home page

Success Story: अनपढ़ मां के दो बेटों ने रच दी होनहारों की कहानी, एक साथ पास किया यूपीएससी इगजाम

अनपढ़ मां के दो बेटों ने इतिहास रच दिया है दोनों ने साथ में यूपीएससी का  इगजाम साथ पास किया है। नागौर के भांवता गांव में जश्न का माहौल रहा। आइए जानते है इनकी कहानी। 
 
 | 
अनपढ़ मां के दो बेटों ने रच दी होनहारों की कहानी, एक साथ पास किया यूपीएससी इगजाम

HR Breaking News, Digital Desk- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बीते सोमवार को सिविल सेवा परीक्षा, 2021 का परिणाम घोषित कर दिया। परिणाम जारी होने के बाद सैकड़ों युवाओं में उत्साह का माहौल है। जिन्होंने परीक्षा में सफलता पाई है उनके यहां बधाईयों का तांता लगा हुआ है।

वहीं, जिन्होंने सफलता नहीं पाई है, वे एक बार फिर से अपनी तैयारी में जुट चुके हैं। परिणाम जारी होने के बाद से ही लगातार ही सफल उम्मीदवारों की सफलता की कहानी सामने आ रही है। ऐसी ही एक कहानी राजस्थान के नागौर जिले से भी सामने आई है। यहां दो भाइयों ने यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर के अपनी अनपढ़ मां के सपने को पूरा किया है। आइए जानते हैं उनकी कहानी। 

कृष्णकांत कनवाड़िया और राहुल कनवाड़िया ने पाई सफलता-


नागौर के भांवता गांव में अभी जश्न का माहौल है। यहां दो भाई कृष्णकांत कनवाड़िया और राहुल कनवाड़िया के घरों पर डीजे बज रहे हैं और बधाईयों का तांता लगा हुआ है। इन दोनों ही भाईयों ने बीते दिन यूपीएससी के मैदान में सफलता का परचम फहराया है। कृष्णकांत कनवाड़िया ने सिविल सेवा परीक्षा, 2021 में 382वीं और उनके छोटे भाई राहुल कनवाड़िया ने 536वीं रैंक प्राप्त की है। बता दें कि दोनों ही भाई पेशे से डॉक्टर हैं। कृष्णकांत ने चौथे अटेम्प्ट में तो वहीं, राहुल ने अपने दूसरे अटेम्प्ट में ही इस सिविल सेवा परीक्षा को पास किया है। 

अनपढ़ हैं मां-


कृष्णकांत कनवाड़िया और राहुल कनवाड़िया दोनों की ही प्राथमिक शिक्षा गांव में हुई है। उनके पिता हीरालाल कनवाड़िया सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य हैं। वहीं, मां पार्वती देवी अनपढ़ हैं। हालांकि, अपने बेटे-बेटी की पढ़ाई कराने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। ऐसा इसलिए क्योंकि शुरू से ही उन्हें अपने अनपढ़ होने की कसक थी। उनका सपना था कि बच्चों को अफसर बनाउंगी।


2015 में देखा था सिविल सेवा का सपना- 


कृष्णकांत कनवाड़िया ने साल 2015 में ही सिविस सेवा परीक्षा में सफल होने का सपना देखा था। दिल्ली आ कर दोनों ही भाइयों ने सेल्फ स्टडी की मदद से अपनी तैयारी की और एक साथ परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। उनकी इस सफलता के बाद पूरे क्षेत्र में उत्साह का माहौल है। अनगिनत बच्चे आज उन्हें देख कर आगे खुद को भी इसी स्थान पर देखने का सपना देख रहे होंगे।