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monsoon weather : मॉनूसन को लेकर IMD ने दिया बड़ा अपडेट, जानिये किन राज्यों में होगी भारी बारिश

monsoon weather : तपती गर्मी से परेशान लोग मॉनूसन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अबकी बार देशभर के लोगों को अबकी बार काफी गर्मी का सामना करना पड़ा है। हाल ही में आईएमडी ने भी मॉनूसन को लेकर बड़ा अपडेट जारी किया है। चलिए खबर में जानते हैं किन-किन राज्यों में होगी भारी बारिश।
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monsoon weather : मॉनूसन को लेकर IMD ने दिया बड़ा अपडेट, जानिये किन राज्यों में होगी भारी बारिश

HR Breaking News : (IMD Latest Updates) बीतें दिनों से मौसम लगातार करवट लेता जा रहा है। कई इलाकों में लोग गर्मी से परेशान हो रहे हैं तो वहीं कई जगह पर भारी बारिश हो रही है। बारिश की वजह से गर्मी से परेशान लोगों को भी काफी राहत मिली है। 


लोगों के मन में सवाल है कि अब दिल्ली में मॉनूसन कब पहुंचेगी और किस अंदाज में अपना तेवर दिखाएगा। हाल फिलहाल में बारिश में राजधानी के मौसम को सुहावना बना दिया है तथा लोगों को गर्मी से राहत प्रदान हुई है। चलिए खबर में जानते हैं मॉनूसन को लेकर IMD द्वारा जारी किए गए इस बड़े अपडेट के बारे में विस्तार से।

इस महीने बारिश ने बनाया नया रिकॉर्ड


मौसम विभाग (IMD Latest Updates) की मानें तो इस साल मई में देश की राजधानी दिल्ली (Delhi Weather) ने बारिश के मामले में नया रिकॉर्ड बना दिया है। सफदरजंग वेधशाला में 188.9 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य औसत 58.8 मिमी से करीब 200 प्रतिशत अधिक है। वहीं, पूरे शहर में 186.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जो औसतन 25.1 मिमी से लगभग सात गुना ज्यादा है। इस अप्रत्याशित बारिश का कारण लगातार गरज-चमक, तेज हवाएं और पश्चिमी विक्षोभ जैसे मौसमी सिस्टम रहे।


दरअसल, आमतौर पर तपती धूप और लू से बेहाल कर देने वाला मई का महीना इस बार बादलों और बारिश की मेहरबानी से कुछ अलग ही नजर आया। पूरे महीने में कई बार तेज आंधी और बारिश ने न सिर्फ तापमान में गिरावट लाई। बल्कि राजधानीवासियों को गर्मी से राहत भी दी। IMD के अनुसार, मई के अंत में भी बारिश और आंधी का दौर बना रहेगा। 30 और 31 मई के लिए येलो अलर्ट (yellow alert) जारी किया गया है।

Monsoon को लेकर IMD ने दिया बड़ा अपडेट


दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (Monsoon Latest Updates) इस साल सामान्य से काफी पहले भारत पहुंच गया है। 24 मई को यह केरल में दस्तक दे चुका है, जबकि मुंबई में यह 26 मई तक पहुंच गया, जो सामान्य तारीख से 16 दिन पहले है। अरब सागर से नमी भरी हवाएं और कम दबाव वाले क्षेत्रों की अनुकूल स्थितियों ने इस गति को संभव बनाया। हालांकि, IMD का कहना है कि मॉनसून की यह तेजी पूरे भारत में समान नहीं रहेगी।


IMD के महानिदेशक के अनुसार, यह जरूरी नहीं कि केरल और मुंबई में जल्दी पहुंचने के बाद मॉनसून (monsoon latest updates) उतनी ही तेजी से उत्तर भारत में भी पहुंचे। दिल्ली (Delhi Mausam Updates) में आमतौर पर मॉनसून 28 जून के आसपास आता है और अभी इसकी अनुमानित तारीख तय नहीं की गई है। 


इसके साथ ही IMD ने पहली बार उपखंड-वार बारिश का पूर्वानुमान (chances of rain) जारी किया है। जिसके अनुसार हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली उपखंड में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना जताई गई है। यह पूरे मॉनसून सीजन में लंबे अवधि औसत (LPA) का 114 प्रतिशत हो सकता है। यानी दिल्ली इस बार सामान्य से अधिक मॉनसूनी बारिश (Monsoon rain) की उम्मीद कर सकती है।

ला नीना की वजह से बढ़ेगी मॉनसून की ताकत


मौसम वैज्ञानिकों (IMD Updates) की मानना है कि इस पूर्वानुमान के पीछे वैश्विक जलवायु परिस्थितियों की अहम भूमिका है। इस समय प्रशांत महासागर में एल नीनो प्रभाव सक्रिय है, लेकिन धीरे-धीरे इसका असर समाप्त हो रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि एल नीनो की समाप्ति के बाद ला नीना प्रभाव सक्रिय हो सकता है। 


जो भारत में बारिश को प्रोत्साहित करता है। ला नीना के दौरान समुद्री सतह का तापमान सामान्य से कम हो जाता है। जिससे भारत में बारिश की गतिविधियां बढ़ जाती हैं।

ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती


भारतीय अर्थव्यवस्था, विशेषकर कृषि आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था, मानसून पर अत्यधिक निर्भर करती है। इस बार बेहतर मानसून से खरीफ फसलों की बुआई, जलाशयों का स्तर, भूजल भंडारण और सिंचाई के संसाधन बेहतर होने की पूरी संभावना है। 


इससे खाद्यान्न उत्पादन बढ़ेगा, महंगाई पर नियंत्रण रहेगा और किसानों की आय में भी बढ़ोतरी संभव है। मौसम विभाग का यह संकेत केंद्र और राज्य सरकारों के लिए खरीफ सीजन की तैयारियों को तेज करने का अवसर है। साथ ही किसानों को भी चाहिए कि वे मौसम विभाग (IMD Latest Updates) के स्थानीय पूर्वानुमानों पर ध्यान दें और वैज्ञानिक तरीके से खेती की योजना बनाएं।

दिल्ली वासियों के लिए अलर्ट जारी


हालांकि, एक अलर्ट भी जारी किया है कि दिल्ली-एनसीआर में बारिश (Rain in Delhi-NCR) का वितरण असमान हो सकता है। कुछ हिस्सों में सामान्य से कम, तो कई हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है। यह दिल्लीवासियों के लिए थोड़ा सतर्क रहने का संकेत है। 


मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि साल 1993 से 2016 के जलवायु आंकड़ों के आधार पर, दिल्ली (Delhi-NCR weather updates) में जून के महीने में आमतौर पर सबसे ज्यादा लू चलती है। 


लेकिन इस साल का पूर्वाअंदाज कुछ राहत भरा हो सकता है। उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से कम लू चलने की संभावना है। यानी भीषण गर्मी के बजाय लोगों को इस बार कुछ राहत मिल सकती है। हालांकि जून में कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश की चेतावनी भी दी गई है।
 

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