Success Story- कांस्टेबल के जुड़वा बेटे एक साथ बने अफसर, इनसे जानिए सफलता के राज
HR Breaking News, Digital Desk- यह कहानी है दो जुड़वा भाइयों की। बुलंद हौसलों के दम पर ऊंची उड़ान भरने और कामयाबी में अपने पिता से भी एक कदम आगे निकलने की। हम बात कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के एका पुलिस थाना इलाके के गांव सिंहपुर निवासी मोहित व रोहित यादव की।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से बुधवार को घोषित पीसीएस 2019 के अंतिम परिणाम में बाजी मारकर दोनों भाई एक साथ अफसर बन गए हैं। एक एसडीएम तो दूसरा नायब तहसीलदार बना है।
अफसर बेटों के पिता से बातचीत मोहित और रोहित के पिता अशोक कुमार यादव मथुरा पुलिस थाने में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं। अशोक कुमार ने वन इंडिया हिंदी से बातचीत में दोनों बेटों की पूरी सक्सेस स्टोरी बयां की और बताया कि उनके लिह यह सबसे बड़ी खुशी की बात है कि बेटे उनके से भी अफसर बन गए।
फिरोजाबाद का पहला मामला-
अशोक कुमार कहते हैं कि मैं वो खुशनसीब पिता हूं जिसके दो जुड़वा बेटों ने एक साथ पीसीएस एग्जाम पास किया है। यह हमारे जिले फिरोजाबाद में पहला मामला है। छोटा बेटा मोहित यादव एसडीएम और बड़ा बेटा रोहित यादव नायब तहसीलदार बना है।
यूपीएससी परीक्षा में नहीं हुए थे सफल-
20 अप्रेल 1996 को जन्मे मोहित और रोहित की उम्र में पांच मिनट का फासला है। दोनों की अधिकांश आदतें एक जैसी हैं। बचपन से ही दोनों भाई पढ़ाई में काफी होशियार थे। एक बार यूपीएससी की परीक्षा भी दे चुके हैं, जिसमें एक भाई मुख्य परीक्षा तो दूसरा साक्षात्कार तक पहुंच पाया था।
दूसरे प्रयास में मिली सफलता-
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की वर्ष 2019 की परीक्षा में सफल हो गए हैं। एक बेटे को 30वीं और दूसरे को 36वीं रैंक हासिल हुई। दोनों भाइयों ने दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहकर तैयारी की थी। अब पीसीएस में चयन होने पर घर पर और मथुरा पुलिस थाने में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ।
देहरादून में हुई प्रारम्भिक शिक्षा-
अशोक कुमार बताते हैं कि उत्तराखंड अगल से नया राज्य बनने से पहले उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा हुआ करता था। ऐसे में अशोक कुमार की देहरादून में पोस्टिंग थी। तब रोहित व मोहित बच्चे थे। दोनों की प्रारम्भिक पढ़ाई देहरादून के स्कूल से हुई। फिर इन्होंने से बीटेक है। इनकी माता कमलेश भी स्नातक पढ़ी लिखी हैं।