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Digital Farmer App : अब आप 1 मिनट में पता लगा सकते हैं असली और नकली बीज, जानिए कैसे

किसान भाइयों के लिए हम एक अच्छी खबर लेकर आएं है सरकार ने किसानों के लिए एक डिजिटल ऐप(Digital Farmer App ) की शुरूआत की है इस ऐप के जरिए किसान फसल के अच्छे बीज की पहचान कर सकेंगे। आइए नीचे खबर में जानते है पूरी जानकारी.

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Digital Farmer App : अब आप 1 मिनट में पता लगा सकते हैं असली और नकली बीज, जानिए कैसे

HR Breaking News (नई दिल्ली) : खरीफ फसल की बुवाई का सीजन चल रहा है। कई राज्यों में धान, बाजारा, मक्का आदि फसलों की बुवाई(sowing of crops) का कार्य चल रहा है। ऐसे में किसानों को बेहतर उत्पादन  प्राप्त करने के लिए किसानों को बुवाई के लिए बेहतर बीजों की आवश्यकता होती है। अक्सर देखा जाता है कि किसान बाजार से बीज खरीदकर लाते हैं। कई बार बीज नकली या कम गुणवत्तापूर्ण होता है। उसकी क्वालिटी घटिया(quality substandard) होती है, लेकिन किसानों को इसे अच्छा बीज बताकर बेचा जाता है। परिणाम ये होता है कि फसल अच्छी नहीं हो पाती है। इससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। 

 

 

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किसानों की इस समस्या के समाधान के लिए हरियाणा सरकार ने किसानों के लाभार्थ डिजिटल किसान ऐप हरियाणा शुरू किया है। आज हम किसानों को ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से डिजिटल किसान ऐप हरियाणा के बारें में जानकारी दे रहे हैं जिसकी सहायता से आप मात्र 1 मिनट के अंदर ये पता कर लेंगे कि आप जो बीज खरीद रहे हैं वे असली है या नकली। किसानों के लिए ये ऐप काफी उपयोगी है। आज हम इस पोस्ट में इस ऐप को डाउनलोड कैसे करें, इसे कैसे उपयोग में लें और इसके क्या लाभ है आदि बातों के बारे में जानेंगे, इसलिए बने रहिए ट्रैक्टर जंक्शन के साथ।


जानिए इस डिजिटल किसान ऐप 


सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए एक डिजिटल एप तैयार किया है। इसके जरिये किसान असली और नकली बीज की पहचान आसानी से कर सकते हैं। साधारण भाषा में कहे तो किसान इस ऐप के जरिये बीज की गुणवत्ता के बारे में जान सकेंगे। किसान ये जान सकेंगे कि जो बीज वह बुवाई के काम में ले रहे हैं वे कितना गुणवत्तापूर्ण है उसकी क्वालिटी कैसी है। इससे कैसी फसल होगी। क्योंकि बीज की क्वालिटी पर ही फसल की पैदावार निर्भर करती है। ये ऐप किसानों को मात्र 1 मिनट में ये बता देगा कि बीज किस स्तर का है। इस ऐप के माध्यम से किसानों को बुवाई के लिए सही बीज का चयन करने में आसानी होगी। 


अब मिनटों में होगी नकली बीज की पहचान


हरियाणा में कई बार नकली बीज की शिकायतें सामने आई हैं। बता दें कि हरियाणा में कॉटन की खेती काफी होती है। प्रदेश में 6 लाख हैक्टेयर के करीब कॉटन की खेती होती है। वहीं बात करें सिरसा जिले की तो यहां 2 लाख 15 हजार हेक्टेयर रकबा कॉटन का होता है। इसमें हाईब्रिड बीजों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन नकली हाइब्रिड बीज के बारे किसानों की अक्सर शिकायतें कृषि विभाग के पास आती थी, क्योंकि नकली बीज की पहचान होने तक किसानों की फसल का उत्पादन गिरने से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था। किसानों की इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने डिजिटल किसान ऐप लांच किया। अब हाइब्रिड बीज के हर पैकेट पर बार कोड और चिप सिस्टम लगा हुआ आता है। इसके जरिये किसान बीज की क्वालिटी का पता आसानी से लगा सकते हैं। 

किसान कहां से डाउनलोड करें ये ऐप

किसान डिजिटल किसान ऐप हरियाणा को गुगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप की सहायता से किसान खेती-किसानी से संबंधित जानकारी ले सकते हैं। एक्सपर्ट से राय ले सकते हैं। इसके अलावा स्वयं बीज की गुणवत्ता जांच सकते हैं। 


डिजिटल किसान ऐप से कैसे होगी बीज की जांच


जानकारी के अनुसार जिला में 2 लाख 15 हजार हैक्टेयर के करीब रकबे में नरमा की खेती होती है। जिसमें 11 लाख पैकेट हाइब्रिड बीज की लागत आती है। ऐसे में सरकार ने नकली बीज बेचने वालों पर लगाम लगाते हुए बीज निर्माता कंपनी को क्यूआर कोड जारी करवाए हैं। कंपनी यह कोड प्रत्येक पैकेट पर लगाती है और किसान अपने मोबाइल से एक एसएमएस भेजकर या डिजिटल किसान ऐप से पैकेट स्कैन करके बीज की क्वालिटी चेक कर कर सकता है। वहीं बीज नकली पाया जाता है, या बार कोड नहीं लगा होने की शिकायत आती है, तो दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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किसान मोबाइल से स्वयं कैसे चेक करें बीज की क्वालिटी


सबसे पहले किसान को अपने मोबाइल में डिजिटल किसान एप अपलोड करना है। इसके बाद हाइब्रिड कॉटन सीड्स के पैकेट की क्वालिटी जांच के एप में दो ऑप्शन आएंगे। 
पहले आप्शन में क्यूआर कोड स्कैन करेंगे, तो पैकेट की क्वालिटी का ब्यौरा मोबाइल की स्क्रीन पर आ जाएगा। इससे बीज असली है या नकली, इसकी पहचान हो जाएगी। 
दूसरे ऑप्शन में पैकेट जांच को टच करेंगे तो स्कैच कोड दर्ज करना होगा। जिससे उक्त किसान का पंजीकरण सरकार के पास हो जाएगा। इससे किसान को सरकार की इससे संबंधित स्कीम में शामिल होने का मौका मिलेगा। 
इसके अलावा जिन किसान के पास साधारण मोबाइल है, वह सीड्स पैकेट का बार कोड निर्धारित नंबर पर एसएमएस भेजकर सीड्स की क्वालिटी की जांच कर सकते हैं।