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सस्ते होंगे लोन, कम हो जाएगा EMI, ग्राहकों को RBI का तोहफा

EMI : आज के समय में बढ़ती जरूरतों की वजह से लोगों को लोन लेने की जरूरत पड़ जाती है। बढ़ती महंगाई की वजह से लोन पर लगने वाली ब्याज दर (RBI) भी काफी ज्यादा हो गई है। हालांकि अब लोन लेना सस्ता होने वाला है। लोन की ईएमआई भी कम होने वाली है। इसकी वजह से ग्राहकों को काफी लाभ हो रहा है। ये ग्राहकों के लिए एक बड़े तोहफे के रूप में  सामने आ रहा है। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में। 

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सस्ते होंगे लोन, कम हो जाएगा EMI, ग्राहकों को RBI का तोहफा

HR Breaking News (EMI)। कुछ समय पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कटौती कर दी है। इसकी वजह से ब्याज दर भी सस्ती कर दी गई है। पहले फरवरी में आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की थी।

 

वहीं अब एक बार फिर से अप्रैल में आरबीआई ने अप्रैल में रेपो रेट (New Repo rate) में कटौती कर और इसे 6.00 प्रतिशत के ब्याज दर कर दिया गया था। रेपो रेट में कटौती होने की वजह से लोगों के लिए लोन लेना काफी सस्ता रहने वाला है। खबर में जानिये अब लोगों को कितने ब्याज दरों का भुगतान करना होगा। 

 


जानिये क्या कहती है रिपोर्ट


एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च की एक लेटेस्ट रिपोर्ट में बताया कि अभी आरबीआई रेपो रेट (RBI Update on Repo rate) को और कम करने वाली है। एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च की एक लेटेस्ट रिपोर्ट में जानकारी देते हुए बताया कि जून और अगस्त की आरबीआई की नीति बैठक में ब्याज दरों (Repo rate intrest rate) में 25-25 आधार अंकों की कटौती करने की संभावना है। एचएसबीसी का पुर्वानुमान है कि इस वित्त वर्ष में रेपो रेट को कम करकर 5.5 प्रतिशत तक कर दिया जाएगा।


 

कम होंगी ब्याज दरें


इसके अलावा, उम्मीद लगाई जा रही है कि आसान लिक्विडिटी (Liquidity kya h) की स्थिति बनी रहने वाली है। ब्याज दरों में कटौती का लाभ लोगों तक पहुंचाने में मदद दी जाने वाली है। मार्च में सीपीआई मुद्रास्फीति 3.3 प्रतिशत तक रही है, जो बाजार की 3.5 प्रतिशत की उम्मीद लगाई जा रही है।

 

खाद्य पदार्थों की कीमतों (prices of food items) में लगातार तीसरे महीने भी अपस्फीति में रहीं है, जो पिछले महीने की तुलना में 0.7 प्रतिशत तक कम रही है। इसके प्रभाव की वजह से सब्जियों, दालों, अंडों और मछली-मांस की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है।

 


प्याज टमाटर की कीमतों में भी आई गिरावट


अनाज और दूध की कीमतों में क्रमिक गति सामान्य रह रही है। वहीं दूसरी ओर चीनी और फलों की कीमतों (Basic needs prices hike) में भी उछाल देखने को मिल रहा है। एचएसबीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि अप्रैल में मुद्रास्फीति का आंकड़ा मार्च के स्तर के करीब रहने वाला है।

इसकी वजह से प्याज और टमाटर की कीमतों (Tamato price today) में भारी गिरावट के कारण देखने को मिल रही है। अप्रैल के पहले 10 दिनों में सब्जियों की कीमतों में 0 से 5 प्रतिशत (महीने के हिसाब से) की कमी देखने को मिल रही है।  


मुद्रास्फीति में आई गिरावट


एचएसबीसी ने वित्त वर्ष 2026 में सीपीआई हेडलाइन मुद्रास्फीति के औसतन 3.7 प्रतिशत तक रहने के आसार है। आरबीआई के लक्ष्य और पूर्वानुमान 4 प्रतिशत से काफी कम रहने वाला है।

नई गेहूं (Wheat price today) की फसल बाजार में आने के साथ अप्रैल से खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट आने की उम्मीद है। इसके अलावा, आईएमडी ने 2025 के लिए 'सामान्य' मानसून का पूर्वानुमान को जारी किया गया है। 


रिपोर्ट में दी जानकारी


रिपोर्ट में बताया  गया है कि हाल ही में रुपए की मजबूती, चीन से आयातित सामानों के दामों में तुलनात्मक कमी, तेल की नरम कीमतें और कमजोर घरेलू विकास की वजह से कोर मुद्रास्फीति भी नरम रहने के आसार है।

थोक स्तर पर भी, मार्च की कीमतें (gehu ki kemat) सामान्य रहने वाली है। वहीं दूसी ओर कोर श्रेणियों के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति की तुलना में थोक मुद्रास्फीति में तेजी से कम किया जा सकता है।


आईआईपी में हुई इतनी वृद्धि


फरवरी में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production) में सालाना आधार पर 2.9 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। जो बाजार की 3.6 प्रतिशत की अपेक्षा से कम रहा है। रिपोर्ट में बताया गया कि विकास के 100 संकेतकों के हमारे फ्रेमवर्क से पता चलता है कि मार्च तिमाही पिछली दो तिमाहियों की तुलना में बेहतर रहने वाला है। हालांकि जून 2024 से काफी नीचे है।
 

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