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wheat rate : पिछले 3 साल में कितने बढ़े गेहूं के भाव, जानिये आगे क्या रहेगा गेहूं का रेट

Wheat price hike : गेहूं के दाम आज सातवें आसमान पर हैं, जिससे एक तरफ गेहूं का स्टॉक करने वालों को अच्छा इजाफा हो रहा है, वहीं उपभोक्ताओं के लिए गेहूं के रेट परेशानी का सबब बने हुए हैं। प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में भी इस समय गेहूं के रेट (latest wheat rate) चौंका रहे हैं। पहले गेहूं के भाव में इतनी तेजी नहीं देखी गई थी, लेकिन अब गेहूं के भाव पिछले तीन सालों से लगातार उतार-चढ़ाव में चल रहे हैं। आइए जानते हैं 3 साल में गेहूं के दामों में कितनी तेजी आई है और आगे कहां तक पहुंचेंगे गेहूं के दाम -

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wheat rate : पिछले 3 साल में कितने बढ़े गेहूं के भाव, जानिये आगे क्या रहेगा गेहूं का रेट

HR Breaking News (Wheat price update) : इस बार गेहूं के दाम जिस गति से बढ़े हैं, उस हिसाब से गेहूं के दामों पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो रहा है। गेहूं के दाम (wheat price hike) लगातार बढ़ने से लोगों को आटा भी महंगा पड़ रहा है। रबी सीजन की फसल गेहूं के रेट (wheat rate today) इस सीजन में शुरुआत में ही बढ़ोतरी पर थे, नए साल में तो ये एमएसपी से काफी ज्यादा ऊपर हो गए हैं।

देशभर की मंडियों में इस समय गेहूं के रेट पिछले तीन सालों में अपने सबसे ऊंचे स्तर पर हैं। तीन साल की इस अवधि में गेहूं के दाम किस तरह से ट्रेड करते रहे हैं और आने वाले समय में कहां पहुंचेंगे, जानिए पूरी डिटेल।

 

 

2 माह में ही इतने उछले रेट 

 

 

गेहूं रबी सीजन की एक प्रमुख फसल है और पिछले 2 महीनों से इसकी कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे ग्राहकों को इसके इस्तेमाल को लेकर मुश्किलें बढ़ रही हैं। वर्तमान समय में गेहूं की कीमत औसत रूप से 3010 रुपये (gehu ka latest bhav) प्रति क्विंटल तक हो गई है।  यह पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ गई है।

हाल के आंकड़े बताते हैं कि इसकी कीमतों में एमएसपी (2275 रुपये प्रति क्विंटल) से करीब 31 प्रतिशत (wheat MSP) का ज्यादा इजाफा हो चुका है और यह पिछले साल से 53 प्रतिशत अधिक है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले कुछ हफ्तों में गेहूं की कीमतों में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, इसकी कीमतों में स्थिरता आने में समय लग सकता है।

3 साल में इतने बढ़े गेहूं के रेट (wheat price hike)

गेहूं की कीमतों में हाल ही के दिनों में तगड़ी बढ़ौतरी देखी गई है। पिछले सप्ताह गेहूं के मंडी भाव (gehu ka mandi bhav) में 20 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है। अब इसका मूल्य 3010 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है, जो पिछले महीने की तुलना में ज्यादा है। इस साल की तुलना में भी गेहूं के दाम पिछले साल की तुलना में 17 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। पिछले 3 सालों में गेहूं की कीमतों (wheat price) में 54 प्रतिशत से अधिक का इजाफा हुआ है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बाजार में गेहूं के दाम तेजी से बढ़े हैं।

गेहूं बुवाई क्षेत्र में भी वृद्धि 

रबी सीजन 2024-25 में किसानों ने गेहूं की फसल के लिए लगभग 323 लाख हेक्टेयर (wheat cultivation) तक अधिक क्षेत्र में बुवाई की है। इस बार पिछले साल के मुकाबले बुवाई में 2.35 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है। किसानों ने सामान्य से ज्यादा जमीन पर गेहूं की खेती की है। अब फसल की बुवाई लगभग खत्म हो चुकी है और इसके बाद मौसम में गर्मी व तापमान बढ़ने से फसल का सही से बढ़ना मुश्किल हो सकता है। 

सरकार ने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये (wheat MSP price) प्रति क्विंटल में 150 रुपये की वृद्धि की घोषणा की है, जिससे किसानों को फसल की बेहतर कीमत मिलने की उम्मीद है। इस फैसले से गेहूं की खेती में किसानों की और ज्यादा रुचि देखने को मिली है।

गेहूं की कीमतों में बढ़ौतरी के कारण


गेहूं की कीमतों में बढ़ौतरी की वजह मुख्य रूप से मौसमी उतार-चढ़ाव और किसानों द्वारा स्टॉक नहीं बेचना है। किसान अगली फसल आने से पहले अपने पुराने स्टॉक (wheat stock) को नहीं बेचना चाहते। 
इसके अलावा, खाद्य उद्योग की कंपनियां जैसे बिस्किट और ब्रेड बनाने वाली कंपनियों ने बड़ी मात्रा में गेहूं (wheat price) की खरीदारी की है, जिससे मार्केट में आपूर्ति पर असर पड़ा है और गेहूं की मांग और बढ़ी है। इसके चलते, व्यापारियों के पास भी बहुत कम स्टॉक बचा है। केंद्र सरकार द्वारा स्टॉक सीमा निर्धारित करने से पहले ही व्यापारियों के पास गेहूं की आपूर्ति कम हो गई थी। सरकारी एजेंसी ने भी गेहूं (gehu ka taja bhav) की आपूर्ति में देरी की है, जिससे बाजार में और कमी आई है।

गेहूं की आपूर्ति और मांग का कीमतों पर असर

केंद्र सरकार की ओर से अब गेहूं की आपूर्ति शुरू कर दी गई है, लेकिन प्रक्रिया धीमी होने की वजह से राहत की उम्मीद नहीं है। एफसीआई की ओर से 27 लाख मीट्रिक (E-auction wheat stock) टन की आपूर्ति ई-नीलामी के माध्यम से हो रही है, लेकिन इसका असर बाजार में तुरंत नजर नहीं आ रहा। 


विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक गेहूं की मांग के अनुसार पूरी आपूर्ति नहीं होती, तब तक गेहूं की कीमतों में कमी की संभावना कम है। इस स्थिति में, अप्रैल तक गेहूं की कीमतों (latest wheat price) में वृद्धि जारी रहेगी। हालांकि गेहूं के आवक के समय गेहूं के रेट में गिरावट आने की उम्मीद है, लेकिन इसके बाद  आने वाले समय में गेहूं के रेट में बंपर इजाफा हो जाएगा।