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wheat rate today : मंडियों में घटा गेहूं खरीद का आंकड़ा, इतने हो गए 1 क्विंटल गेहूं के रेट

mandi bhav : पिछले 15 दिन से देशभर की मंडियों में गेहूं की आवक और खरीद जोरों पर चल रही थी, अब अचानक गेहूं खरीद का आंकड़ा गिर गया है। इसका असर गेहूं के दामों पर भी पड़ा है। किसानों को एमएसपी के आसपास गेहूं के दाम (wheat price today) मिल रहे थे, अब अचानक खरीद घटने से गेहूं के रेट में फिर बदलाव आया है। आइये जानते हैं इस समय कितने हो गए हैं 1 क्विंटल गेहूं के रेट।
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wheat rate today : मंडियों में घटा गेहूं खरीद का आंकड़ा,  इतने हो गए 1 क्विंटल गेहूं के रेट

HR Breaking News - (wheat price)। गेहूं का नया सीजन शुरू हो चुका है, हर दिन गेहूं की आवक, खरीद और भाव का आंकड़ा अपडेट (wheat rate update) हो रहा है। इसकी आवक की बात करें तो यह अब पहले से कम हुई है, इस कारण खरीद भी कम हो गई है।

गेहूं की आवक व खरीद घटने से गेहूं के दाम (gehu ka bhav) प्रभावित हुए हैं। सरकार इस बार सीजन के शुरू से ही प्रयास कर रही है कि सरकारी रेट पर गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा करते हुए गेहूं के दामों (wheat rate 5 may) को भी नियंत्रण में रखा जाए। इससे पहले सरकार ने गेहूं उत्पादन का लक्ष्य तय किया था, जिसमें सरकार को काफी हद तक सफलता मिली है। इस बार सरकार ने गेहूं का एमएसपी भी बढ़ाया है, जिसका फायदा किसानों को मिला है।


उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में गेहूं का भाव -


उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश  (wheat price in MP) दोनों ही देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य हैं। एमपी में 150 रुपये का बोनस प्रदेश सरकार की ओर से प्रति क्विंटल गेहूं खरीद पर दिया जा रहा है। यूपी में राज्य सरकार प्रति क्विंटल गेहूं पर 20 रुपये किसानों को अतिरिक्त दे रही है। इन दोनों ही राज्यों में गेहूं का रेट 2600 रुपये (wheat price in UP) प्रति क्विंटल के करीब है। अब गेहूं की आवक व खरीद घटी है, इससे रेट थोड़े नरम हुए हैं। हालांकि कई मंडियों में रेट (mandi bhav) बढ़ने की संभावनाएं बनी हुई हैं।

गेहूं खरीद घटने का कारण-


वहीं भाव विशेषज्ञों का कहना कि गेहूं के दाम (gehu ki kimat) किसानों को कम मिल रहे थे, इसलिए आवक घट गई और इससे गेहूं खरीद का आंकड़ा ऑटोमेटिक गिरना ही था। जब गेहूं किसानों की ओर से आएगा ही नहीं तो खरीद कहां से होगी।

इस मंडी में इतना चल रहा गेहूं का भाव -


दूसरी ओर मध्य प्रदेश की गोपालगंज मंडी (mandi bhav today) की बात करें तो यहां पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (wheat MSP) पर गेहूं खरीद की जा रही है। यह 10 अप्रैल से ही शुरू हो गई थी, प्रदेश के तीन सरकारी खरीद केंद्रों में तो गेहूं आई ही नहीं है। इसलिए यहां पर गेहूं आवक व खरीद का आंकड़ा सबसे नीचे है।

हालांकि रेट की बात करें तो यहां पर गेहूं का रेट (gehu ke daam) एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल बना हुआ है और इस पर 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस के अलग से हैं। जिले में 4470 टन गेहूं खरीद (wheat purchasing) का लक्ष्य है, लेकिन अभी तक केवल करीब 155 टन गेहूं खरीदा जा सका है। ऐसे में इस बार लक्ष्य हासिल करना दूर की बात लग रही है।

मंडियों में गेहूं बेचने की ओर है किसानों का रुझान-


मध्य प्रदेश में अधिकतर किसान मंडियों (mandi news) में ही निजी व्यापारियों को गेहूं बेच रहे हैं। यहां उनको कुछ ठीक भाव मिल रहा है, जबकि राज्य सरकार किसानों से सरकारी क्रय केंद्रों के जरिये गेहूं बेचने की अपील कर रही है। सरकार की ओर से इस बार बढ़ाए गए एमएसपी और बोनस (bonus on wheat) को किसान नाकाफी मान रहे हैं।

बाजार में गेहूं के दाम चढ़े-


मंडियों की अपेक्षा बाजार में गेहूं के दाम (wheat price update) ऊपर हैं। यहां पर 2650 रुपये प्रति क्विंटल का औसत भाव बना हुआ है। जबकि मंडियों में 2425 से लेकर 2600 रुपये प्रति क्विंटल पर ही यह रेट सिमट गया है। मॉडल प्राइस (gehu ka model price) की बात करें तो यह देशभर की मंडियों में 2550 रुपये के करीब है। गेहूं का औसत भाव इस समय 2500 रुपये (wheat everage price) प्रति क्विंटल चल रहा है।