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अब बच्चों की फिजिकल क्लास लगाने के लिए स्कूल को पैरेंट्स की अनुमति जरूरी है या नही, राज्य सरकार करेंगे फैसला

HR BREAKING NEWS, नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry) की तरफ से शैक्षणिक संस्थानों के खुलने को लेकर संशोधित दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। अब स्कूली छात्रों के फिजिकल क्लास में शामिल होने के लिए स्कूलों को पैरेंट्स की अनुमति की जरूरत है या नहीं, इस बात का फैसला राज्य कर सकेंगे।

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इससे पहले गाइडलाइंस में कहा गया था कि माता-पिता को लिखित में इस बात की सहमति देनी होगी किवे बच्चे को स्कूल भेजना चाहते हैं या नहीं।राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से संशोधित दिशानिर्देशों को स्कूल SOP में शामिल करने के लिए कहा गया है। इन SOPs को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अक्टूबर 2020 और इसके बाद बीते साल फरवरी में जारी किया था।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने कहा है, ‘राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें अपने स्तर पर यह फैसला ले सकेंगी कि उनके स्कूलों को फिजिकल क्लास के लिए छात्रों के पैरेंट्स से अनुमति लेने की जरूरत है या नहीं।

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इडलाइंस में बेहतर तरीके से ऑनलाइन से फिजिकल क्लास माध्यम में बदलाव की बात पर बी जोर दिया गया है। साथ ही इसमें जरूरतमंद छात्रों पर ज्यादा ध्यान देने, यह सुनिश्चित करने कि छात्र सिलेबस के अलावा भी किताबें पढ़े जैसी बातों पर जोर दिया गया है।

शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि स्कूल की तैयारी और ब्रिज कोर्सेज तैयार कराए और क्रियान्वित कराए जाने चाहिए। गाइडलाइंस के अनुसार, ‘एक बार स्कूल खुलने के बाद ब्रिज कोर्से पूरा होने के बाद ही ग्रेड आधारित सिलेबस को शुरू करना चाहिए।

ताकि छात्र स्कूल के बदले हुए माहौल में एडजस्ट कर सके और तनाव और अलग-थलग महसूस करें। इनमें खासतौर से वे बच्चे, जिनके पास शिक्षा के वैकल्पिक साधन नहीं हैं।

साथ ही गाइडलाइंस में कहा गया है, ‘जिन राज्यों ने कक्षा 5 और/या 8वीं में डिटेंशन की अनुमति देने के लिए राज्य के शिक्षा का अधिकार (RTE) नियमों में वे संशोधन किया है, वे इस साल डिटेंशन से छूट देने पर भी विचार कर सकते हैं।

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यह ड्रॉप आउट रोकने में भी मददगार साबित होगा। महामारी संबंधित स्थित स्थिर होने तक राज्य आगे ड्रॉप आउट्स को रोकने के लिए आगे की स्थिति पर नजर रख सकते हैं।

मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों सेमंदोदर्पणकार्यक्रम का लाभ लेने के लिए हितधारकों को प्रोत्साहित करने के लिे भी कहा है। यह कार्यक्रम छात्रों, शिक्षों और परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य के लिए मनोवैज्ञानिक मदद मुहैया कराता है।

कोविड के मामलों में गिरावट के मद्देनजर महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों ने ग्रेडेड तरीके से दोबारा स्कूल खोलना शुरू कर दिया है।

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रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि ये संशोधित दिशा निर्देश पहले दिसंबर 2021 में भेजे गए थे, ‘लेकिन ओमिक्रॉन लहर ने दोबारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूल बंद करने पर मजबूर कर दिया। अब हालात बेहतर हो रहे हैं और कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही स्कूल दोबारा खोलने शुरू कर दिए हैं। मंत्रालय ने ये दिशानिर्देश सार्वजनिक कर दिए हैं।