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चांदी की इतनी बड़ी सिल्लियों व बर्तनों के ओवर स्टॉक को देख IT अधिकारी भी रह गए हैरान…

HR BREAKING NEWS. पीयूष जैन की अकूत संपत्ति जब्त करने के बाद अब आयकर विभाग की टीम ने कानपुर स्थित 100 साल पुरानी फर्म केदारनाथ श्रीकृष्ण ज्वेलर्स और केएस बुलियन के कारखाना, आफिस, शोरूम और आवास पर छापेमारी की। ये छापेमारी कार्रवाई रविवार 30 जनवरी को शुरू हुई थी, जो अब पूरी हो गई है। मीडिया खबरों के मुताबिक, चांदी की सिल्लियों और चांदी के बर्तनों का ओवर स्टॉक मिला है। इस स्टॉक को देखकर अधिकारी भी हैरान रह गए। 8.5 करोड़ रुपए सीज की गई चांदी
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खबरों के मुताबिक, आयकर विभाग ने छापेमारी में 8.5 करोड़ रुपए की अघोषित चांदी सीज की गई। साथ ही, 16 लाख रुपए का अघोषित कैश भी जब्त किया गया। इसके अलावा कई लॉकर, बड़े पैमाने पर दस्तावेज, कंप्यूटर, लैपटॉप और हार्ड डिस्क जब्त की गई है। वहीं, सराफा कारोबारियों के यहां हुई कार्रवाई से सराफा बाजार में हड़कंप मच गया। दरअसल, 30 जनवरी को आयकर विभाग की अलग-अलग टीमों ने चौक स्थित केएस बुलियन और केदारनाथ श्रीकृष्ण ज्वेलर्स के मालिक बॉबी अग्रवाल के चौक सराफा स्थित शोरूम-कारखाने में छापा मारा।

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चांदी के बर्तनों का होता है काम
 

इसके साथ ही नवाबगंज और सर्वोदय नगर स्थित आवास पर कार्रवाई की गई। एक साथ चार जगहों पर कार्रवाई कर जांच शुरू की गई। सूत्रों ने बताया कि इनका चांदी के बर्तनों का बड़े स्तर पर काम होता है। केएस ब्रांड से इनके बर्तन बनते हैं। इसके अलावा इसी नाम से सिक्के और ठोस चांदी की सिल्ली बनाने का काम होता है। चौक में ही कारखाना है। फर्म आजादी के पहले से पंजीकृत है। इनके चांदी के बर्तन कानपुर के अलावा प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में जाते हैं।

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ओवर स्टॉक की मिली थी सूचना
 

चांदी के बने बर्तनों, सिक्कों आदि का बड़े पैमाने पर ओवर स्टॉक की सूचना पर कार्रवाई की गई है। बहुत बड़े स्तर पर स्टॉक मिला भी है। रविवार को अचानक की गई कार्रवाई से बाजार में तमाम चर्चाएं रहीं। हालांकि माना जा रहा है कि बड़ा इनपुट मिलने पर विभाग ने कार्रवाई की है। खबरों के मुताबिक, इस छापे में 8.5 करोड़ रुपए की अघोषित चांदी सीज किया गया है, जिसके कोई दस्तावेज नहीं मिले। बरामद की गई 1500 किलो चांदी सिल्लियों और बर्तनों के रूप में है। इन छापों में विभिन्न संपत्तियों के कागजात भी मिले हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश बहुत पुरानी संपत्तियां हैं।

बहीखातों का अध्ययन कर रहा है आईटी विभाग
 

फर्म में जांच के दौरान न तो परचेज रजिस्टर मिला, न ही सेल रजिस्टर मिला, न स्टॉक रजिस्टर मिला और न ही मेंटेनेंस रजिस्टर मिला। आयकर अफसर उस समय हैरान रह गए, जब उन्हें पूरा बहीखाता 50 साल पुराने रोकड़ के रूप में मिला। इंटरनेशनल एकाउंटिंग सिस्टम के दौर में आज भी फर्म का हिसाब किताब मुनीम के जरिए रोकड़ के रूप में रखा जा रहा था, जिसका अध्ययन आयकर विभाग कर रहा है।

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