प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काँग्रेस पर तीखा हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि अगर महात्मा गांधी की इच्छा के अनुरूप अगर आजादी के बाद कांग्रेस समाप्त हो गई होती तो क्या होता? पीएम मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस न होती तो देश में कश्मीरी पंडितों का पलायन न होता, 1984 का दंगा न हुआ होता और तंदूर कांड न हुआ होता।
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— Narendra Modi (@narendramodi) February 8, 2022
कांग्रेस न होती तो क्या होता?
पीएम मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस न होती तो आपातकाल का कलंक न होता। अगर कांग्रेस न होती तो दशकों तक भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाकर नहीं रखा जाता। अगर कांग्रेस न होती तो जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी न होती। अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता। सालों साल पंजाब आतंकवाद की आग में न जलता। कश्मीर के पंडितों के कश्मीर छोड़ने की नौबत न आती। बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं न होती। देश के सामान्य जन को सड़क, बिजली, पानी और शौचालय की मूलभूत सुविधाओं के लिए इतने सालों तक इंतजार न करना पड़ता। अगर कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता और भारत विदेशी के बजाय स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता।
नेशन पर कांग्रेस को आपत्ति क्यों?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं गिनाता रहूंगा कि कांग्रेस जब सत्ता में रही तो देश का विकास नहीं होने दिया। अब जब विपक्ष में है तब देश के विकास में बाधा डाल रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अब नेशन पर आपत्ति है। यदि नेशन गैर संवैधानिक है तो आपकी पार्टी का नाम इंडियन नेशनल कांग्रेस क्यों रखा गया? अबकी यह नई सोच आई है तो इसका नाम बदल दीजिए। अपने पूर्वजों की गलती सुधार दीजिए।
कांग्रेस परिवार के ऊपर नहीं सोचती
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में कहा कि कांग्रेस ने भारत की बुनियाद डाली और बीजेपी ने झंडा गाड़ दिया। यह गंभीर सोच का परिणाम है जो बहुत खतरनाक है। हमें गर्व के साथ कहना चाहिए था भारत Mother Of Democracy है। यह सदियों से चलती आ रही है। कांग्रेस के आगे कठनाई यह है कि वो परिवार से ऊपर नहीं सोचती। पार्टी में जब परिवारवाद आता है तो सबसे बड़ी कैजुअलटी टैलेंट की होती है।
अर्बन नक्सलियों के कब्जे में है कांग्रेस
उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक तरह से अर्बन नक्सलियों के कब्जे में है और वे उसके विचारों और विचारधारा को नियंत्रित कर रहे हैं। देश में आपातकाल थोंपने वालों को और लोकतंत्र का गला घोटने वाले को लोकतंत्र पर उपदेश देने का अधिकार नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और दुनिया में इसकी चर्चा होती है। लेकिन कांग्रेस की कठिनाई है कि परिवारवाद के आगे उन्होंने कुछ सोचा ही नहीं। भारत के लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों से है, ये मानना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से अपने-अपने राजनीतिक दलों में लोकतांत्रिक आदर्शों और मूल्यों को विकसित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की सबसे पुरानी पार्टी के रूप में कांग्रेस को तो इसकी जिम्मेवारी जरूर उठानी चाहिए। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश की आजादी के बाद कांग्रेस को विलुप्त करने की बात कही थी और ऐसा हो गया होता तो दशकों तक देश को विभिन्न समस्याओं से दो-चार ना होना पड़ता।
पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में सिर्फ सुनाना ही नहीं होता है, सुनना भी लोकतंत्र का हिस्सा होता है। लेकिन सालों तक उपदेश देने की आदत रही है उनकी, इसलिए बातें सुनने में उन्हें मुश्किल हो रही है।