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Share Market Update : HCL या Wipro , दोनों में से किसके शेयर खरीदे ? हम करेंगे कन्फूशन दूर

HCL और Wipro  दोनों ही देश की सबसे बड़ी टेक कंपनियां है और अगर आप इन में से किसी एक कम्पनी के शेयर खरीदने की सोच रहे हैं और कंफ्यूज है के किसके शेयर खरीदे तो आज हम आपकी ये कन्फूशन दूर कर देंगे। 
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HR Breaking News, New Delhi : सितंबर तिमाही के नतीजों के बाद आईटी कंपनी के शेयर HCL TECH में 4 फीसदी का शानदार तेजी देखने को मिल रही है. लेकिन दूसरी ओर Wipro का शेयर 6 फीसदी के करीब कमजोर हुआ है. दोनों कंपनियों ने 12 अक्‍टूबर यानी बुधवार को अपने नतीजे जारी किए थे. ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि HCL से ओवरआल मजबूत प्रदर्शन किया है. रेवेन्‍यू और EBIT मार्जिन के फ्रंट पर उम्‍मीद से बेहतर नंबर्स आए हैं. वहीं Wipro की बात करें तो खर्च बढ़ने से मार्जिन और मुनाफे दोनों पर दबाव देखने को मिला है. ब्रोकरेज ने एक में बेहतर रिटर्न की उम्‍मीद जताई है तो दूसरे पर रेटिंग न्‍यूट्रल है.

आज कैसी रही शेयर की चाल


HCL का शेयर आज के कारोबार में करीब 4 फीसदी मजबूत होकर 989 रुपये पर पहुंच गया. जबकि बुधवार को यह 952 रुपये पर बंद हुआ था. इस साल की बात करें तो शेयर में अबतक 26 फीसदी कमजोरी आई है. वहीं Wipro का शेयर आज 6 फीसदी टूटकर 383 रुपये पर पहुंच गया. जबकि बुधवार को यह 408 रुपये पर बंद हुआ था. इस साल शेयर में अबतक 46 फीसदी कमजोरी आई है.
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने HCL TECH पर Buy रेटिंग दी है और टारगेट 1240 रुपये तय किया है. कल के बंद भाव 939 रुपये के लिहाज से इसमें 32 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी का सिंतबर तिमाही में मार्जिन अनुमान से बेहतर आया है. आगे भी यह 18-19 फीसदी की रेंज में ग्रोथ कर सकता है. क्‍लाउंड में हायर एक्‍सपोजर का फायदा मिल रहा है. क्‍लाउड, नेटवर्क, सिक्‍योरिटी और डिजिटल वर्कप्‍लेस में डिमांड बनी हुई है.

सर्विसेज में अच्‍छी ग्रोथ रही है, डील हासिल करने की दर बेहतर है और कंपनी ने हेडकाउंट भी बढ़ाए हैं. ये सब पॉजिटिवच ट्रिगर हैं, जिससे आउटलुक मजबूत हुआ है. शेयर अभी 15x FY24E EPS के वैल्‍युएशन पर ट्रेड कर रहा है, जो मार्जिन ऑफ सेफ्टी ऑफर करता है.

WIPRO पर Neutral रेटिंग


ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने WIPRO पर Neutral रेटिंग दी है और टारगेट 380 रुपये तय किया है. कल के बंद भाव 408 रुपये के लिहाज से इसमें 7 फीसदी गिरावट आ सकती है. कंपनी के मुनाफे और मार्जिन पर दबाव देखने को मिला है, हालांकि ओवरआल रेवेन्‍यू ग्रोथ बेहतर रही है. मैनेजमेंट को भी लग रहा है कि दिसंबर तिमाही में भी मार्जिन पर कुछ दबाव देखने को मिल सकता है.

ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी के लिए सितंबर तिमाही के नंबर्स कुछ कमजोर रहे हैं. FY23 के दौरान कंपनी की ऑर्गेनिक ग्रोथ टियर 1 आईटी कंपनियों में सबसे कम रह सकती है. कंपनी का मार्जिन मिड टर्म में मैनेजमेंट के गाइडेंस से नीचे रह सकता है. ब्रोकरेज ने शेयर पर FY23/FY24 EPS अनुमान में 6 फीसदी औक्‍र 2 फीसदी की कटौती की है.