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Success Story- जहां मां ने 27 साल पहले ली ट्रेनिंग, आज बेटा वहीं बना अफसर

एक मां के लिए इससे बड़ा और सुखद पल क्या होगा कि जिस जगह उन्होंने ट्रेनिंग ली थी, वहीं अब उनका बेटा निकलकर अफसर बनने जा रहा है। आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी बताने जा रहे है जिसमें जहां एक मां ने 27 साल पहले ट्रेनिंग ली और आज उनका बेटा वही अफसर बना। आइए जानते है इनकी पूरी कहानी। 
 
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HR Breaking News, Digital Desk- एक मां के लिए इसका बड़ा और सुखद पल क्या होगा कि जिस जगह उन्होंने ट्रेनिंग ली थी, वहीं अब उनका बेटा निकलकर अफसर बनने जा रहा है। ऐसा ही कुछ यादगार पल था जब रिटायर मेजर स्मिता चतुर्वेदी का बेटा रजत भारतीय सेना में कमिशंड होने जा रहा था। ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी के इस खास लहमे को डिफेंस पीआरओ चेन्नई ने अपनी सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है।

जहां मां ने ली थी ट्रेनिंग, अब बेटा अफसर बना-


रक्षा मंत्रालय ने रिटायर्ड मेजर के बेटे द्वारा आर्मी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनकी और उनके बेटे की तस्वीर शेयर की है। फोटो और वीडियो ट्वीट करते हुए डिफेंस पीआरओ चेन्नई ने लिखा,'एक महिला अधिकारी के लिए एक दुर्लभ उत्साहजनक क्षण। मेजर स्मिता चतुर्वेदी (सेवानिवृत्त) ने ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी, चेन्नई से 27 साल पहले 1995 में कमिशंड हासिल किया था, आज उसी अकादमी में उन्होंने अपने बेटे को उसी तरह से लेफ्टिनेंट बनते देखा।

ट्रेनिंग के दिनों की तस्वीर भी की शेयर-


दरअसल, 30 जुलाई को चेन्नई में ओटीए में एक कमीशन समारोह में कैडेटों को भारतीय सेना में शामिल किया गया था। मालदीव के रक्षा प्रमुख मेजर जनरल अब्दुल्ला शमाल ने इसकी समीक्षा की। इस जवानों में एक ऐसा बेटा भी था, जो अपनी मां रिटायर मेजर के नक्शेकदम पर चल रहा था। रिटायर्ड मेजर स्मिता चतुर्वेदी के लिए यह एक पल बेहद अलग था। उन्होंने उसी पल को फिर से जिया, जो 27 साल पहले उनके साथ गुजरा था।

जहां से मां पासआउट हुईं, बेटे ने भी ली वहीं से ट्रेनिंग-


मंत्रालय की ओर से रिटायर्ड महिला अधिकारी की ट्रेनिंग के दिनों की तस्वीर भी साझा की गई, जिसमें लिखा कि कैडेट स्मिता चतुर्वेदी के ट्रेनिंग के दिनों की फोटो। संभवतय यह पहला मौका था, जब ओटीए से पासआउट महिला सैन्य अधिकारी का बेटा सेना में जा रहा था। इतना ही नहीं मेजर मां अपने बेटे के कंधे पर लेफ्टिनेंट का स्टार लगाते हुए बार-बार देख रही थीं। उनके साथ-साथ सेना के इतिहास में भी यह क्षण गौरवान्वित करने वाला था।

अपने पुराने दिनों को किया याद-


वहीं मेजर स्मिता चतुर्वेदी (सेवानिवृत्त) ने अपने अकादमी में कैडेट होने के अपने पुराने दिनों को भी याद किया और कहा कि अपने बेटे को अपने जैसे सेना में शामिल होने से काफी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि बेटे के लिए यह बहुत बड़ा है और मेरे लिए यह बेहद उत्साहजनक है। इसी के साथ उन्होंने आगे कहा कि मैं आज पास होने वाले सभी कैडेटों को बधाई देना चाहती हूं और ओटीए को उन्हें इतनी अच्छी तरह से तैयार करने के लिए बधाई देती हूं।