India Popular Alcoholic Drink: भारत में इस जगह सबसे ज्यादा रम पीते हैं लोग, जानें किस हिस्से में है सबसे ज्यादा बीयर
HR Breaking News (नई दिल्ली)। भारत विविधताओं का देश है। किसी को वेस्टर्न कपड़े पसंद होते हैं तो किसी को ठेठ देशी कपड़ों में जन्नत का मजा मिलता है। यही हाल खान-पान का भी है. कुछ लोग पिज्जा और बर्गर के दीवाने होते हैं तो कुछ को सिर्फ मोमोज और चाउमीन ही पसंद होती है। स्वादिष्ट छोले-भटूरे की खुशबू अगर दिल्ली वालों की नाक में चढ़ जाए तो वे सब कुछ छोड़कर इसके पीछे लग जाएंगे। यही हालत अल्होकलिक बेवरेज (Alcohlic Beverage) में भी है। किसी राज्य के लोगों को रम (Rum) पसंद है तो कोई राज्य ब्रांडी (Brandy) का दीवाना है। कहीं बीयर (Beer) ही शराब के रूप में गटकी जाती है तो कहीं वाइन (Wine) के बिना काम ही नहीं चलता। आइए, आज इसी की बात करते हैं।
देश में सबसे ज्यादा क्या चलता है?
भारतीय अल्कोहलिक पेय कंपनियों का परिसंघ (CIABC) की एक रिपोर्ट के अनुसार, व्हिस्की भारत में बिकने वाली शीर्ष शराब है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत में अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों की कुल बिक्री में इसकी हिस्सेदारी 63 फीसदी है। इसी में इंडियन मेड फॉरेन लिकर (IMFL) और इंपोर्टेड लिकर (Imported Liquor) भी शामिल है। मतलब कि यह कह सकते हैं कि भारत में व्हिस्की अंगूरी को मात देती है।
इन राज्य के लोगों को तो रम चाहिए:
इंटरनेशनल वाइन एंड स्पिरिट रीसर्च (International Wine & Spirit Research (IWSR) की साल 2023 की रिपोर्ट बताती है कि भारतीय राज्य ओडिशा, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के राज्यों में रम सबसे लोकप्रिय पेय है। वहीं तमिलनाडु के अधिकतर हिस्सों और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्से में ब्रांडी ज्यादा लोकप्रिय है।
दक्षिण भारत में लिकर मतलब बीयर:
IWSR की रिपोर्ट बताती है कि लगभग पूरे दक्षिण भारत में शराब का मतलब बीयर होता है. मौका कोई भी हो, वहां लोग बीयर की बोतल खोलना या बीयर की कैन खोलना पसंद करते हैं। हो सकता है कि बीयर पसंद करने की वजह निजी हो. लेकिन एक ही ड्रिंक पूरे इलाके में बिकना कुछ न कुछ इशारा जरूर करता है.
दिल्ली-मुंबई के लोगों को क्या है पसंद:
आपको यह जान कर हैरानी होगी कि दिल्ली, मुंबई और पुणे के लोगों को अल्कोहलिक बेवरेज में वाइन पसंद है। दरअसल, इन तीनों महानगरों में ज्यादातर अमीर लोग रहते हैं। साथ ही इन शहरों में ज्यादा पढ़े-लिखे और कल्चर्ड लोग भी रहते हैं। मतलब कि इन लोगों को वाइन का सिप लेना ज्यादा पसंद है। इसी श्रेणी में शैम्पेन (Champagne) जैसी अति प्रीमियम बेवरेज भी शामिल है।
शराब की हो रही है रिकॉर्ड बिक्री:
शराब की बिक्री सदाबहार बनी हुई है। याद कीजिए कोरोना काल में जब शराब की दुकानें खुलीं तो उनके सामने कई किलोमीटर लंबी कतारें लग गईं। इसीलिए वित्त वर्ष 2022-23 में भारत निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) की बिक्री मात्रा के हिसाब से 14 फीसदी बढ़कर 38.5 करोड़ पेटी या केस हो गई थी. बिक्री का यह आंकड़ा वित्तीय वर्ष 2019-20 (कोविड महामारी से पहले का स्तर) से लगभग 12 प्रतिशत अधिक है।
इस साल और बढ़ रही है बिक्री:
CIABC के महानिदेशक विनोद गिरी का कहना है कि साल 2023-24 की डेटा रिपोर्ट अभी नहीं आई है. लेकिन जो रुझान देखने को मिल रहे हैं, उसे देखते हुए कहा जा रहा है कि इस साल भी अल्कोहलिक पेय पदार्थों की बिक्री में आठ फीसदी की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. इससे शराब की कुल बिक्री करीब 42 करोड़ पेटी तक पहुंच सकती है.
महंगी शराब की मांग तेजी से बढ़ रही है:
विनोद गिरी का कहना है कि मौजूदा समय में सस्ती शराब की तुलना में महंगी शराब की बिक्री तेजी से बढ़ रही है. पिछले साल के आंकड़ों का हवाला देते हुए गिरि कहते हैं कि उस समय 1,000 रुपये से अधिक कीमत वाली प्रीमियम सेगमेंट की 750 मिलीलीटर शराब की बिक्री 48 फीसदी बढ़ गई थी. इसी साल आईएमएफएल की बिक्री करीब 14 फीसदी बढ़ी थी.
एक पेटी में कितने लीटर:
एक पेटी में नौ लीटर शराब होती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि व्हिस्की भारत में बिकने वाली शीर्ष शराब है और कुल बिक्री में इसकी हिस्सेदारी 63 प्रतिशत है। शराब कई राज्यों के लिए राजस्व सृजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। राजस्थान, केरल, मध्य प्रदेश, यूपी समेत करीब एक दर्जन राज्यों ने पिछले साल शराब की कीमत में बढ़ोतरी की थी. इससे राज्यों की कमाई बढ़ाने में भी मदद मिली है.