Haryana news: हरियाणा के इस DTP ने रिश्वत के पैसे से खरीदे थे 12 प्लॉट, 1 फ्लैट और कई गाड़ियां

करनाल.HR BREAKING NEWS: इस रिमांड के दौरान कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है. कोर्ट ने दोनों को तीन दिन के लिए विजिलेंस के रिमांड (Vigilance Remand) पर भेजा है.
आरोपी डीटीपी को शुक्रवार को 5 लाख रु. की रिश्वत (Bribe) लेते गिरफ्तार किया गया था. वहीं ड्राइवर को 5 हजार रुपए के साथ पकड़ा था.
विजिलेंस के अनुसार, डीटीपी विक्रम ने पूछताछ में कबूल किया है कि उसके करनाल स्थित आवास से मिली 78,34,630 रुपए की राशि रिश्वत की है.
उसने एक फ्लैट, 12 प्लॉट और गाड़ियां आदि घूस की राशि से कैश में खरीदे हैं. वह रिश्वत के तौर पर एक सप्ताह में एक करोड़ रुपए की वसूली करता था.
यह वसूली कॉलोनाइजर्स से उनकी कॉलोनियों में तोड़फोड़ न करने के एवज में करता था. आरोपी एक सप्ताह पहले ही तोड़फोड़ करने वाली जगहों की लिस्ट तैयार कर लेता था.
यह लिस्ट कॉलोनाइजर्स तक पहुंचा दी जाती थी. इसके बाद जिन कॉलोनाइजर्स से सेटिंग बैठ जाती, उसके यहां तोड़फोड़ नहीं होती थी.
वहीं, तोड़फोड़ करने के बाद भी जो कॉलोनाइजर्स पैसा नहीं देता, उन पर केस दर्ज कराकर वसूली करता था.
विजिलेंस थाने में डीटीपी के खिलाफ शिकायत लेकर लोग पहुंच रहे हैं. कैथल रोड पर पांच एकड़ में कॉलोनी काटने वाले कॉलोनाइजर ने बताया कि कई बार सड़कें और प्लॉट्स की नींव उखड़वा दी गईं. वह बिल्डिंग इंस्पेक्टर को साथ लेकर डीटीपी के पास पहुंचा तो 20 लाख में सौदा तय हुआ. रुपए देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.
सूत्रों की मानें तो विजिलेंस ने शनिवार को डीटीपी के करनाल स्थित आवास की फिर से तलाशी ली. इसमें विजिलेंस को एक डायरी बरामद हुई है, जिसमें पैसों का पूरा ब्योरा है. साथ ही इस डायरी में कब कितने पैसे किससे लिए और किन-किन लोगों तक पहुंचाए गए, इसका भी तारीख के हिसाब से पूरा विवरण है.
विजिलेंस की तरफ से आरोपी डीटीपी विक्रम सिंह का 5 दिन का रिमांड मांगा गया. लेकिन आरोपी पक्ष के वकील राजीव शर्मा, दीपक डुडेजा ने तर्क रखा कि आरोपी को पांच लाख रुपए के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया, रिकवरी भी कर ली है.
अब रिमांड मांगने का क्या औचित्य है. विजिलेंस ने सिविल जज (जूनियर डिवीजन) हरलीन पाल सिंह से कहा कि आरोपी से पूछताछ करनी है और पंचकूला भी लेकर जाना है. इस पर कोर्ट ने तीन दिन का रिमांड दिया है.
कोर्ट में डीटीपी की पत्नी समेत परिवार के अन्य सदस्य भी आए थे, जिनके माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिख रही थीं और डीटीपी भी टेंशन में नजर आया.
करनाल विजिलेंस थाने के इंस्पेक्टर सचिन ने लोगों से अपील की है कि मामले में किसी प्रकार की सूचना एवं शिकायत कार्यालय में आकर दे सकते हैं. टोल फ्री नंबर 1064 और 18001802022 और करनाल पुलिस अधीक्षक के 9050029992, करनाल विजिलेंस ब्यूरो के 0184-4088088 नंबर पर रिश्वत मांगने वालों की शिकायत की जा सकती है.