PM Kisan Yojna : किसानों के लिए आई ये बुरी खबर, लौटाने पड़ेंगे PM किसान योजना के पैसे, हो गया ये बड़ा एलान
सरकार ने देश के किसानो के लिए एक स्कीम चलाई थी जिसमे उन्हें 2000 रूपए की माली सहायता दी जाती थी पर अब कुछ किसानों के लिए बुरी खबर ये आई है उन्हें सरकार की तरफ मिले हुए पैसे वापिस करने पड़ेंगे और भविष्य में उन्हें किसी भी तरह की सरकारी स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा। आइये जानते हैं पूरी खबर
HR Breaking News, New Delhi : हमारे देश में ऐसे लोगों की संख्या काफी ज्यादा है, जो असल में जरूरतमंद हैं और गरीब वर्ग से आते हैं। ऐसे ही लोगों की मदद के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चलाती है, ताकि इन लोगों की मदद की जा सके। ऐसी ही एक कल्याणकारी और लाभकारी योजना केंद्र सरकार किसानों के लिए चलाती है, जिसका नाम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सालाना 6 हजार रुपये सीधे उनके बैंक खाते में दिए जाते हैं।
इस पैसे को हर चार महीने में 2-2 हजार रुपये की तीन किस्तों में उनके बैंक खाते में भेजा जाता है। इस बार 17 अक्तूबर को 12वीं किस्त जारी की गई, लेकिन कुछ किसान ऐसे भी हैं जिन्हें किस्त के पैसे लौटाने तक पड़ सकते हैं क्योंकि सरकार अपात्र किसानों को लेकर काफी अलर्ट है। तो चलिए आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं कि सरकार किन लोगों से रिकवरी कर रही है।
दरअसल, अगर आप PM Kisan Yojana से गलत तरीके से जुड़े हैं और आप इस योजना का लाभ लेते हुए आ रहे हैं। तो ऐसी स्थिति में आपको किस्त के पैसों को वापस लौटाना होगा, क्योंकि सरकार इसके लिए अपात्र लोगों को नोटिस जारी कर रही है।
कौन लोग नहीं ले सकते हैं लाभ?
जो किसान नहीं हैं या बड़े किसान हैं
अगर आप कर दाता हैं यानी टैक्स भरते हैं
अगर आप पति-पत्नी हैं, तो सिर्फ एक ही व्यक्ति लाभ ले सकता है।
हो रही है कार्रवाई
अगर आपने भी गलत तरीके से योजना का लाभ लिया है या ले रहे हैं, तो जल्द ही आपके पास सरकार की तरफ से नोटिस आ सकता है। इसके अलावा आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से सरेंडर कर सकते हैं। यूपी और बिहार जैसी कई जगहों पर लोगों को नोटिस जारी हुए हैं।
वहीं, इस बार सरकार ने काफी जांच करके लगभग 8 करोड़ किसानों को ही 12वीं किस्त जारी की है। जबकि इससे पहले ये आंकड़ा ज्यादा था। इसमें कई किसान ऐसे हैं जिनकी ई-केवाईसी नहीं हुई है, तो कई किसानों का भूमि सत्यापन नहीं हुआ है। वही, कई ऐसे किसानों के आवेदन रद्द हुए हैं जो अपात्र थे।