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IMD Delhi Weather : मौसम फिर लेगा यू टर्न, दिल्ली में इस तारीख को होगी बारिश

IMD Delhi Weather : मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर के मौसम में फिर से बदलाव हो सकता है। कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। साथ ही बता दें कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने प्रदूषण की मुख्य प्रवृत्तियों पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। इसमें खासतौर पर नवंबर महीने में प्रदूषण के स्तर की पड़ताल की गई है...
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HR Breaking News, Digital Desk- दिल्ली-एनसीआर के मौसम में बुधवार को फिर से बदलाव हो सकता है। कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में रविवार सुबह के समय हल्के से मध्यम स्तर का कोहरा देखने को मिला। इससे न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री नीचे रहा।

सफदरजंग में अधिकतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री ज्यादा है, जबकि, न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से तीन डिग्री कम है। मौसम विभाग का अनुमान है कि सोमवार को अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा। सुबह और शाम के समय ठंड का असर बना रहेगा। न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।

दस दिन बाद फिर दमघोटू हुई राजधानी की हवा-

राजधानी की हवा दस दिनों बाद फिर दमघोटू हो गई है। रविवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार यानी बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से 31 जनवरी को दिल्ली और आसपास के इलाके में अच्छी बारिश हुई थी। लगभग सौ दिनों से प्रदूषण हवा में रह रहे लोगों को प्रदूषण से काफी हद तक राहत मिली थी, लेकिन अब फिर बढ़ने लगा है। रविवार को दिल्ली का एक्यूआई 313 अंक पर रहा।

सबसे प्रदूषित क्षेत्र और इसके कारक-

राजधानी के 13 हॉटस्पॉट क्षेत्रों में नवंबर महीने में एक्यूआई गंभीर और बेहद खराब श्रेणी में रहा। यहां टूटी सड़कें, निर्माण स्थलों से उठने वाली धूल, यातायात जाम, आरएमसी संयंत्र का सही तरीके से संचालन आदि नहीं किए जाने के चलते प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहता है।

रिपोर्ट : तमाम प्रयासों के बाद भी गंभीर श्रेणी में रहे पांच हॉटस्पॉट-

वहीं, तमाम प्रयासों के बाद भी राजधानी में प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। सबसे ज्यादा प्रदूषित रहे नवंबर महीने में पांच हॉटस्पॉट पर औसत एक्यूआई 400 के ऊपर पहुंच गया। मतलब पूरे माह लोगों ने गंभीर श्रेणी की हवा में सांस ली।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने प्रदूषण की मुख्य प्रवृत्तियों पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। इसमें खासतौर पर नवंबर महीने में प्रदूषण के स्तर की पड़ताल की गई है। लगभग पांच साल पहले 13 सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्रों (हॉटस्पॉट) की पहचान की गई थी। यहां पर हर साल तमाम उपाय किए जाते हैं। इसमें टीमें तैनाती की जाती है, जो प्रदूषण के स्रोतों की रोकथाम करती हैं। मोबाइल एंटी स्मोग गन, खुले में कचरा जलाने से रोकना, निर्माण स्थलों पर धूलरोधी उपाय करने जैसे कदम उठाए जाते हैं। इनके बावजूद भी प्रदूषण के स्तर में कोई खास कमी नहीं आई।