सीएनजी ट्रैक्टर लॉन्च: डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले साल में बचा सकता है किसानों के डेढ लाख तक रुपए, पढ़िए खूबियां
भारत में अपनी तरह का पहला सीएनजी ट्रैक्टर शुक्रवार को लॉन्च हो गया है। सरकार के दावे के मुताबिक इस ट्रैक्टर से प्रदूषण कम होगा और खेती की लागत भी कम आएगी। एक डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले किसान इस ट्रैक्टर से साल में एक लाख रुपए बचा सकेंगे। ये ट्रैक्टर जल्द बाजार में उपलब्ध होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने शुक्रवार को भारत के पहले सीएनजी ट्रैक्टर को लॉन्च किया। इस दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, केंद्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त वीके सिंह भी मौजूद रहे।
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इस टैक्टर को डीजल से सीएनजी से परिवर्तित किया गया है। टैक्टर को रावमट टेक्नो सॉल्यूशंस और टॉमासेटो अचीले इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से किए गए बनाया गया है। सरकार और कंपनी का दावा है कि डीजल टैक्टर के इस नए रूप से किसान कम लागत में खेती कर सकेंगे। इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि CNG TECHNOLOGY डीज़ल की तुलना में 85 फ़ीसदी कम प्रदूषण करेगा। साथ ही किसान हर वर्ष लगभग 1.5 लाख रुपये ईंधन पर बचत कर पायेंगे। इसके साथ यह किसानों के लिए अतिरिक्त आय का भी साधन बनेगा।
सरकार के मुताबिक डीजल से सीएनजी में परिवर्तित इस ट्रैक्टर में ये खूबियां होंगी..
1.सीएनजी CNG न सिर्फ डीजल के मुकाबले सस्ती है बल्कि इसमें माइलेज अच्छी मिलता है। यानि डीजल के मुकाबले प्रति घंटे की खपत कम होगी और आउटकम ज्यादा मिलेगा।
2.सीएनजी स्वच्छ ईंधन है, इसलिए इसमें कार्बन और अन्य प्रदूषकों की मात्रा सबसे कम है।
3.सीएनजी में शीशे की मात्रा शून्य के बराबर होती है, प्रदूषण कम होता है, इससे ट्रैक्टर Tractor के रखरखाव में आसानी होगी और मेंटेनेंस खर्च कम होगा।
4.भविष्य का ट्रैक्टर क्योंकि पूरी दुनिया में लगभग 1 करोड़ 20 लाख वाहन वर्तमान में प्राकृतिक गैस द्वारा ही संचालित होते हैं। इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है।
5.यह वेस्ट टू वेल्थ (कचरे से धन) कार्यक्रम का ही एक हिस्सा है क्योंकि फ़सल की पराली का उपयोग बायो-सीएनजी के उत्पादन के लिए कच्चे माल के रूप में किया जा सकता है, जो किसानों को उनके अपने इलाके में बायो-सीएनजी उत्पादन इकाइयों को बेचकर पैसा कमाने में मदद करेगा।
6.परीक्षण रिपोर्ट यह बताती है कि डीजल से चलने वाले इंजन की तुलना में रेट्रोफिटेड ट्रैक्टर उससे अधिक / बराबर शक्ति का उत्पादन करता है।
7.इससे डीजल की तुलना में कुल कार्बन उत्सर्जन में 70% की कमी आई है।
8.यह किसानों Farmers को ईंधन की लागत पर 50% तक की बचत करने में मदद करेगा क्योंकि वर्तमान में डीजल की कीमत 77.43 रुपये प्रति लीटर हैं जबकि सीएनजी केवल 42 रुपये प्रति किलोग्राम हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधआन ने ट्वीट पर लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हमारी सरकार एनर्जी ट्रांजेक्शन में लो-कार्बन पाथ-वे बनाने का प्रयास कर रही है। हम नवीकरणीय और जैव ऊर्जा पर जोर के साथ एक नया वैकल्पिक ऊर्जा मॉडल बना रहे हैं। हरित ऊर्जा पोर्टफोलियो हमारी भविष्य की ऊर्जा मांग को पूरा करेगा।”