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wheat flour rate : गेहूं के भाव में 480 रुपये की बंपर गिरवाट, अभी इतने चल रहे हैं गेहूं आटे के रेट

wheat price down : गेहूं का आटा हर भारतीय की रसोई की प्रथम ईकाई है। इसके घटते बढ़ते रेट से सीधा हमारे रसोई के बजट पर असर पड़ता है। वहीं बाजार में गेहूं के भाव में लगातार उतार चढ़ाव जारी है। केंद्र सरकार की ओर से महंगाई को कम करने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं बढ़ते गेहूं के दामों (wheat price) को लेकर भी सरकार ने कदम उठाया है। इससे देश के अलग अलग हिस्सों में आटे (wheat flour rate down) के दाम भी कम हुए हैं। आइए जानते हैं कि कहां कितने आटे और गेहूं के दाम गिरे हैं। 

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wheat flour rate : गेहूं के भाव में आई 480 रुपये की बंपर गिरवाट, अभी इतने चल रहे हैं गेहूं आटे के रेट

Hr Breaking News (wheat flour rate update) :  गेहूं की बिजाई को दो माह हो चुके हैं। वहीं नया गेहूं बाजार में आने में अभी करीब तीन माह का समय है। उससे पहले नवंबर के बाद से लगातार बाजार में बढ़ रहे गेहूं के भाव (wheat price) में बंपर गिरावट दर्ज की गई है। गेहूं के बाजार में 480 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट दर्ज की गई है। 
गेहूं के दाम में गिरावट (wheat flour price down) आते ही आटे के भाव में भी कमी देखने को मिलेगी। जिससे करोड़ों की रसोई के बजट में बैलेंस बनेगा और महंगाई से छुटकारा मिलेगा। 

 

गेहूं के बढ़ते भाव को लेकर केंद्र सरकार ने उठाया कदम


दरअसल, लगातार बढ़ रहे गेहूं के दामों के बीच केंद्र सरकार की ओर से बड़ा कदम उठाया गया। केंद्र सरकार के खाद्य मंत्रालय ने ओपन मार्केट में गेहूं बेचने की योजना बनाई जोकि सफल होती दिख रखी है। इस स्कीम के आने से गेहूं के बाजार में मंदी आई है। केंद्र सरकार के फैसले के बाद गेहूं के दाम (gehu ka rate) में 480 रुपये तक की भारी गिरावट दर्ज की गई है। 

 

OMSS सिस्टम किया FCI ने लागू


केंद्र सरकार ने लगातार बढ़ रहे दामों को लेकर बड़ा कदम उठाया। केंद्र सरकार खाद्य मंत्रालय की ओर से एफसीआई ने खुला बाजार बिक्री योजना (Open Market Sale Scheme) लागू की। ओएमएसएस के तहत खाद्य मंत्रालय की ओर से नवंबर के लास्ट में फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) को ओपन मार्केट में 25 लाख टन गेहूं बेचने की इजाजत दी गई थी।  

ओएमएसएस (OMSS)स्कीम के तहत गेहूं की ई-नीलामी की गई। इसके माध्यम से आटा मिल मालिकों व गेहूं के दूसरे उत्पाद बनाने वालों को गेहूं बेची गई। इसके अलावा अन्य व्यपारियों को भी इसमें आमंत्रित किया गया। सरकार की यह योजना मार्च 31 अगले साल तक चलेगी। इससे बढ़ते गेहूं के दामों के साथ ही आटे के दामों (wheat flour rate) पर लगाम लगी है। 

 

गेहूं के भावों में गिरावट


एफसीआई की ओर से ओपन मार्केट में गेहूं बेचने के फैसले का असर ये हुआ कि गेहूं की ई निलामी में ही 480 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट दर्ज (wheat rate update) की गई है। आटा मिल व अन्य गेहूं के प्रोडक्ट बनाने वाले संस्थान लगातार सरकार से गेहूं खरीद रहे हैं। 
गेहूं के दामों की ये भारी गिरावट देखने से लग रहा है कि आटे के दामों (wheat flour price down) में भी बंपर गिरावट आएगी और लोगों को सीधी राहत मिलेगी। ओएमएसएस स्कीम कारगर सिद्ध होती दिखाई दे रही है। वीरवार को आई गिरावट इसका उदाहरण है। 18 दिसंबर के बाद की इस ई निलामी में ये गिरावट दर्ज की गई है।  

 

इन राज्यों में गिर गए गेहूं के दाम


एफसीआई की निलामी में गेहूं उत्पादक के तौर पर सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 3 रुपये के हिसाब से रेट गिरा है। इसके अलावा जिन राज्यों में गेहूं की मात्रा (wheat price) बढ़ी है वहां पर 70 रुपये से 480 रुपये तक की गिरावट ही दर्ज की गई है। फिलहाल मार्केट में गेहूं का भाव 2600 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है। यानी जहां भी ज्यादा गेहूं सरकार ने भेजा वहां कीमतें धड़ाम हो गई। इससे ये भी पता चलता है कि मांग के अनुसार गेहूं पहुंच रहा है तो ही दाम गिरे हैं। 

 

आटे के भाव होंगे और भी कम


ओपन मार्केट में गेहूं के गिरे दाम ये भी संकेत देते हैं कि ओपन मार्केट (open market wheat flour rate) में अब आटे के भाव भी गिरेंगे। फिलहाल गेहूं और आटे के दाम आसमान छू रहे हैं। ये आम आदमी की पहुंच से दूर होते जा रहे थे। इसी लिए सरकार ने ये कदम उठाया है। गेहूं का भाव प्रति किलो 25 रुपये तो आटे का 35 से 36 रुपये प्रति किलो ऊपर जा पहुंच चुका था। 
 

इन राज्यों में बंपर गिरावट


गेहूं के दाम में सरकार के फैसले के बाद गिरावट आई है। जहां ज्यादा गेहूं भेजा वहां, दाम गिर गए। मुख्य रूप से पंजाब, बिहार और पश्चित बंगाल में दाम गिरे हैं। पंजाब में 145 से 150 रुपये प्रति क्विंटल तक दाम कम हो गए। 
वहीं पश्चिम बंगाल की मार्केट में 150 से 154 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं बिहार में 160 से 169 रुपये प्रति क्विंटल तक गिरावट हुई है। सबसे अधिक गिरावट छत्तीसगढ़ में की गई। यहां पर गेहूं के भाव (wheat rate) की ई नीलामी 300 रुपये प्रति क्विंटल तक कम हुई है। 

वहीं जहां एक और बंपर गिरावट दर्ज की गई है वहीं जिन राज्यों में सरकार ने गेहूं (wheat rate hike) की मात्रा कम की वहां पर दाम थोड़ बढ़ गए हैं। हालांकि ज्यादा नहीं बढ़े लेकिन 25 रुपये से 100 रुपये तक प्रति क्विंटल का उछाल देखने को मिला है। वहीं मिल मालिकों ने लगातार निलामी जारी रखने की मांग की है। पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों ने गेहूं की मात्रा बढ़ाने की मांग की जा रही थी। गेहूं की मात्रा बढ़ेगी तो लोगों की डिमांड पूरी होगी और गेहूं सस्ता मिलेगा।