Success Story: जोधपुर की बेटी स्टूडेंट्स को दिया सफलता का मंत्र, 21 साल की उम्र में जज बनकर बनाया रिकॉर्ड
HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, Vaidani Singh Success Story: कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं होते एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो... इसी लाइन को चरितार्थ करती जोधपुर की एक बेटी ने जिले के साथ अपने प्रदेश का नाम भी रोशन किया है. आम तौर पर जिस उम्र में युवा अपना करियर डिसाइड करते हैं, उस उम्र में जोधपुर की बेटी वैदानी सिंह जज बन गई हैं.
वैदानी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और दादाजी को दिया है. उन्होंने अपने संघर्ष और सफलता की कहानी साझा की है, ताकि तुम जैसे अन्य युवा भी सकारात्मक ऊर्जा के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके. आइए आपको सुनाते हैं वैदानी के संघर्ष की कहानी.
पहले प्रयास में हासिल की सफलता
आपको बता दें कि वैदानी सिंह अपने पहले अटेम्प्ट में जज बनी हैं, वह अभी मात्र 21 साल की हैं. वादिनी का नागौर जिले के कुचामन सिटी में ननिहाल है. जज बनने के बाद वह ननिहाल पहुंची थीं. उनकी इस उपलब्धि से उनके परिवार के साथ-साथ ननिहाल भी गौरवान्वित है. उन्हें बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने नौजवान स्टूडेंट्स को सफलता का मंत्र बताया. ताकि अन्य युवाओं को कामयाबी हासिल करने में मदद हो सके.
कैसे क्रैक किया मुश्किल एग्ज़ाम?
आपको बता दें आरजेएस एग्जाम में वैदानी सिंह ने नया रिकॉर्ड बनाया है. वह इस साल आरजेएस परीक्षा पास करने वाले सभी परीक्षार्थियों में सबसे कम उम्र की अभ्यर्थी हैं. वैदानी पटना से लॉ की पढ़ाई की है. वैदानी ने बताया कि लगातार मेहनत करने के अलावा सफलता हासिल करने का दूसरा रास्ता नहीं है. आप भी करना चाहते हैं, उसमें आपका मानसिक और भावनात्मक जुड़ाव हो. तभी आप अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं.
मैथ्स-साइंस के बाद की लॉ की पढ़ाई
वैदानी ने मैथ साइंस पढ़ाई करने के बाद लॉ की पढ़ाई की. अपने सब्जेक्ट को चुनने के पीछे उन्होंने रोचक किस्सा भी बताया. उन्होंने बताया कि इंटरमीडिएट में उनका सब्जेक्ट मैथ्स-साइंस था, जिसके बाद उन्होंने पटना से लॉ में ग्रेजुएशन करना तय किया.
वैदानी के पिता भी न्यायिक सेवा में हैं कार्यरत
दोनों अलग-अलग तरह के सब्जेक्ट हैं, फिर भी लॉ के बाद वैदानी ने जज बनने का लक्ष्य तय किया और इसे पहले ही प्रयास में हासिल कर लिया. वैदानी राजस्थान के जोधपुर की रहने वाली हैं. आपको बता दें कि वैदानी के पिता भी न्यायिक सेवा में कार्यरत हैं. उनसे प्रेरित होकर ही उन्होंने इस फील्ड को अपने लिए चुना. वह इस साल आरजेएस परीक्षा को पास करने वाली सबसे कम उम्र की अभ्यर्थी हैं.
ना लें परीक्षा का स्ट्रेस: वैदानी
उन्होंने बताया कि कामयाबी हासिल करने के लिए जरूरी है कि आप परीक्षा का स्ट्रेस ना लें, दबाव में ना रहे. वैदानी ने अपनी कामयाबी की कहानी बताते हुए कहा कि छोटे-छोटे लक्ष्य तय करके उन्होंने यह सफलता पाई है. वैदानी ने कहा कि किसी के साथ नाइंसाफी ना हो किसी बेकसूर को सजा ना मिले वह हमेशा इसके लिए प्रयासरत रहेंगी.