REET में हाई कटऑफ, जानिए क्या है कारण
REET Controversy : राजस्थान में रीट एग्जाम से जुड़े विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। लेवल-2 का एग्जाम रद्द होने के बावजूद लेवल 1 की हाई कटऑफ ने नया विवाद खड़ा कर दिया है।

सामान्य वर्ग की कटऑफ 130 रही है। 130 नंबर वालों के भी चयन की गारंटी नहीं है, क्योंकि 15 हजार 500 पदों के लिए 31 हजार अभ्यर्थी हैं। यानी हर पद पर दो दावेदार। ऐसे में डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन के बाद फाइनल कटऑफ 130 से भी ज्यादा बढ़ सकती है।
विवाद की सबसे बड़ी वजह है हाई कटऑफ। इस बार सामान्य वर्ग की कटऑफ 130 है, जबकि 2015 में यह 118 और 2017 में 111 ही थी। रीट में पहली बार 4000 अभ्यर्थियों के 90% से ज्यादा अंक आए। 2015 में 70% और 2017 में 75% अभ्यर्थियों के ही 60-70% नंबर आए थे, जबकि इस बार 70% अभ्यर्थियों के 80 प्रतिशत से ज्यादा नंबर आए। साल 2021 में 70% अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने लेवल-1 में 80% से ज्यादा से अंक हासिल किए। यही वजह है कि रीट लेवल 1 में भी गड़बड़ी की आशंका को लेकर आरोप लगने लगे हैं।
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4 वजहों से पहली बार इतनी हाई कटऑफ
10 हजार 500 कम पद, लेकिन आवेदन 48 हजार ज्यादा
रीट 2017 में लेवल-1 भर्ती के 26 हजार पद थे, जिसके लिए 77 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। वहीं इस बार लेवल-1 में 15 हजार 500 पदों के लिए ही आवेदन का आंकड़ा 1 लाख 25 हजार पहुंच गया। यह 2017 के मुकाबले 40% तक ज्यादा था। एक्सपट्र्स का कहना है कि टफ कॉम्पिटिशन के कारण कट ऑफ हाई गई।
आसान पेपर, मैथ्स स्ट्रीम वालों को मिला फायदा कोचिंग डायरेक्टर डॉ राघव प्रकाश का कहना है कि पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार लेवल-1 का पेपर भी काफी आसान था। मैथ्स से जुड़े सवाल ज्यादा थे, ऐसे में मैथ्य स्ट्रीम के स्टूडेंट्स को काफी फायदा हुआ। आसान पेपर की वजह से ही कट ऑफ 130 तक पहुंच गई। फाइनल कटऑफ इससे भी ज्यादा हो सकती है।
लेवल 2 की तरह लेवल 1 में भी लीक की आशंका
सहायक प्रोफेसर जयंतीलाल खंडेलवाल का कहना है कि लेवल 2 में जिस तरह की गड़बड़ियां सामने आईं, उससे लेवल 1 में भी चीटिंग की आशंका बढ़ी है। पहली बार रीट में इतनी हाई कटऑफ गई है। ऐसे में इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि लेवल 2 की तरह ही लेवल 1 का भी पेपर लीक हुआ हो।
जहां लेवल 2 में गड़बड़ी पकड़ी, वहीं के ज्यादा अभ्यर्थियों का चयन
कुछ एक्सपर्ट ये आशंका भी जता रहे हैं कि लेवल 2 में जिन जिलों में सबसे ज्यादा गड़बड़ी पकड़ी गई, लेवल 1 में भी सबसे ज्यादा उन्हीं जिलों के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। हालांकि अभी तक सिर्फ ये खुलासा हुआ कि किन जिलों में सबसे ज्यादा अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। चयनित होने वाले अभ्यर्थी हैं किस जिले का, इसका पता अभी नहीं चला है।
भरतपुर में 2009 अभ्यर्थियों का चयन
रीट लेवल वन में शिक्षा विभाग ने 15 हजार 500 पदों के लिए कुल 31 हजार अभ्यर्थियों का चयन किया है। 2009 अभ्यर्थी भरतपुर जिले से हैं। वहीं जयपुर से 1452, बाड़मेर से 1428, अलवर से 1386, धौलपुर से 1100, जोधपुर से 1068, भीलवाड़ा से 890, बीकानेर से 785, बारां से 741 और हनुमानगढ़ से 705 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। वहीं बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ से सिर्फ 73 लोगों का ही सिलेक्शन हो पाया है। बांसवाड़ा से 28, डूंगरपुर से 23 और प्रतापगढ़ से 22 अभ्यर्थी शामिल हैं।
140 तक जा सकती है फाइनल कटऑफ
एजुकेशन काउंसलर जितेंद्रसिंह ने बताया कि रीट लेवल-1 2017 के रिजल्ट के मुकाबले 2021 की कटऑफ में 19 अंकों का अंतर है। ऐसे में 31 हजार अभ्यर्थियों के डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद 15 हजार 500 पदों के लिए फाइनल कटऑफ में 6 से 10 अंकों तक बढ़ोतरी हो सकती है। लेवल 1 को लेकर लग रहे आरोपों की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।
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आइये, जानते हैं अब आगे कैसे होगी प्रक्रिया...
कटऑफ जारी हो गई, आगे क्या होगा?
-लेवल-1 की कटऑफ में चयनित होने वाले अभ्यर्थियों से डॉक्यूमेंट अपलोड कराए जाएंगे। इसके लिए 5 दिन का समय मिलेगा।
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कहां होगा? कितने दिन लगेंगे?
-डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए गृह जिले ही आवंटित हुए हैं। वेरिफिकेशन में 15-20 दिन लग सकते हैं।
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद कोई कमी रही तो मौका मिलेगा? अंतिम कट ऑफ कब जारी होगी?
-परिवेदना (आपत्ति) मांगकर उनका निस्तारण होगा। इसके बाद पदों के मुकाबले एक गुणा की फाइनल कटऑफ जारी होगी।
फाइनल कट ऑफ के बाद नियुक्ति कब तक?
-मेरिट के आधार पर जिला आवंटन होगा। अप्रैल महीने में नियुक्ति दी जाएगी।