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PPF Account : PPF खाताधारक की मृत्यु के बाद किसे मिलेगा पैसा, क्या बंद हो जाता है खाता, आइये जानते हैं इन सवालों के जवाब

PPF अकाउंट में हर एक कर्मचारी सेविंग्स करता है और रिटायरमेंट के बाद सेव किये हुए पैसों का इस्तेमाल करता है पर क्या कभी अपने सोचा है के PPF अकाउंट होल्डर की अचानक मृत्यु पर क्या खाता बंद हो जाता है, अकाउंट का पैसा किसे मिलता है। आइये जानते हैं इन सवालों के जवाब। 

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ppf account

HR Breaking News, New Delhi : पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) सरकार की छोटी सेविंग स्कीम है. इस स्कीम में निवेश करने वाले को गारंटीड रिटर्न मिलता है. PPF में निवेश करने वाले इनकम टैक्स एक्ट की धार 80C के तहत आयकर छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं. एक फाइनेंसियल ईयर में 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिल सकती है. PPF में आपकी निवेश की राशि सुरक्षित रहती है और साथ ही शानदार रिटर्न भी मिलता है. अधिकतर लोग जॉब के दौरान ही PPF अकाउंट खुलवा लेते हैं. लेकिन PPF के मैच्योर होने से पहले ही किसी अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है, तो इस स्थिति में उसके निवेश  किए हुए पैसे किसे मिलते हैं? 

कितना मिलता है रिटर्न?

फिलहाल PPF में निवेश की रकम पर 7.10 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है. हालांकि, इस स्कीम पर मिलने वाले ब्याज को सरकार हर तीन महीने पर बदल सकती है. PPF 15 साल में मैच्योर होता है, लेकिन इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है. इस स्कीम की सबसे बड़ी खासियत ये है कि चक्रवृद्धि ब्याज के हिसाब से रिटर्न मिलता है. मतलब ये कि आप स्कीम में जितना समय देंगे, आपका पैसा उतनी तेजी से बढ़ेगा. इस सरकारी स्कीम आप सालाना कम से कम 500 रुपये कर निवेश कर सकते हैं और मैक्सिमम निवेश के लिए 1.50 लाख की लिमिट है. 

किसे मिलता है पैसा?

अब मान लीजिए कि किसी ने PPF में निवेश की शुरुआत की. हर महीने वो इस स्कीम में निवेश के पैसे डाल रहा है. लेकिन जब स्कीम आठ साल की अवधि तक पहुंचती है, तो खाताधारक की किसी वजह से मृत्यु हो जाती है. ऐसी स्थिति में PPF खाते में जमा राशि उसके नॉमिनी को दे दी जाती है. इस कंडीशन में मैच्योरिटी पूरा होने के नियम नहीं लागू होते हैं. खाताधारक की मृत्यु के बाद पूरा पैसा नॉमिनी को सौंप दिया जाता है. इसके बाद खाता को क्लोज कर दिया जाता है. 


कैसे होता है क्‍लेम सेटेलमेंट?

नियम के अनुसार, डेथ क्‍लेम का सेटेलमेंट कई आधार पर किया जा सकता है. अगर क्लेम की राशि पांच लाख रुपये तक है, तो सेटलमेंट नॉमिनेशन, कानूनी सबूत या बिना कानूनी प्रूफ के संबंधित अथॉरिटी के विवेक के आधार पर किया जा सकता है. लेकिन पांच लाख रुपये से अधिक की रकम के लिए कानूनी प्रूफ लगाने की जरूरत पड़ती है. अगर नॉमिनी के पास प्रूफ मौजूद नहीं है, तो इस स्थिति में कोर्ट से सक्‍सेशन सर्टिफिकेट प्रस्‍तुत करना होता है 

क्या कभी भी निकाल सकते हैं पैसा?

जैसा की PPF स्कीम की मैच्योर होने की अवधि 15 साल है. लेकिन खाताधारक इमरजेंसी में निवेश की 50 फीसदी रकम निकाल सकता है. इसके लिए शर्त ये है कि खाता खोलने के 6 साल के बाद ही कोई खाते से निकासी कर पाएगा. तीन वर्ष तक PPF खाते में निवेश के बाद इसपर लोन लिया जा सकता है. लोन की सुविधा अकाउंट खोलने के 3 वर्ष से लेकर छठे वर्ष तक उपलब्ध होती है.