Tax on Diesel: सरकार का बड़ा फैसला, पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स में हुआ बदलाव
Tax on Petrol-Diesel: अब सरकार ने कच्चे पेट्रोलियम पर विंडफॉल टैक्स (windfall tax) घटाकर 6,700 रुपये प्रति टन कर दिया है. इसके साथ ही डीजल और एटीएफ के निर्यात पर सेस को बढ़ा दिया है. आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

HR Breaking News (ब्यूरो) : देशभर में पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Price) में लंबे समय से कोई कटौती देखने को नहीं मिल रही है. अब सरकार ने कच्चे पेट्रोलियम पर विंडफॉल टैक्स (windfall tax) घटाकर 6,700 रुपये प्रति टन कर दिया है. इसके साथ ही डीजल और एटीएफ के निर्यात पर सेस को बढ़ा दिया है. नई कीमतें आज यानी 2 सितंबर से लागू हो गई हैं.
सरकार ने जारी की अधिसूचना
सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी कर इस बारे में जानकारी दी गई है. देश में ही उत्पादन होने वाले कच्चे तेल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (special additional excise duty - SAED) के रूप में लगाया जाने वाला कर घटाकर 6,700 रुपये प्रति टन कर दिया गया है, जो पहले 7,100 रुपये प्रति टन था.
डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर हुआ
अधिसूचना के मुताबिक, डीजल के निर्यात पर एसएईडी बढ़ाकर छह रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है, जो पहले 5.50 रुपये प्रति लीटर था. वहीं, विमान ईंधन पर एसएईडी दो रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर चार रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है.
पेट्रोल के निर्यात पर SAED है 0
पेट्रोल के निर्यात पर एसएईडी शून्य बना हुआ है. अधिसूचना से मिली जानकारी के हिसाब से, टैक्स की नई दरें शनिवार से लागू हो गई हैं.
2022 में पहली बार लगा था SAED
आपको बता दें केंद्र सरकार ने पहली बार 1 जुलाई, 2022 से कच्चे तेल के उत्पादन और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर SAED लगाया था. इस शुल्क से सरकार की कमाई वित्त वर्ष 2023 में लगभग 40,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.
क्या होता है विंडफॉल टैक्स?
हमारे देश में समुद्र तल के नीचे से निकाले गए कच्चे तेल को रिफाइन किया जाता है. इसमें पेट्रोल-डीजल और विमानन टरबाइन ईंधन जैसे फ्यूल में बदला जाता है और इसके बाद में सरकार की तरफ से इसका निर्यात अन्य देशों को किया जाता है. इस निर्यात पर सरकार कुछ शुल्क भी लगाती है, जिसको ही विंडफॉल टैक्स कहा जाता है.