Wheat Rate Hike : एमएसपी से इतना ऊपर पहुंचा गेहूं का भाव, किसानों को हो रहा तगड़ा मुनाफा
Wheat Price : गेहूं के दाम हर दिन बढ़ते जा रहे हैं। देशभर की मंडियों में करीब एक माह से नए गेहूं की आवक और खरीद हो रही है। इस बार किसानों को एक तो बढ़े हुए गेहूं के एमएसपी का फायदा मिल रहा है, दूसरा एमएसपी (wheat MSP) से ऊपर दाम मिलने के कारण तगड़ा मुनाफा हो रहा है। इस माह के अंत तक गेहूं के दामों (gehu ka bhav) में और बढ़ौतरी होने के आसार हैं।

HR Breaking News - (Wheat Price Today)। देशभर में नए MSP पर गेहूं की खरीद जारी है। मंडियों में बेशक गेहूं की आवक अधिक हो रही हो, लेकिन किसानों को मंडियों (mandi bhav today) के बजाय सीधा व्यापारियों को गेहूं बेचने में तगड़ा मुनाफा हो रहा है। अधिकतर राज्यों की मंडियों में एमएसपी पर ही गेहूं बेचा जा रहा है
लेकिन व्यापारियों के माध्यम से बिकने वाले गेहूं पर किसानों को प्रति क्विंटल गेहूं पर अधिक पैसे बन रहे हैं। सरकार की ओर से तय किए गए 2425 रुपये (wheat rate today) प्रति क्विंटल के एमएसपी से ऊपर गेहूं बिकना भविष्य में भी तेजी के संकेत दे रहा है।
सरकारी खरीद केंद्रों पर यह है स्थिति-
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश देश (wheat price in UP) के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य हैं। यहां पर गेहूं के औसत दाम 2450 रुपये प्रति क्विंटल पर ट्रेड कर रहे हैं। राजस्थान और मध्य प्रदेश में तो किसानों को प्रति क्विंटल गेहूं पर 150 रुपये बोनस (bonus on wheat) भी दिया जा रहा है। यहां सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं की खरीद अभी कम ही हो रही है, किसाना सीधा व्यापारियों को गेहूं बेच रहे हैं। व्यापारी किसानों से 2800 रुपये प्रति क्विंटल तक किसानों से गेहूं खरीद रहे हैं।
किसानों से सीधी खरीदी जा रही गेहूं-
ग्रामीण इलाकों में गेहूं की खरीद करने वाले स्थानीय व्यापारी काफी सक्रिय हो गए हैं। इस कारण गेहूं मंडियों (mandi news) तक कम ही पहुंच रहा है। यही कारण है कि मई में आवक व खरीद मंडियों में घट गई है। सरकारी खरीद केंद्रों पर हरियाणा, पंजाब, यूपी व अन्य राज्यों में कम गेहूं खरीदा जा रहा है। कई राज्यों में तो व्यापारी सीधा किसानों के घर से ही गेहूं (wheat rate update) खरीद रहे हैं।
इस कारण बढ़ सकते हैं गेहूं के दाम-
बड़ी कंपनियां अब गेहूं को कम रेट (gehu ke daam) पर खरीदकर स्टॉक करने की फिराक में हैं। इस कारण आने वाले समय में रेट और बढ़ सकते हैं। सरकार इस सीजन में पहले ही गेहूं के दाम नियंत्रण करने का प्लान कर रही है। इस कारण फटाफट गेहूं खरीद (wheat purchasing) का लक्ष्य पूरा किया जा रहा है ताकि सरकार के पास पर्याप्त भंडार रहे।
पिछली बार गेहूं के दामों (wheat rate latest) ने ग्राहकों के पसीने छुड़ा दिए थे। हालांकि तब उन किसानों को अधिक फायदा मिला था, जिन्होंने गेहूं को स्टॉक कर लिया था। इस बार भी ऐसी स्थिति बनी तो रेट और अधिक बढ़ सकते हैं।