Delhi में फिर से खराब होने वाले हैं हालात, जान लें अगले दो दिन का हाल

HR Breaking News (ब्यूरो)। राजधानी दिल्ली की हवा सोलह दिन में सातवीं बार दमघोंटू हुई, यानी यह 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी वायु गुणवत्ता बुलेटिन के मुताबिक, गुरुवार को दिल्ली का औसत सूचकांक 419 अंक पर रहा, जिसे गंभीर श्रेणी में रखा जाता है। हवा की धीमी गति के कारण दो-तीन दिन राहत के आसार नहीं हैं।
दिल्ली के लोगों के लिए इस बार अक्तूबर और नवंबर बहुत ज्यादा प्रदूषण वाला साबित हुआ है। खासतौर पर 20 अक्तूबर के बाद से दिल्ली के लोगों ने एक दिन भी साफ-सुथरी हवा में सांस नहीं ली है। इस पूरे दौर में वायु गुणवत्ता खराब, बेहद खराब, गंभीर या अत्यंत गंभीर श्रेणी में रही है। दीपावली के पहले हुई बारिश से लोगों को गंभीर स्तर के प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन दिवाली पर हुई आतिशबाजी के बाद से हवा प्रदूषित हो गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को दिल्ली का औसत सूचकांक 419 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है। बुधवार को सूचकांक 398 अंक पर रहा था, जो कि गंभीर श्रेणी से सिर्फ तीन अंक नीचे था। बीते 24 घंटे में सूचकांक में 21 अंक की बढ़ोतरी हुई है।
कई स्थानों पर एक्यूआई 450 से ऊपर
कई जगह प्रदूषण का स्तर अत्यंत गंभीर श्रेणी में पहुंच चुका है। नेहरू नगर, जहांगीरपुरी, बवाना और मुंडका इलाके में गुरुवार शाम साढ़े चार बजे सूचकांक 450 से ऊपर रहा, जबकि वजीरपुर का सूचकांक 450 पर रहा। नवंबर के सोलह दिन में सात दिन ऐसे रहे हैं, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से ऊपर यानी गंभीर या अत्यंत गंभीर श्रेणी वाला रहा। तीन नवंबर को प्रदूषण का स्तर 468 दर्ज किया गया था।
सामान्य से चार गुना ज्यादा प्रदूषण
दिल्ली-एनसीआर की हवा में इस समय सामान्य से चार गुना ज्यादा प्रदूषण मौजूद है। मानकों के मुताबिक, हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से और पीएम 2.5 का स्तर 60 से नीचे रहने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है। जबकि, गुरुवार शाम चार बजे दिल्ली की हवा में पीएम 10 का स्तर 384 और पीएम 2.5 का स्तर 250 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा रहा।
ये है आकलन
अगले दो-तीन दिन तक प्रदूषण से राहत मिलने की संभावना नहीं है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की ओर से तैयार वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, अगले दो-तीन दिन हवा की रफ्तार दस किलोमीटर प्रति घंटा से नीचे रहेगी। इसके चलते प्रदूषक तत्वों का बिखराव धीमा होने से प्रदूषण का स्तर बेहद खराब या गंभीर श्रेणी में बना रहेगा।
अब तो तकनीक भी छोड़ने लगी है साथ
दिल्ली-एनसीआर के लोग इन दिनों भयावह प्रदूषण से जूझ रहे हैं। ऐसे समय में तकनीक भी साथ छोड़ रही है। सीपीसीबी के समीर मोबाइल एप पर गुरुवार को भी वायु गुणवत्ता सूचकांक जानने के लिए लोगों को जूझना पड़ा। सुबह दस बजे के लगभग दिल्ली का सूचकांक दिखाना बंद हो गया।
हालांकि, बाद में इस तकनीकी गड़बड़ी को ठीक कर लिया गया। दो दिन पहले भी सर्वर में आई खराबी के चलते समीर ऐप पर केवल नौ जगहों का ही रियल टाइम डेटा अपडेट हो रहा था। जबकि, बुधवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक पहले 401 यानी गंभीर श्रेणी में जारी कर दिया गया था। बाद में अन्य जगहों से मिले आंकड़े के बाद इसे सुधार कर 398 यानी बेहद खराब श्रेणी में किया गया।