देना होता है, जो नए स्ट्रक्चर में 1.19 लाख रुपए (कुल CTC का 6.6%) टैक्स देना होगा.

बता दें कि नए स्ट्रक्चर में आपकी टेक होम सैलरी घट जाएगी, लेकिन आप चाहते हैं इसका कुछ विकल्प निकाला जाए तो आपके पास एक रास्ता है. आप NPS को छोड़ सकते हैं, क्योंकि उसमें पैसे डालना या नहीं डालना, आपकी मर्जी पर निर्भर करता है. EPF के साथ ऐसा नहीं है, EPF में आपकी बेसिक सैलरी का 12% तो देना ही होता है.