sarso ka bhav : सरसों के भाव गिरे धड़ाम, कीमतों में भारी गिरावट
Mustard Price: पिछले कुछ दिनों से सरसों के रेटों में लगातार उछाल देखने को मिल रहा था, वहीं अब सरसों के भाव में गिरावट देखने को मिल रही है। इस गिरावट का असर सरसों तेल के दामों पर भी देखने को मिल रहा है। सरसों के दामों में अचानक आई इस गिरावट (mustard price down) के बार उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों भी सरसों की कीमत कम ही रहेगी। आइए जानते हैं आपके शहर में सरसों के इस समय क्या भाव चल रहे हैं।
HR Breaking News : (sarso latest price) फरवरी का आधा महीना बीत गया है, खेतों से सरसों अब मंडियों की ओर आनी शुरू हो गई है। जैसे ही सरसों की नई आवक शुरू हुई है, सरसों के रेट भी अचानक जमीन पर आ गिरे हैं। अब से पहले तक सरसों के दाम (Mustard Price today) में रॉकेट की रफ्तार वाली तेजी देखी जा रही थी। इस वजह से सरसों के भाव एमएसपी से काफी ज्यादा तेज चल रहे थे, लेकिन अब सरसों के रेट कम हुए हैं। खबर में जानिये इस समय सरसों के दाम कितने हो गए हैं।
सरसों की कीमत में गिरावट का कारण-
राजस्थान सरसों उगाने में देश में सबसे आगे है। यहां पर देश की सबसे बड़ी सरसों मंडी यानी अलवर (sarso price in rajasthan) की मंडी में नई सरसों आनी शुरू हो गई है। नई सरसों के मंडी में आने की वजह से सरसों के दामों में गिरावट देखने को मिल रही है। अलवर से देश-विदेश में सरसों तेल (Mustard oil price) की सप्लाई भी की जाती है। इस बार सरसों की पैदावार पिछले कुछ सालों की तुलना में काफी कम हुई है। सरसों के तेल के बारे में बात करें तो आने वाले दिनों में इसके दाम भी काफी गिर सकते हैं। पुरानी सरसों के दाने सूखे होते हैं, इनसे अधिक व अच्छी क्वालिटी का तेल निकलता है, इसलिए उसके किसानों को अभी बेहतर दाम दिये जा रहे हैं। वहीं नई सरसों (Mustard price latest) में नमी रहने की वजह से इससे तेल काफी कम निकलता है। इसकी वजह से सरसों के दाम कम हो रहे हैं।
अलवर मंडी में इस भाव मिल रही सरसों-
अलवर मंडी में नमी वाली सरसों की कीमत के बारे में बात करें तो यहां पर सरसों के भाव (sarso rate today) 4820 से लेकर 5315 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से चल रहे हैं। अगर मंडी में सरसों की आवक के बारे में बात करें तो मंडी (mandi bhav) में रोजाना लगभग 210 कट्टे ही सरसों पहुंच रही है। हालांकि जिन किसानों ने सरसों को स्टॉक किया हुआ था उन्हें पुरानी सरसों की कीमत 5755 से लेकर 5800 प्रति क्विंटल के हिसाब से मिल रही है।
6 माह पहले इतने थे सरसों के रेट -
6 महीने पहले लगभग 6700 प्रति क्विंटल के रेट के हिसाब से सरसों (sarso ka bhav) बिक रही थी। अब इनमें प्रति क्विंटल पर करीब 1000 रुपये की गिरावट आई है। अब सरसों के रेट फिर से बढ़ने की कोई उम्मीद बनती दिखाई नहीं दे रही है, बल्कि नई सरसों की आवक शुरू होने से रेट और गिर सकते हैं।
सरकार के पास मौजूद है बंपर स्टॉक-
सरकार के पास फिलहाल सरसों (Mustard stock in market) का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। दूसरी ओर मंडियों में भी सरसों आनी शुरू हो गई है। इसका सीधा असर सरसों के दामों पर पड़ा है। इस वजह से अभी सरसों सिर्फ मंडियों में ही बिक रहा है। राजस्थान और उसके आसपास के क्षेत्र से अधिकतर किसान सरसों को बेचने के लिए अलवर ही आते हैं। अलवर (alwar mandi sarso price) में सरसों की सबसे बड़ी मंडी मौजूद है। क्योंकि अलवर जिले में सरसों के तेल की छोटी बड़ी 30 से ज्यादा तेल मिल हैं। इन तेल (alwar mandi mustard oil price) मिलों से देश-विदेश में सरसों तेल को सप्लाई किया जाता है। इसमें कई नामी ब्रांड के तेल सप्लायर भी शामिल हैं। अलवर में धौलपुर, भरतपुर, करौली, दौसा और सीकर सहित राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों से भी सरसों बिक्री के लिए पहुंचता है।
मंडी व्यापारियों का यह है कहना -
मंडी व्यापारियों का कहना है कि के पास पहले 28 लाख टन सरसों का स्टॉक मौजूद था। इसमें से 20.5 लाख टन सरसों को सरकार द्वारा बेचा जा बेचा जा चुका है। इसके बाद सरकार के पास अभी भी शेष स्टॉक (sarso stock limit) मौजूद है, सरकार द्वारा अभी भी इस स्टॉक को बेचा नहीं जा रहा है। ऐसे में भाव बढ़ने की अभी कोई उम्मीद नहीं है और ना ही सरसों के तेलों (mandi bhav today) के दाम बढ़ने की कोई उम्मीद है। लेकिन अगर मौसम खराब होता है तो इसकी वजह से सरसों के रेटों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है और इसके रेट बढ़ सकते हैं। अगर सरसों के भाव बढ़ते हैं, तो नई व पुरानी सरसों के भाव में ज्यादा फर्क नजर नहीं आएगा।
इतना है इस बार सरसों का एमएसपी-
इस बार के सीजन की सरसों के पिछले एमएसपी 5650 रुपये प्रति क्विंटल में 300 रुपये की बढ़ौतरी की गई है। सरकार सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी 5950 प्रति क्विंटल (sarso new MSP) के भाव से सरसों (sarso tel ka rate) को खरीदती है। फिलहाल सरसों के रेट इसके आसपास ही बने हुए हैं। नई सरसों के रेटों (sarso ka taja bhav) में आगामी कुछ महीनों के बाद तेजी देखने को मिल सकती है। फिलहाल सरसों के रेट डाउन ही चल रहे हैं।
