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सिरसा किसानों का हंगामा, सरकार मांगे पूरी नहीं कर सकती तो इच्छामृत्यु दे दें, जामनगर-अमृतसर हाईवे पर चल रहा काम भी रुकवाया

हरियाणा के सिरसा जिले में कस्बा डबवाली के पास किसानों ने भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे नेशनल हाईवे 754 का काम रुकवा दिया है। जामनगर से अमृतसर तक बन रहे इस नेशनल हाईवे के लिए हरियाणा के 9 गांवों की जमीन अधिग्रहित की गई है। शुक्रवार को जब टीम डबवाली के शेरगढ़ गांव के
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सिरसा किसानों का हंगामा, सरकार मांगे पूरी नहीं कर सकती तो इच्छामृत्यु दे दें, जामनगर-अमृतसर हाईवे पर चल रहा काम भी रुकवाया

हरियाणा के सिरसा जिले में कस्बा डबवाली के पास किसानों ने भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे नेशनल हाईवे 754 का काम रुकवा दिया है। जामनगर से अमृतसर तक बन रहे इस नेशनल हाईवे के लिए हरियाणा के 9 गांवों की जमीन अधिग्रहित की गई है। शुक्रवार को जब टीम डबवाली के शेरगढ़ गांव के पास कब्जा लेने के लिए पहुंची तो किसान पहले जेसीबी पर चढ़ गए और फिर उसके आगे लेट गए।

विरोध होने के कारण कब्जा लेने की कार्रवाई नहीं हो सकी। किसानों ने उपमंडल कार्यालय में भी प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम राजेश पूनिया को ज्ञापन सौंपा। किसानों ने चेतावनी दी कि जब तक किसानों की मांगों को नहीं माना जाता है, तब तक किसी भी सूरत में कार्य शुरू नहीं करने देंगे। अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो 9 गांव के किसानों को इच्छामृत्यु दे दे।

वहीं, किसान नेता राकेश फगोड़िया व दया राम ने बताया कि पंजाब के अमृतसर से वाया हरियाणा, राजस्थान, गुजरात तक सड़क का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए डबवाली के 9 गांवों की भूमि राज्य व केंद्र की सरकार कौड़ियों के भाव अधिग्रहित कर रही है। किसान तीन साल से लगातार मुख्य मांग बाजार भाव से 4 गुना मुआवजा, रास्ते व खाल की व्यवस्था, खेतों में बने मकानों का उचित मुआवजा, रोड के दोनों साइड लिंक रोड, कीमती पेड़ों का उचित मुआवजा आदि मांगों को लेकर संघर्षरत हैं।

हालांकि, राज्य व केंद्र की सरकार किसानों की जायज मांगों को सुनने की बजाय एनएचआई को जबरन खेतों में घुसाने का काम कर रही है। किसानों ने जबरदस्त विरोध करते हुए पहले भी डबवाली के गांव अलीकां, चौटाला में दो बार काम रुकवाया है। शुक्रवार को गांव शेरगढ़ में एनएचआई के कर्मचारियों व ठेकेदार ने जबरन खेतों में घुसने का प्रयास किया। लेकिन सूचना मिलते ही 9 गांवों के किसान इकट्ठे हो गए व जोरदार विरोध करते हुए एनएचआई का काम रुकवा दिया।