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Saffron Farming: कमरे में करें इस पौधे की खेती, तीन लाख रुपये है एक किलो की कीमत

Saffron Indoor Farming: आज हम केसर की खेती(Saffron Cultivation) के बारे में बताना चाह रहे हैं। इस खेती में बहुत ज्यादा मुनाफा है। आप इस  बात से अंदाजा ला सकते हैं कि एक किलो केसर की कीमत दो से तीन लाख रुपये हैं। जानें पूरी जानकारी..
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Saffron Farming: कमरे में करें इस पौधे की खेती, तीन लाख रुपये है एक किलो की कीमत 

HR Breaking News, New Delhi: कृषि मुनाफे की जगह घाटे का सौदा बन गया है। इस नुकसान की पूर्ति के लिए सरकार किसानों के लिए कई प्रकार की योजनाओं को चला रही है।  सरकार परंपरागत खेती से किसानों को नवीनतम की ओर मोड़ने का प्रयास कर रही है। सरकार उन फसलों की खेती को प्रात्साहित कर रही है, जिसमें कम लागत और मुनाफा ज्यादा हो। इस कड़ी में आज हम केसर की खेती(Saffron Cultivation) के बारे में बताना चाह रहे हैं। इस खेती में बहुत ज्यादा मुनाफा है। आप इस  बात से अंदाजा ला सकते हैं कि एक किलो केसर की कीमत दो से तीन लाख रुपये हैं। 

 

 

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 जब भी केसर की बात आती है तो सबसे पहले जिस जगह का नाम हमारे दिमाग में आता है वह है-  कश्मीर। यहां केसर की खेती (Saffron Cultivation) बड़े स्तर में होती है। यहां की केसर देश-विदेश में भेजी जाती है।


केसर की खेती (Saffron Cultivation)  यहां के किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है पर भारत में मौसम की अनिश्चितता की मार केसर पर भी पड़ती है इसीलिए ऐसी स्थिति में केसर की इंडोर खेती एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

आज कश्मीर के किसान केसर की इंडोर खेती करने की तकनीक सीख रहे हैं। इससे पैदावार अच्छी हो रही है और सबसे बड़ी बात यह है कि केसर की गुणवत्ता में भी सुधार आया है। फलस्वरुप इसके दाम भी अच्छे प्राप्त हो जाते हैं।

केसर की इंडोर खेती के फायदे


-इंडोर केसर की खेती एक छोटे से कमरे में की जा सकती है।

-इससे किसानों को हर दिन खेत की रखवाली की आवश्यकता नहीं होती। इससे समय और श्रम दोनों बचते हैं।

-इस तरह की खेती में जंगली जानवरों और कीटों का भी का भी कोई खतरा नहीं रहता।


-केसर की इंडोर फार्मिंग का एक बहुत बड़ा लाभ यह भी है कि इसे सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती। बस केसर का कार्म निकालकर निकालकर उसे बांसिया लोहे के बने हुए प्लेयर में रखना होता है।

-केसर की इंडोर फार्मिंग का एक अन्य लाभ यह है कि इससे केसर की फसल को मौसम की मार से बचाया जा सकता है।

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कैसे करें केसर की खेती 


केसर की इंडोर फार्मिंग के लिए एक अंधेरे बंद कमरे की जरूरत होती है। इस कमरे में रोशनी बिल्कुल भी नहीं पहुंचनी चाहिए।  केसर के कार्म को लगभग 3 माह तक बंद अंधेरे कमरे में रखा जाता है। इसके बाद केसर खेती के लिए तैयार हो जाती है। इसके लिए 20 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है।
 
सबसे पहले हमारे देश में कश्मीर में केसर की इंडोर फार्मिंग प्रयोग के रूप में शुरू की गई थी लेकिन इसकी सफलता के बाद इसे धीरे-धीरे दूसरे किसानों ने भी अपनाना शुरू कर दिया। यह उन किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है जिनके पास खेती योग्य जमीन की कमी है।

यह तकनीक सिर्फ यहां के लिए किसानों के लिए ही नहीं देश भर के किसानों के लिए वरदान सिद्ध हो सकती है। यह ना सिर्फ केसर का उत्पादन बढ़ाएगी बल्कि उसकी गुणवत्ता भी। केसर की इंडोर फार्मिंग के जरिए हमारे किसान भाई लाखों का मुनाफा बिना किसी झंझट के कमा सकेंगे।