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IAS Story : विदेश की नौकरी छोड़, IAS बनने वाली चांदना की सबसे अलग है कहानी

आपने बहुत सारी IAS की कहानी सुनी होगी लेकिन आज हम आपको एक ऐसी IAS की कहानी सुनाने जा रहे हैं जिसने विदेश की नौकरी छोड़कर आपने देश में आकर IAS बनी। खबर में हमारे साथ जानिए उनकी कहानी।   

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HR Breaking News : ब्यूरो :  जैसा की आप जानते हैं हर साल लाखों उम्मीदवार संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस परीक्षा (Civil Service Exam) की तैयारी करते हैं. इसके लिए उन्हें अपने बसे-बसाए करियर तक से समझौता करना पड़ जाता है. आईएएस हरी चांदना दसारी (IAS Hari Chandana Dasari) भी प्रशासनिक सेवा में आने के लिए अपनी विदेश की नौकरी छोड़ आई थीं.

आईएएस हरी चांदना दसारी (IAS Hari Chandana Dasari) सोशल मीडिया पर बहुत प्रचलित नहीं हैं. लेकिन वे वेस्ट मैनेजमेंट (Waste Management) के क्षेत्र में काफी बेहतरीन काम कर रही हैं. उनके परिवार का प्रशासनिक सेवाओं से पुराना नाता रहा है. जानिए आईएएस हरी चांदना दसारी के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें और उनकी सक्सेस स्टोरी


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पिता से मिली प्रेरणा


आईएएस हरी चांदना दसारी के Father D. Srinivas 1987 बैच के प्रशासनिक अधिकारी हैं. हरी चांदना ने बचपन से पिता को सिविल सर्विस में देखा तो उनके मन में भी इस सेवा के लिए खास जगह बन गई थी (IAS Hari Chandana Dasari Biography). हरी चांदना दसारी की मां हाउसवाइफ हैं, भाई डॉक्टर और पति सिविल सर्विस में अधिकारी हैं.

लंदन से की economics की पढ़ाई

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हरी चांदना ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के अलग-अलग स्कूलों से पूरी हुई है (IAS Hari Chandana Dasari Education). उन्होंने हैदराबाद के सेंट एन्स कॉलेज से 12वीं की परीक्षा पास की थी. ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने लंदन के स्कूल of economics से Environment Economics में MSc degree हासिल की थी.


world Bank में की नौकरी


पढ़ाई पूरी करने के बाद हरी चांदना दसारी की विश्व बैंक में नौकरी लग गई थी. उन्होंने लंदन में अन्य कंपनियों में भी काम किया है. वह विदेश में पूरी तरह से सेट हो चुकी थीं, लेकिन उनके मन में कुछ और ही चल रहा था. वह अपने पिता की तरह प्रशासनिक अधिकारी बनकर देश की सेवा करना चाहती थीं. विदेश की करोड़ों की नौकरी छोड़ हरी चांदना भारत आकर UPSC की तैयारी करने लगी थीं.

दूसरे प्रयास में हुईं सफल


हरी चांदना पहले प्रयास में असफल हो गई थीं. 2010 में वो अपने दूसरे प्रयास में सफल हो गई थीं. हरी चांदना (IAS Hari Chandana) का लक्ष्य सिर्फ IAS बनना नहीं, बल्कि देश सेवा करना था. उन्होंने देश से गंदगी को साफ करने की दिशा में काम किया. उन्होंने कचरे में डाली जाने वाली प्लास्टिक की पानी की बोतल और कोल्ड ड्रिंक की बोतलों पर रिसर्च की.

waste management में किया खास काम


उन्होंने इन बोतलों का इस्तेमाल वेस्ट मैनेजमेंट (Waste Management) के तौर पर किया. ग्रीन रिवॉल्युशन के जरिए हरी चांदना ने प्लास्टिक की बोतलों में पौधे लगवाए. IAS हरी चांदना ने हैदराबाद की सड़कों और 120 पार्क को कचरे की बोतलों से सजा दिया. अब कई महिलाएं वेस्ट को रीसाइकल कर हर महीने 10 से 12 हजार रुपए कमा रही हैं.