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Wheat Price hike : अचानक उछले गेहूं के दाम, एमएसपी से इतना ऊपर पहुंचा भाव

Wheat Rate Today : गेहूं के भाव में अचानक उछाल आने से किसानों की मौज हो गई है। अब किसानों को एमएसपी से ऊपर गेहूं बेचने का मौका मिल रहा है। देशभर की अधिकतर मंडियों (mandi bhav) में गेहूं अब भी एमएसपी के आसपास ही है, लेकिन व्यापारी किसानों से सीधा गेहूं (wheat price today ) खरीद रहे हैं। इससे उनको तगड़ा मुनाफा हो रहा है। आइये जानते हैं कहां तक पहुंच गए हैं गेहूं के दाम।

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Wheat Price hike : अचानक उछले गेहूं के दाम, एमएसपी से इतना ऊपर पहुंचा भाव

HR Breaking News - (wheat Price Update)। गेहूं की सरकारी खरीद अब धीरे धीरे कम होती जा रही है। सरकारी केंद्रों पर एमएसपी (wheat price 18 may 2025) पर अधिकतर उन्हीं किसानों ने गेहूं बेचा है, जिन्हें गेहूं को स्टोर नहीं करना था। अब मंडियों में कम ही किसान गेहूं लेकर पहुंच रहे हैं। गेहूं के सरकारी भाव (wheat rate latest) पर बाजार भाव असर डाल रहा है। खुले बाजार में किसानों को मंडियों की अपेक्षा गेहूं का भाव अधिक मिल रहा है। अब गेहूं के भाव (gehu ka bhav) में अचानक उछाल आ गया है। 

इस कारण कम हुई गेहूं की आवक-


इस बार के सीजन के लिए सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (wheat MSP) 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बोनस मिलाकर भी 2600 रुपये तक ही गेहूं का भाव चल रहा है।

पैसों के भुगतान में देरी -


ऐसे में कई राज्यों में बाजार में गेहूं के दाम (gehu ki kimat) एमएसपी से अधिक ऊपर होने के कारण किसान अपनी फसल खुले बाजार में बेचने की ओर रुझान दिखा रहे हैं। कई सरकारी केंद्रों पर गेहूं बेचने वाले किसानों को पैसों का भुगतान देरी से हो रहा है। इस कारण अब किसान सीधा व्यापारियों को एमएसपी से ऊंचे रेट (wheat rate hike) पर गेहूं बेचने लगे हैं। 

2700 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचा भाव-


बाजार में गेहूं के भाव (wheat price latest) तेज होने के कारण किसानों को अधिक मुनाफा मिल रहा है। इसलिए मंडियों में अब कम ही किसान गेहूं लेकर पहुंच रहे हैं। अधिकतर क्रय केंद्रों पर सन्नाटा पसर गया है। व्यापारी सीधे ही किसानों से गेहूं खरीद रहे हैं। अच्छी गुणवत्ता वाला गेहूं 2700 रुपये (wheat rate 18 may) प्रति क्विंटल से ऊपर बिक रहा है। मंडियों की अपेक्षा यहां पर किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल का फायदा अधिक हो रहा है।

गेहूं की आवक कम होने से खरीद घटी-


अप्रैल माह से ही गेहूं खरीद (wheat purchasing) का कार्य जारों पर है। अब गेहूं की आवक मंदी होने से इसका असर खरीद पर भी पड़ा है। अभी भी कुछ राज्यों में सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं (gehu ka bhav) न के बराबर पहुंची है। यहां अधिकारियों की चिंताएं बढ़ी हुई हैं कि उनका खरीद का लक्ष्य कैसे पूरा हो सकेगा।

यह कहना है एक्सपर्ट्स का -


बाजार भाव से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि मंडियों की अपेक्षा गेहूं के बाजार भाव में तेजी अधिक है। अब गेहूं खरीद केंद्रों पर गेहूं (wheat rate update) की आवक कम हुई है। गेहूं खरीद के टारगेट को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार जल्द ही गेहूं (wheat price) खरीद का लक्ष्य पूरा कर सकती है।

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