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Wheat Price Down : मुंह के बल गिरे गेहूं के दाम, सरकार ने दिया तगड़ा झटका

Wheat Price Today : गेहूं के भाव में अचानक आई गिरावट ने किसानों को चौंका दिया है। कई मंडियों में गेहूं का रेट एमएसपी से भी नीचे आ गया है। अब तक गेहूं के भाव (wheat rate update) में ताबड़तोड़ बढ़ौतरी देखी जा रही थी, लेकिन अब गेहूं के दाम मुंह के बल जमीन पर आ गिरे हैं। सरकार के एक खास फैसले से किसानों को तगड़ा झटका लगा है। आइये जानते हैं अब गेहूं का भाव कितना हो गया है।

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Wheat Price Down : मुंह के बल गिरे गेहूं के दाम, सरकार ने दिया तगड़ा झटका 

HR Breaking News - (wheat price)। गेहूं के भाव में जून माह के अंत तक बढ़ौतरी देखी जा रही थी। अब इस महीने में एकदम से गेहूं का भाव गिर गया है। हर दिन गेहूं के दामों (wheat rate 2 july) में उतार चढ़ाव देखा जा रहा था, आखिर ये जमीन पर औंधे मुंह आ गिरे हैं। हालांकि अचानक गेहूं के दाम गिरने के पीछे कई कारण हैं, लेकिन सरकार के एक फैसले ने किसानों को तगड़ा झटका दिया है। इससे मंडियों में भी गेहूं के रेट (gehu ka bhav) प्रभावित हो गए हैं।

MSP के करीब ठहरा गेहूं का भाव -


इस समय कई राज्यों में गेहूं के दाम एमएसपी (wheat MSP) 2425 रुपये प्रति क्विंटल के करीब हैं तो कई राज्यों में ये इससे ऊपर चल रहे हैं। कुछ दिन पहले गेहूं के रेट में काफी उछाल देखा जा रहा था। मंडियों (mandi bhav today) और निजी व्यापारियों से किसानों को गेहूं के अच्छे भाव किसानों को मिल रहे थे। अब यह अधिकतर जगह एमएसपी के करीब ही ठहर गया है।

सीमित रेट पर बेची जा रही गेहूं-


जब से सरकार ने गेहूं के भाव (wheat price today) को नियंत्रित करने के लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत गेहूं, चावल (rice price today) और टूटे चावल (rice price) की न्यूनतम आरक्षित कीमतें तय की हैं, तब से ही बाजार व मंडियों में गेहूं के रेट (gehu ki kimat) प्रभावित हो गए हैं। अब किसानों को सीमित रेट पर ही गेहूं बेचने का मौका मिल रहा है। निजी व्यापारी भी अब गेहूं के अधिक दाम नहीं लगा रहे।

यह कहना है एक्सपर्ट्स का-


एक्सपर्ट्स का इस बारे में कहना है कि अभी गेहूं के दाम (wheat price) नियंत्रित रहेंगे। सरकार भी इस दिशा में कई कदम उठा सकती है। इस कारण कुछ दिनों तक तो गेहूं के भाव (gehu ka taja bhav) पर लगाम रहेगी लेकिन उसके बाद ऑफ सीजन में गेहूं के दाम और बढ़ सकते हैं। ये एमएसपी से काफी ऊपर जा सकते हैं।

गेहूं की खरीद और आवक घटी-


अब रेट गिरने से गेहूं की आवक भी कम हो गई है। निजी व्यापारी भी अब पहले जितने सक्रिय नहीं रहे। बरसाती मौसम ने भी गेहूं के रेट (wheat rate 2 july) में आई तेजी को कम करने का काम किया है। अलग अलग राज्यों की मंडियों (mandi bhav today) में गेहूं का भाव अब ठहर सा गया है। गेहूं की सरकारी खरीद भी अब लगभग बंद हो चुकी है, इस कारण आवक भी घट गई है।